Israel US Knew Hamas Hamas Money Machine Years Ago Did Not Take Steps And Was Attacked

Israel Hamas War: इजरायल हमास के बीच जारी जंग को दो महीने से अधिक बीत चुके हैं हालांकि यह थमता नहीं दिख रहा है. बीते सात अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर अचानक हमला कर सबको चौंका दिया. लेकिन यह बात दुनिया भर के एक्सपर्ट मानते हैं कि हमास ने इतना बड़ा हमला अचानक नहीं कर दिया, इसके लिए वह वर्षों से योजना बना रहा था. 

दरअसल, इजरायली सुरक्षा अधिकारियों ने साल 2018 में ही एक गुप्त दस्तावेज़ हासिल कर लिया था. उस दस्तावेज में एक निजी इक्विटी फंड का विवरण दिया गया था, जिसका उपयोग हमास ने अपने मिशन पर खर्च करने के लिए किया. दरअसल न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, दस्तावेज़ों में करोड़ों डॉलर की संपत्ति का जिक्र था और ये हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी के कंप्यूटर से ली गई थीं. 

हमास के इनकम के बारे में चल गया था पता 

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इन गुप्त दस्तावेजों में इस बात का जिक्र था कि हमास के पैसे का स्रोत क्या है. दरअसल, दस्तावेज के अनुसार, हमास ने सूडान में खनन, मुर्गीपालन और सड़क निर्माण कंपनियों में निवेश किया हुआ था, इसके साथ ही हमास संयुक्त अरब अमीरात की गगनचुंबी इमारतें, अल्जीरिया में एक संपत्ति डेवलपर और तुर्किए स्टॉक एक्सचेंज को भी नियंत्रित कर रहा था. रिपोर्ट में दावा किया गया कि दस्तावेज़ इज़रायली सरकार और अमेरिका के साथ साझा किए गए लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया. 

इजरायल अमेरिका ने नहीं की थी कोई कार्रवाई 

रिपोर्ट के अनुसार, वर्षों तक अमेरिका या इजरायल ने दस्तावेज़ों में नामित किसी भी कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं किया. किसी ने सार्वजनिक रूप से कंपनियों को नहीं बुलाया या वित्तीय नेटवर्क के केंद्र तुर्किए पर इसे बंद करने के लिए दबाव नहीं डाला. रिपोर्ट के अनुसार, वरिष्ठ इजरायली और अमेरिकी अधिकारियों ने वित्तीय खुफिया जानकारी को प्राथमिकता नहीं दी. 

हमले की तैयारी कर रहा था हमास 

रिपोर्ट के अनुसार, कंपनियों ने दसियों लाख डॉलर ठीक उसी समय हमास को दिए, जब वह नए हथियार खरीद रहा था और हमले की तैयारी कर रहा था. हालांकि अमेरिकी और इज़रायली अधिकारियों का अब कहना है कि उस पैसे से हमास ने अपने सैन्य बुनियादी ढांचे को मजबूत किया और 7 अक्टूबर के हमलों के लिए ज़मीन तैयार करने में मदद मिली.इजरायली ख़ुफ़िया एजेंसी मोसाद के आर्थिक युद्ध प्रभाग के पूर्व प्रमुख उदी लेवी ने कहा, “हर कोई 7 अक्टूबर को खुफिया विफलता के बारे में बात कर रहा है, लेकिन कोई भी धन रोकने में विफलता के बारे में बात नहीं कर रहा है.” 

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