9 घंटे पहले
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आमिर खान की सुपरहिट फिल्म लगान के लिए ऑस्कर की राह आसान नहीं थी। कई फिल्म फेस्टिवल में इसे दिखाने की इजाजत नहीं मिल पाई थी। डायरेक्टर आशुतोष गोवारिकर परेशान हो गए थे। उनके मन में शंका थी कि अगर फिल्म को दिखाया ही नहीं जाएगा तो यह आगे कैसे बढ़ेगी। फिल्म पर चर्चा होगी तभी इसके अवॉर्ड जीतने के चासेंज बढ़ेंगे।
हालांकि हर जगह से निराशा ही मिल रही थी। कहीं जाकर लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल में इसे दिखाने की इजाजत मिली। हालांकि जब लोगों ने फिल्म देखा तो पागल हो गए। आमिर खान के लिए सीटियां बजने लगीं। फुटबाल फ्रेंडली ऑडियंस ने क्रिकेट पर बेस्ड इस फिल्म को खूब एन्जॉय किया।
फिल्म फेस्टिवल्स में मूवीज की स्क्रीनिंग जरूरी
आशुतोष गोवारिकर ने अजंता एलोरा फिल्म फेस्टिवल में कहा, ‘फिल्मों को ऐसे फेस्टिवल्स में दिखाना बहुत जरूरी होता है। इससे फिल्मों को एक्सपोजर मिलता है। फिल्म के बारे में लोग चर्चा करते हैं। आप मेरी फिल्म लगान का ही किस्सा सुनिए।
दुनिया के हर फिल्म फेस्टिवल में इसे निराशा ही मिल रही थी। ऑर्गेनाइजर्स कहते थे कि फिल्म बहुत लंबी है। इसमें गाने भी बहुत हैं, क्रिकेट वाली थीम पर बनी फिल्म क्यों दिखाई जाए।’

फिल्म 15 जून 2001 को रिलीज हुई थी।
आशुतोष के रिक्वेस्ट पर फिल्म की स्क्रीनिंग हुई, लोगों ने देखा तो पागल हो उठे
थक हारकर आशुतोष गोवारिकर स्विट्जरलैंड के लोकार्नो शहर पहुंचे। वहां फिल्म फेस्टिवल की शुरुआत हुई थी। वहां के ऑर्गेनाइजर से भी वही बातें सुनने को मिलीं। आशुतोष ने रिक्वेस्ट किया कि फिल्म के दो तीन सीन देख लीजिए, फिर निर्णय लीजिएगा।
किसी तरह करके ऑर्गेनाइजर्स मान गए। हजारों लोगों के सामने फिल्म की स्क्रीनिंग हुई। आशुतोष ने कहा, ‘आप यकीन नहीं करेंगे कि लोग फिल्म देखते वक्त पागल हो रहे थे। खूब ज्यादा चीयर कर रहे थे। आमिर के कैरेक्टर भुवन को देखकर सीटियां बजाई जा रही थीं। वहां अधिकतर फुटबॉल फ्रेंडली लोग थे, लेकिन क्रिकेट की थीम पर बनी इस फिल्म को खूब एन्जॉय कर रहे थे। जो आर्गेनाइजर पहले फिल्म लेने में आनाकानी कर रहे थे, उन्होंने मुझे आकर गले लगा लिया।’

आशुतोष गोवारिकर (बाएं) इस फिल्म के डायरेक्टर हैं।
ऑस्कर अभियान को मिली थी मजबूती
आशुतोष ने कहा कि लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल में फिल्म को मिली तवज्जो ने उनके ऑस्कर अभियान को मजबूती प्रदान की। फिल्म को ग्लोबली काफी पहचान मिली। इससे पहले तक एकेडमी को यह पता नहीं था कि भारत से आए ये दो लड़के (आशुतोष गोवारिकर और आमिर खान) कौन हैं।
बता दें कि लगान को 2002 में बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज फिल्म कैटेगरी में ऑस्कर अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट किया गया था, लेकिन अवॉर्ड जीत नहीं सकी। फिल्म काफी लंबी थी, जो इसकी हार का मुख्य कारण बना।