Japan Earthquake: नए साल के जश्न के बीच जापान में आए भूकंप ने देश की 12.5 करोड़ लोगों के मन में भय डाल दिया है. भूकंप की वजह से बड़े पैमाने पर तबाही हुई है. स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक कम से कम 6 लोगों की मौत हुई है. भूकंप के बाद सुनामी की चेतावनी जारी की गई थी लेकिन अब चेतावनी को केवल सलाह तक सीमित कर दिया गया था. इशिकावा में वाजिमा बंदरगाह पर 1.2 मीटर से अधिक ऊंची सुनामी दर्ज की गई थी.
जापानी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, देश भर में कई लोग अब भी लापता है, इसलिए आशंका जताई जा रही है कि मरने वाले लोगों का आंकड़ा बढ़ सकता है. जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने सोमवार देर रात कहा कि सड़कें बंद होने की वजह से खोज एवं बचाव दलों के लिए सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों तक पहुंचना मुश्किल साबित हो रहा है. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि वह जापान को हर संभव मदद देगा.
बाइडेन ने कहा, “करीबी साझेदार होने की वजह से अमेरिका और जापान का काफी गहरी दोस्ती है, इससे हमारे लोग एक होते हैं. ऐसे मुश्किल हालात में हम जापानी लोगों के साथ है.”
बिजली का संकट
जापान की सरकार ने 9 प्रांतों से करीब 97 हजार लोगों इलाका खाली करने का आदेश दिया था. लोगों को स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स और जिम में शरण लेनी पड़ी. होकुरिकु इलेक्ट्रिक पावर की वेबसाइट के अनुसार, इशिकावा प्रांत में मंगलवार सुबह लगभग 33 हजार घरों में बिजली नहीं थी.
न्यूक्लियर पावर प्लांट का क्या है हाल?
भूकंप के बाद जापान के न्यूक्लियर पावर प्लांट को सबसे ज्यादा खतरा रहता है. इससे पहले 2011 में आई सुनामी की वजह से न्यूक्लियर प्लांट को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा था. तब न्यूक्लियर रिएक्टर में पानी घुस जाने की वजह से पूरा प्लांट खतरे में आ गया था. उस रिएक्टर को आज तक पानी से ठंडा किया जाता है. इसके लिए अरबों लीटर पानी खर्च किया जा चुका है. एक बार पानी के रिएक्टर के संपर्क में आने के बाद उसे इंसानों और जानवरों से दूर रखा जाता है, क्योंकि उसमें काफी रेडिएशन होता है. 2011 की आपदा में जापान का पूरा शहर तबाह हो गया था.
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