विशाल कुमार/छपरा. हमास के साथ पिछले कुछ महीने से जारी युद्ध से उत्पन्न हुई स्थिति से निपटने के लिए इसराइल में बड़े पैमाने पर निर्माण श्रमिकों की आवश्यकता है. इसके लिए यहां श्रमिकों की भर्ती की प्रक्रिया चल रही है. इसमें खास तौर से भवन निर्माण में लगे सभी प्रकार के श्रमिकों की डिमांड है. वैकेंसी के अनुसार श्रमिकों को वहां 1 लाख 37 हजार की सैलरी पर रखा जाएगा. इनका एग्रीमेंट 1 से 5 साल के बीच का होगा. ऐसे में बिहार के छपरा निवासी राजमिस्त्री का काम करने वाले जितेंद्र कुमार राय भी इजराइल जाने की तैयारी कर रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि इजराइल की कमाई से उनकी आर्थिक स्थिति में काफी सुधार होगा.
फौजी बनने का था सपना, बन गए राजमिस्त्री
जितेंद्र बताते हैं वे राजनीति विज्ञान से स्नातक हैं. उन्होंने बचपन से ही फौजी बनने का सपना देखा था. एक बार दौड़ में पास भी हो गए थे, लेकिन फाइनल सेलेक्शन नहीं हुआ. गरीब परिवार से आते थे, सो कोई काम नहीं मिला तो राजमिस्त्री का काम करने लगे. अनुभव प्रमाण-पत्र पाने के लिए उन्होंने जमशेदपुर के नेशनल कंस्ट्रक्शन कंपनी में 8 वर्षों तक काम किया.
इन दिनों बिहार में ही काम करते हैं. जानकर होने के कारण छपरा के साथ-साथ गोपालगंज और सीवान तक काम करने जाते हैं. कभी बैठे तो नहीं रहते हैं, लेकिन कमाई 15-20 हजार रुपए से ज्यादा नहीं हो पाती है.
गरीबी दूर करने का है सपना
जितेंद्र बताते हैं कि विदेश में किसी भी नौकरी में अच्छी सैलरी दी जाती है. यही कारण है कि जब उन्हें इजराइल जाने का मौका मिला तो वे इच्छुक हो गए. वे अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ाते हैं. अब जबकि वे इजराइल जाने वाले हैं, तो उन्हें भी वहां सवा लाख से ज्यादा ही सैलरी मिलेगी. ऐसे में वे उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही उनकी गरीबी दूर हो जाएगी. जितेंद्र कहते हैं कि फौजी तो नहीं बन पाए, अब जो काम कर रहा हूं, उसी को मन लगाकर करता हूं.
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FIRST PUBLISHED : February 21, 2024, 11:42 IST