स्पोर्ट्स डेस्क7 घंटे पहले
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मैरी कॉम लंदन ओलिंपिक्स में ब्रॉन्ज जीत चुकी हैं।
बॉक्सिंग लीजेंड मैरी कॉम ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए आगामी पेरिस ओलिंपिक 2024 के लिए भारत के शेफ-डी-मिशन के पद से इस्तीफा दे दिया है। भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन (IOA) की अध्यक्ष पीटी उषा ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की।
पीटी उषा को लिखे लैटर में कॉम ने कहा कि, मैं हर संभव तरीके से अपने देश की सेवा करना सम्मान की बात मानती हूं और मैं इसके लिए मानसिक रूप से तैयार थी। हालांकि, मुझे अफसोस है कि मैं जिम्मेदारी को निभाने में सक्षम नहीं हो पाऊंगी और व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा देना चाहूंगी।
पीटी उषा ने कहा, हमें दुख है कि ओलिंपिक मेडल विनर बॉक्स और IOA एथलीट कमिशन की प्रेसिडेंट मैरी कॉम ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए पद छोड़ दिया है। हम उनके फैसले और उनकी गोपनीयता का सम्मान करते हैं। मैं बोर्ड में चर्चा करने के बाद जल्द ही मैरी कॉम के रिप्लेसमेंट की घोषणा करूंगी।
शेफ-डी-मिशन के रूप में मैरी कॉम को देश के एथलिट्स को लीड करना था
शेफ-डी-मिशन के रूप में मैरी कॉम की जिम्मेदारी ओलिंपिक गेम्स में नेशनल टीम का लीडर बनना था। कॉम को टीम लीडर और प्रतिनिधि के रूप में काम करना था, जो गेम्स में देश के सभी एथलीट की भागीदारी के साथ ही कॉर्डिनेशन और मैनेजमेंट के लिए जिम्मेदार होता।
IOA ने इस साल मार्च दी थी जिम्मेदारी
कॉम को इस साल 21 मार्च में भारतीय ओलिंपिक एसोसिएशन (IOA) ने शेफ-डी-मिशन के रूप में नियुक्त किया गया था। IOA का मानना था कि कॉम पेरिस में होने वाले इवेंट में एथलीटों का मार्गदर्शन करने के लिए एक स्वाभाविक पसंद थीं। वहीं, शिवा केशवन को अपने डिप्टी के रूप में काम करने के लिए तैयार थीं।
IOA ने कहा, मैरी कॉम का गेम्स के प्रति समर्पण और जर्नी उन्हें ओलंपिक में हमारे एथलीटों का मार्गदर्शन करने के लिए टॉप चॉइस बनाती है। केशवन, ल्यूज गेम (विंटर ओलिंपिक का खेल) के पूर्व ओलंपियन, टीम के मैनेजमेंट का समर्थन करने के लिए अनुभव और नॉलेज लेकर आते हैं।

शरथ कमल होंगे ध्वजवाहक
अनुभवी टेबल टेनिस खिलाड़ी और मौजूदा कॉमनवेल्थ गेम्स चैंपियन शरथ कमल भारत के लिए ध्वजवाहक होंगे। वहीं, महिला ध्वजवाहक का नाम बाद में अनाउंस किया जाएगा क्योंकि गेम्स के लिए कई ओलिंपिक कोटा अभी भरे नहीं गए हैं। अलग-अलग गेम्स में भारत के 40 से ज्यादा एथलीट अब तक पेरिस गेम्स के लिए क्वालीफाई कर चुके हैं।
मैरी कॉम का करियर
- 18 की उम्र की थी शुरुआत : मैरीकॉम ने बॉक्सिंग कॅरियर की शुरुआत 18 साल की उम्र में स्क्रैंटन, पेनसिल्वेनिया में की थी। जहां अपनी क्लियर बॉक्सिंग टेक्नीक से उन्होंने सभी को प्रभावित किया और 48 KG कैटेगरी के फाइनल में जगह बनाई। फाइनल में वह पिछड़ गईं, लेकिन लोगों के दिलों में जगह बनाने में कामयाब रहीं।
- जुड़वा बच्चों के जन्म के बाद लिया ब्रेक : मैरी कॉम इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन (IBA) की वुमन बॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय बनीं। उन्होंने 2005, 2006, 2008 और 2010 में वर्ल्ड चैंपियनशिप का खिताब जीता। 2008 का खिताब जीतने के बाद, मैरी अपने जुड़वां बच्चों को जन्म देने के बाद ब्रेक पर चली गईं।
- 2012 में लंदन ओलिंपिक में जीता ब्रॉन्ज : 2012 के लंदन ओलिंपिक में मैरी कॉम ने 51KG कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल जीता। इसके बाद मैरी ने तीसरे बच्चे को जन्म दिया और वे एक बार फिर ब्रेक पर चली गईं। उन्होंने 2018 में उन्होंने दिल्ली में वर्ल्ड चैंपियनशिप में अपना छठा टाइटल जीता, जहां उन्होंने यूक्रेन की हन्ना ओखोटा पर 5-0 से जीत दर्ज की थी।