मुंबई: बॉलीवुड में ऐसे कई अभिनेता हैं, जिनके लुक ने दर्शकों के दिलों पर अमिट छाप छोड़ी। इन्हीं में से एक हैं हिंदी सिनेमा के पहले चॉकलेटी बॉय 60 के दशक के एक्टर जॉय मुखर्जी। जॉय मुखर्जी एक ऐसे अभिनेता थे जिनका स्टाइल और रोमांटिक अंदाज उन्हें बाकी सभी अभिनेताओं से अलग बनाता था।
फिल्मी दुनिया से रहा नाता
24 फरवरी 1939 को झांसी में जन्मे जॉय मुखर्जी के परिवार का फ़िल्मी दुनिया से पुराना रिश्ता रहा है। उनके पिता का नाम शशिधर मुखर्जी और माता का नाम सती देवी था, जो प्रसिद्ध हिंदी फिल्म अभिनेता अशोक कुमार की बहन थीं। जॉय मुखर्जी के पिता मशहूर ‘फिल्मालय स्टूडियो’ के सह-संस्थापक थे। जॉय मुखर्जी के भाई सोमू मुखर्जी मशहूर अभिनेत्री तनुजा के पति थे। उनकी बेटियां काजोल और तनीषा मुखर्जी अभिनेत्री हैं। रानी मुखर्जी के पिता राम मुखर्जी जॉय के चचेरे भाई थे। जॉय मुखर्जी फिल्म निर्देशक अयान मुखर्जी के चाचा लगते थे।
फिटनेस के मामले में सख्त
बॉलीवुड के हैंडसम और स्मार्ट एक्टर्स में से एक जॉय मुखर्जी ने जब 1960 में फिल्म ‘लव इन शिमला’ से बॉलीवुड में एंट्री की तो लड़कियां उनकी दीवानी हो गईं। कम उम्र में ही अपनी फिटनेस के दम पर उन्होंने उस दौर के कई युवाओं को मात दे दी थी। सलमान खान से पहले जॉय मुखर्जी ने फिल्म इंडस्ट्री में शर्टलेस का चलन शुरू किया था। एक्टर फिटनेस के मामले में बहुत सख्त थे। उनकी खासियत यह थी कि वह किसी भी दिन अपना वर्कआउट मिस नहीं करते थे। इसके अलावा उनकी रुचि कुश्ती, मुक्केबाजी, फुटबॉल और टेनिस में थी।
दर्शकों के दिलों पर किया राज
जॉय मुखर्जी ने लंबे समय तक भारतीय दर्शकों के दिलों पर राज किया। उन्होंने ‘एक मुसाफिर एक हसीना’, ‘फिर वही दिल लाया हूं’, ‘लव इन टोक्यो’ और ‘शागिर्द’ जैसी यादगार फिल्में दीं। जॉय मुखर्जी पर फिल्माए गए और मोहम्मद रफी द्वारा गाए गए कई गाने आज भी लोगों की जुबान पर हैं, जैसे- फिर वही दिल लाया हूँ’, ‘बहुत शुक्रिया बड़ी मेहरबानी’, ‘ले गई दिल गुड़िया जापान की’, ‘दुनिया पागल है या फिर मैं दीवाना’ और ‘बड़े मियां दीवाने ऐसे ना बनो’ आदि। उनकी पहली फिल्म ‘लव इन शिमला’ थी, जबकि उनकी आखिरी फिल्म 2013 में आई ‘लव इन बॉम्बे’ थी। 9 मार्च 2012 को 73 साल की उम्र में इंडस्ट्री के पहले चॉकलेटी बॉय जॉय मुखर्जी ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।