Kangana Ranaut not get relief | कंगना रनौत को तगड़ा झटका, हाईकोर्ट ने ख़ारिज की जावेद अख्तर मानहानि केस पर रोक लगाने की याचिका

Kangana Javed Fight

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  • अभिनेत्री कंगना को हाईकोर्ट से मिला तगड़ा झटका
  • जावेद की मानहानि केस पर रोक की याचिका ख़ारिज
  • अख्तर का दावा कंगना की याचिका मामला लटकाने का प्रयास

मुंबई: मशहूर फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत और गीतकार जावेद अख्तर विवाद मामले में कंगना को बॉम्बे हाईकोर्ट से शुक्रवार को बड़ा झटका लगा है।  जावेद अख्तर के मानहानि केस पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका अभिनेत्री कंगना ने की थी। रनौत ने यह भी दावा किया कि उनकी क्रॉस-शिकायत से उत्पन्न कार्यवाही पर सत्र न्यायालय ने रोक लगा दी है। इसलिए अख्तर की शिकायत पर भी ऐसा ही किया जाना चाहिए। बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार को गीतकार जावेद अख्तर द्वारा दायर मानहानि शिकायत के संबंध में मुकदमे पर रोक लगाने के लिए अभिनेत्री कंगना रनौत की याचिका खारिज कर दी है। 

कोर्ट का आदेश
न्यायमूर्ति प्रकाश डी नाइक की एकलपीठ ने सुनवाई 18 जनवरी को ही पूरी की थी। मगर कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। जिसे शुक्रवार को सुनाया गया। न्यायमूर्ति नाइक ने कहा कि अख्तर का मामला पहले ही शुरू हो चुका है और अभिनेता द्वारा मांगी गई राहत इस स्तर पर नहीं दी जा सकती है। अख्तर की शिकायत पर सुनवाई पहले ही शुरू हो चुकी थी। रनौत का आवेदन काफी देर से आया। अख्तर की शिकायत समय की दृष्टि से पहली है और प्रक्रिया जारी कर दी गई है। तथ्यात्मक तरीके को ध्यान में रखते हुए, इस मामले में कोई राहत नहीं दी जा सकती। 

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कंगना की दलील
अभिनेत्री ने तर्क दिया कि अख्तर के खिलाफ उनकी जबरन वसूली की शिकायत को उनकी मानहानि की शिकायत के साथ सुना जाना चाहिए क्योंकि यह उसी घटना से उत्पन्न हुई थी। कंगना रनौत ने दावा किया कि चूंकि उनकी क्रॉस-शिकायत से उत्पन्न कार्यवाही पर सत्र न्यायालय ने रोक लगा दी है। इसलिए अख्तर की शिकायत के साथ भी वैसा ही किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि परस्पर विरोधी फैसलों से बचने के लिए मुकदमे एक साथ चलाने की जरूरत है। 

जावेद की कोर्ट में दलील
रनौत की याचिका को खारिज करने की मांग करते हुए जावेद अख्तर ने जवाब दिया कि अभिनेत्री की याचिका केवल उक्त कार्यवाही में देरी करने के लिए की गई है। अख्तर ने 2020 में कंगना के खिलाफ मानहानि की शिकायत दर्ज की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि रनौत ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय टेलीविजन पर उनके खिलाफ़ मानहानिकारक बयान दिए। जो आम जनता की नजर में (अख्तर) को बदनाम करने और कलंकित करने का एक स्पष्ट अभियान प्रतीत होता है। अख्तर ने अपनी शिकायत में अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद रनौत द्वारा दिए गए एक साक्षात्कार का जिक्र किया था। इसके बाद कंगना ने अख्तर के खिलाफ एक क्रॉस-शिकायत दर्ज की थी। जिसमें उनकी गोपनीयता पर हमला करके जबरन वसूली और अपमानजनक टिप्पड़ी का आरोप लगाया गया था। 

कंगना की शिकायत पर सत्र न्यायालय लगा चुकी है रोक
जुलाई 2023 में, अंधेरी की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने अख्तर के खिलाफ जबरन वसूली का आरोप हटा दिया, लेकिन उन्हें आपराधिक धमकी और उत्पीड़न के अपराधों के संबंध में पेश होने के लिए बुलाया था। जिसके खिलाफ गीतकार ने डिंडोशी में सत्र न्यायालय के समक्ष एक पुनरीक्षण याचिका दायर की। तब सत्र न्यायालय ने रनौत की शिकायत के संबंध में समन आदेश और आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। उसके बाद, रनौत ने इस महीने की शुरुआत में उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और अख्तर की मानहानि शिकायत के संबंध में मुकदमे की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की थी। कंगना ने तर्क दिया कि हालांकि उनकी शिकायत के संबंध में कार्यवाही रोक दी गई है। इसलिए अख्तर की शिकायत से उत्पन्न कार्यवाही जारी नहीं रह सकती है और सत्र अदालत द्वारा पुनरीक्षण आवेदन का निपटारा होने तक उन पर रोक लगाना न्याय के हित में है। जिसे शुक्रवार को  बॉम्बे हाईकोर्ट ने दरकिनार करते हुए उनकी याचिका को रद्द कर दिया है। जो कंगना के लिए एक बड़ा झटका है। 

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