सीमा कुमारी
नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क: आज 25 मार्च को ‘अजन्मे बच्चे का अंतर्राष्ट्रीय दिवस’ (International Day of the Unborn Child 2024) है। हर साल, 25 मार्च को पूरी दुनिया में अजन्मे बच्चे का अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन पोप जॉन पॉल द्वितीय द्वारा स्थापित गर्भपात के विरोध की याद दिलाता है। इस दिन का उद्देश्य अजन्मे बच्चे की सुरक्षा और गर्भपात के बारे में लोगों को पहचाना और जागरूकता बढ़ाना ही इसका मुख्य उद्देश्य है।
बच्चे के लिए होता है खास दिन
जानकारों के अनुसार, बच्चे का जन्म सभी जीवित प्राणियों के बीच एक विशेष क्षण होता है। इंसानों के लिए यह बेहद खुशी का पल है। गर्भपात, चाहे पसंद से या दबाव से, माँ के गर्भ के अंदर जीवन को समाप्त कर देता है। प्रतिवर्ष 25 मार्च को मनाया जाने वाला अजन्मे बच्चे का अंतर्राष्ट्रीय दिवस, गर्भपात की निंदा करता है। यह मानव भ्रूण के जीवन को गरिमा और मूल्य देने का आह्वान करता है। अजन्मे बच्चे का अंतर्राष्ट्रीय दिवस’ के अवसर पर आइए जानें इसका इतिहास,महत्व
जानें कब से हुई दिवस की शुरुआत
इतिहास के अनुसार, अजन्मे बच्चे का अंतर्राष्ट्रीय दिवस दिवंगत पोप जॉन पॉल द्वितीय से जुड़ा है। वे गर्भपात की चिकित्सीय प्रक्रिया के विरोधी थे। अर्जेंटीना के पूर्व राष्ट्रपति, स्वर्गीय कार्लोस मेनेम ने 25 मार्च, 1999 को ब्यूनस आयर्स में अर्जेंटीना में मैरी की घोषणा के पर्व को “अजन्मे बच्चे का दिन” के रूप में आधिकारिक तौर पर घोषित किया।
पहले पोप ने कही थी ये बात
मेनेम ने पहले पोप जॉन पॉल द्वितीय से मुलाकात की थी और कथित तौर पर उनसे अजन्मे बच्चों के सम्मान में कुछ करने का वादा किया था। पोप इस घोषणा से काफी खुश दिखे और उन्होंने एक संदेश भेजा जिसे घोषणा समारोह के दौरान जोर से पढ़ा गया। पत्र के अनुसार, पोप जॉन पॉल द्वितीय ने “मानव जीवन के खिलाफ हमलों” की निंदा करते हुए इसे “निर्माता के खिलाफ गंभीर अपराध” बताया।
उन्होंने “जीवन के ख़िलाफ़ हर हमले को हमेशा के लिए ख़त्म करने” की अपनी इच्छा के बारे में भी बताया और “अमेरिका” के लोगों से “जीवन के महाद्वीप… एक ऐसा जीवन जो सभी के लिए योग्य हो!” का आग्रह किया। उन्होंने अपना भाषण यह कहकर समाप्त किया, “मैं अपनी शुभकामनाएं व्यक्त करता हूं कि ‘अजन्मे बच्चे का दिन’ का उत्सव जीवन के पक्ष में एक सकारात्मक विकल्प और इस दिशा में एक संस्कृति के विकास का पक्ष लेगा जो मानव के प्रचार को सुनिश्चित करेगा हर स्थिति में गरिमा।”
‘अजन्मे बच्चे का अंतर्राष्ट्रीय दिवस’ महत्व
अजन्मे बच्चे का अंतर्राष्ट्रीय दिवस गर्भपात की निंदा करता है क्योंकि यह एक अजन्मे बच्चे को जन्म से पहले मारकर उसके मूल्य और सम्मान से इनकार करता है। यह बच्चे के जन्म से जुड़ी सकारात्मक भावनाओं का जश्न मनाता है।