Mahashivratri 2024 Pataleshwar Mahadev Temple of jodhpur History Interesting facts ann

Jodhpur Pataleshwar Shiv Mandir: 8 मार्च 2024 को महाशिवरात्रि पर्व के लिए सभी शिवालय में सजावटो का दौर शुरू हो चुका है. बाबा भोलेनाथ के कई ऐसे स्वयंभू मंदिर है. जहां बाबा भोलेनाथ विराजते हैं. अपने भक्तों के मन की मुराद को पूरा करते है.

महाशिवरात्रि पर एबीपी न्यूज़ पहुंचा बाबा भोलेनाथ के जोधपुर स्थित एक खास मंदिर में, जिसे पातालेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है. आइए जानते हैं पातालेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास, खासियत.

पातालेश्वर मंदिर की खास मान्यता (Pataleshwar Shiv Mandir Significance)

इस मंदिर की मान्यता है कि कोई भी भक्त इस मंदिर की प्रांगण में आ जाता है,तो उसके सारे संकट बाबा भोलेनाथ हर लेते हैं. उसके जीवन में किसी तरह के दुख नहीं रहते हैं. ऐसी ही इस पातालेश्वर महादेव मंदिर की मान्यता है, बाबा भोलेनाथ के देश के भक्ति ही विदेशी भक्त भी मानते हैं. वो समय-समय पर इस मंदिर में दर्शन करने पहुंचते हैं.

द्वारकाधीश मंदिर की तर्ज पर बना है पातालेश्वर मंदिर

पुजारी भूपेंद्र वैष्णव ने बताया कि पातालेश्वर महादेव मंदिर भीतरी शहर के कुंज बिहारी मंदिर के परिसर में स्थित है. इस मंदिर को महाराजा विजय सिंह ने गुजरात के द्वारकाधीश मंदिर की तर्ज पर 235 साल पहले 40 फिट जमीन के नीचे निर्माण करवाया था. पातालेश्वर महादेव मंदिर में बाबा भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं को सीढ़ियां उतरकर मंदिर में पहुंचना पड़ता है.

यह पातालेश्वर महादेव मंदिर जोधपुर शहरवासियों के साथ जापानवासियों के लिए भी खास महत्व रखता है. अमेरिका स्पेन जापान चीन और अन्य देशों में भी लोकप्रिय है. इस मंदिर में प्रत्येक शिवरात्रि को सजावट के साथ कई तरह के धार्मिक अनुष्ठान के साथ रुद्राभिषेक किये जाते है.

विदेशी भक्तों का लगा रहता है तांता

पुजारी भूपेंद्र वैष्णव ने बताया कि पातालेश्वर महादेव मंदिर में प्रतिवर्ष जापान से पर्यटकों के ग्रुप यहां पहुंचते हैं और मंदिर में रुद्राभिषेक करते हैं. विदेश से आने वाले सैलानी भी इस मंदिर को देखकर जाते हैं. एबीपी न्यूज़ की टीम जब इस मंदिर की कवरेज पर पहुंची. इस दौरान अमेरिका और स्पेन की पर्यटक इस मंदिर में मौजूद थे. जो बाबा भोलेनाथ के दर्शन कर अपनी मन की मुराद को मनाने के लिए नंदी बाबा के कान में मान्यताओं के आधार पर अपनी दिल की मुराद बता रहे थे.

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पातालेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास

  • परिसर में हरिहर की प्रथा के तहत पातालेश्वर मंदिर का निर्माण महाराजा विजय सिंह की पासवान पत्नी गुलाब राय ने 1779 विक्रम संवत 1837 में फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन उन्होंने अपने पुत्र शेर सिंह की याद में करवाया था.  
  • यह जमीन के नीचे दो मंजिल गहरा है जहां श्रद्धालु बाबा भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए सीढ़ियों से उतरकर पहुंचते है.
  • पातालेश्वर महादेव मंदिर के परिसर में शिवलिंग और विनायक जी का विग्रह स्थापित है। इस मंदिर में 365 दिन भक्तों का ताता लगा रहता है वर्तमान में यह मंदिर देवस्थान प्रतिबंधित मंदिर है. मंदिर का तोरण द्वार स्थापत्य कला का उत्कृष्ट नमूना है.

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