नवभारत डिजिटल डेस्क: कैंसर (Cancer), सभी गंभीर बीमारियों में से एक है तो वहीं पर इस बीमारी का बच्चों में क्या प्रभाव होता है इसके प्रति जागरूकता जगाने के लिए 15 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय बचपन कैंसर दिवस (International Childhood Cancer Day)मनाया जाता है। कैंसर, बच्चों में बचपन से तेजी के साथ बढ़ता है और इसका असर खराब होता है। इसके लिए बच्चों को विशेष उपचार और देखभाल की जरूरत होती है।
जानते हैं कैसे हुई दिन की शुरूआत
अंतर्राष्ट्रीय बचपन कैंसर दिवस को लेकर इतिहास पुराना हैं इस दिन को चाइल्डहुड कैंसर इंटरनेशनल ने मिलकर की है जो मूल संगठनों का एक नेटवर्क है जिसकी पहल बच्चों में कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उचित देखभाल मुहैया करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा 20 साल से कम उम्र के 4 लाख से अधिक बच्चों, किशोरों और युवा व्यस्कों में कैंसर के निदान के लिया किया जाता है।
जान लीजिए इस कैंसर से जुड़े तथ्य
जैसा कि, कैंसर के सबसे ज्यादा 99 फीसदी लक्षण वयस्कों में पाए जाते हैं वहीं पर इधर 285 बच्चों में केवल एक में इस प्रकार के कैंसर की पुष्टि होती है। बचपन के कैंसर में किसी प्रकार के लक्षण नहीं नजर आते बल्कि व्यस्कों में इसका कारण ज्ञात होता है। तीव्र लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया और तीव्र माइलॉयड ल्यूकेमिया 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में पाए जाने वाले कैंसर के दो सबसे आम प्रकार हैं।
क्यों मनाना जरूरी हैं यह दिवस
अंतर्राष्ट्रीय बचपन कैंसर दिवस को मनाना काफी महत्वपूर्ण है। जो बच्चें कैंसर की समस्या से जूझ रहे है उनके प्रति सहानुभूति व्यक्त करने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है।