कैलाश कुमार,बोकारो :कभी नौकरी की तलाश में भटके राहुल आज अपने खास “रानी झालमुड़ी” के नाम से फेमस हो चुके हैं. रांची के मरोबादी क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले राहुल ने जब पढ़ाई पूरी की, तो सोचा था कि नौकरी मिलेगी, ज़िंदगी सेट हो जाएगी. लेकिन जब कोई नौकरी नहीं मिली, तो उन्होंने ठान लिया कि अब खुद का कुछ किया जाएगा.
10 हजार से शुरुआत, अब बन गया स्वाद का ब्रांड
राहुल ने परिवार से सिर्फ 10,000 रुपये उधार लेकर शुरू किया झालमुड़ी स्टॉल. शुरुआत मेले से की और धीरे-धीरे एक्सपो, ईवेंट्स और त्योहारों में स्टॉल लगाना शुरू किया. आज उनका स्टॉल लोगों की पहली पसंद बन चुका है.
30 से 100 रुपये तक की प्लेट, रोज़ 400 से ज़्यादा बिक्री
राहुल के यहां ग्राहक 30 रुपये की सिंपल प्लेट से लेकर 100 रुपये की स्पेशल झालमुड़ी तक के लिए लाइन लगाते हैं. स्वाद ऐसा कि एक बार खाने वाला बार-बार आता है.
शाम 4 से रात 10 तक लगता है स्वाद का मेला
राहुल अपना स्टॉल शाम 4 बजे से लेकर रात 10 बजे तक चलाते हैं. जैसे-जैसे रात होती है, ग्राहकों की भीड़ बढ़ती जाती है. खास मौकों पर उन्होंने चाट और फास्ट फूड स्टॉल भी जोड़ दिए हैं, जिससे इनकम और बढ़ गई है.
काम कोई छोटा नहीं होता, नज़रिया बड़ा होना चाहिए
राहुल कहते हैं, “नौकरी न मिलने पर निराश नहीं हुआ. मैंने खुद को अवसर देने की सोची, और आज मैं न सिर्फ कमाई कर रहा हूं, बल्कि अपने ब्रांड को आगे बढ़ाने की तैयारी में भी हूं.”
.