Mahashivratri 2024: | Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि पर पंचक का साया, जानें किस समय करें पूजा, क्या सावधानी बरतें

Mahashivratri 2024: इस बार 8 मार्च 2024 को शिव पूजा का बेहद खास दिन है. इस दिन महाशिवरात्रि और शुक्र प्रदोष व्रत का संयोग बन रहा है. ऐसे में इस बार जो व्यक्ति सच्चे मन से इस दिन व्रत शिव जी का पूजन करेगा उसे परम सिद्धि प्राप्त होगी. इस व्रत के प्रताप से साधक का जीवन जन्म-जन्मांतर के लिए सफल हो जाता है और हर क्षेत्र में उसे कामयाबी होती है. विवाह में आ रही रुकावटें दूर होती है.

शिवपुराण में बताया गया है कि जो लोग विवाहित हैं उन्‍हें अपने जीवनसाथी के साथ इस दिन पूरे विधि विधान से शिवरात्रि की पूजा करनी चाहिए. इस बार महाशिवरात्रि पर पंचक का साया भी मंडरा रहा है. ऐसे में शिवरात्रि पर किस समय पूजा करना सही होगा, कैसे करें पूजन.

महाशिवरात्रि पर पंचक का साया

8 मार्च 2024 शुक्रवार को  रात 09 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगा और 12 मार्च 2024 को रात 08 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगा. ये चोर पंचक होगा. पंचक को अशुभ माना जाता है, इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं.

महाशिवरात्रि पर पूजा का मुहूर्त

महाशिवरात्रि से चोर पंचक लग रहे हैं, शास्त्रों में भले ही पंचक में शुभ कार्य की मनाही है लेकिन भगवान शिव देवों के देव और कालों के महाकाल हैं. इसलिए पंचक के अशुभ योग का भोलेनाथ के पूजन और अभिषेक पर कोई असर नहीं पड़ेगा. ऐसे में महाशिवरात्रि पर भक्त निशा काल में 9 मार्च को प्रात: 12.07 से प्रात: 12.55 के बीच कर सकते हैं. इस दिन प्रदोष काल में भी भोलेनाथ का जलाभिषेक किया जाता है, इसके लिए शाम 06.25 से रात 08.52 पूजा का शुभ मुहूर्त है.

महाशिवरात्रि पर पूजा में बरतें ये सावधानी

  • पूजा-पाठ में पंचक मान्य नहीं होता ऐसे में शिवलिंग पूजा बिना झिझक के करें.
  • ध्यान रखें कि इस दिन काले कपड़े न पहनें.
  • शिव पूजा में हल्दी, तुलसी, शंख, नारियल का इस्तेमाल नहीं किया जाता है.
  • शिवलिंग पर तेज धारा से जल न चढ़ाएं, इससे पूजा का फल नहीं मिलता.
  • महाशिवरात्रि का दिन मांगलिक कार्य के लिए शुभ माना जाता है लेकिन इस दिन से चोर पंचक लग रहे हैं ऐसे में विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन आदि न करें.

शिव और शक्ति के मिलन का दिन

ऐसी मान्यता है कि माता पार्वती से भगवान शिव को पाने के लिए कठोर तपस्या की थी और महाशिवरात्रि के दिन माता पार्वती की तपस्या सफल हुई थी. उनका विवाह भगवान शिव का साथ संपन्न हुआ था. महाशिवरात्रि का व्रत महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्त के लिए रखती हैं.

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