Life Expectancy | भारत में 8 साल तक बढ़ी जीवन की प्रत्याशा, जानिए कितना है दुनिया में औसत उम्र का पैमाना

Life Expectancy, Lifestyle

दुनिया में जीवन प्रत्याशा की बढ़ी दर (सोशल मीडिया)

Loading

Life Expectancy:

नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क: दुनियाभर में अक्सर मौत के मामले बढ़ने का असर जीवन प्रत्याशा दर ( Life Expectancy) पर देखने के लिए मिलता है लेकिन हाल ही में आए आंकड़ों ने दुनियाभर में औसत उम्र में बढ़ोत्तरी का प्रमाण दिया है। यहां पर औसत उम्र में 6.2 साल का इजाफा हुआ है। द लैंसेट में प्रकाशित नए अध्ययन में पाया कि, 6 सालों तक लोगों में जीने की आशा बढ़ी है। यह दुनिया का आंकड़ा रहा है।

जानिए शोध में क्या कहते हैं आंकड़ें

यहां पर अध्ययन के अनुसार, 13.6 वर्ष के साथ भूटान में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई है। यहां कम जनसंख्या होने पर होने में जीवन प्रत्याशा दर बढ़ी है। इसके बाद में बांग्लादेश (13.3), नेपाल (10.4), भारत (8.2) और पाकिस्तान (2.5 वर्ष) का स्थान सामने आया है। इसे लेकर महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद शोधकर्ताओं ने कहा कि दक्षिण पूर्व एशिया, पूर्वी एशिया और ओशिनिया के क्षेत्रों में 1990 से 2021 के बीच जीवन प्रत्याशा में 8.3 वर्ष का सबसे बड़ा फायदा हुआ। 1990 से 2021 के दौरान दक्षिण एशिया में जीवन प्रत्याशा में दूसरी सबसे बड़ी वृद्धि 7.8 वर्ष की हुई।

किन कारणों से बढ़ी जीवन प्रत्याशा दर

शोध के अध्ययन के अनुसार मानें, तो वैश्विक जीवन प्रत्याशा में वृद्धि का कारण डायरिया, श्वसन संक्रमण में कमी, स्ट्रोक और इस्केमिक हृदय रोग से होने वाली मौतों की संख्या में कमी है। यदि कोविड महामारी का प्रकोप नहीं हुआ होता तो फायदे कहीं अधिक होते। कोविड ने दुनियाभर में हो रही स्वास्थ्य प्रगति को काफी हद तक पटरी से उतारने का काम किया।अध्ययन में ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी (जीबीडी) 2021 का अपडेटेड अनुमान लगाते हुए कहा गया है कि जिन क्षेत्रों में कोविड-19 महामारी सबसे अधिक असर हुआ, उनमें लैटिन अमेरिका, कैरेबियन और उप-सहारा अफ्रीका थे। इन्होंने 2021 में कोविड-19 के कारण जीवन प्रत्याशा के सबसे अधिक साल खो दिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *