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Indian Army Day 2024 : इंडियन आर्मी कल 15 जनवरी को अपना 76वां स्थापना दिवस मनाएगी। देश में हर साल 15 जनवरी को भारतीय थल सेना दिवस मनाया जाता है। इसी दिन 1949 में फील्ड मार्शल केएम करियप्पा (Field Marshal KM Cariappa) ने जनरल फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना की कमान ली थी। फ्रांसिस बुचर भारत के अंतिम ब्रिटिश कमांडर इन चीफ थे। पहली बार किसी भारतीय को इंडियन आर्मी की बागडोर सौंपी गई थी। करियप्पा आजाद भारत के पहले कमांडर-इन-चीफ थे। करियप्पा के भारतीय थल सेना के शीर्ष कमांडर का पदभार ग्रहण करने के उपलक्ष्य में हर साल यह दिन मनाया जाता है।
करियप्पा पहले ऐसे ऑफिसर थे जिन्हें फील्ड मार्शल की पांच सितारा रैंक दी गई थी। दूसरे फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ थे। आर्मी डे पर पूरा देश थल सेना के अदम्य साहस, उनकी वीरता, शौर्य और उसकी कुर्बानी को याद करता है।
जानें केएम करियप्पा के बारे में
– 1899 में कर्नाटक के कुर्ग में जन्मे फील्ड मार्शल करिअप्पा ने महज 20 वर्ष की उम्र में ब्रिटिश इंडियन आर्मी में नौकरी शुरू की थी।
– करिअप्पा ने वर्ष 1947 के भारत-पाक युद्ध में पश्चिमी सीमा पर सेना का नेतृत्व किया था।
– भारत-पाक आजादी के वक्त उन्हें दोनों देशों की सेनाओं के बंटवारे की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। करियप्पा को ‘किपर’ के नाम से भी जाना जाता था।
– वर्ष 1953 में करिअप्पा सेना से रिटायर हो गए थे।
– भारतीय सेना में फील्ड मार्शल का पद सर्वोच्च होता है। ये पद सम्मान स्वरूप दिया जाता है। भारतीय इतिहास में अभी तक यह रैंक सिर्फ दो अधिकारियों को दिया गया है। देश के पहले फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ हैं। उन्हें जनवरी 1973 में राष्ट्रपति ने फील्ड मार्शल पद से सम्मानित किया था। एम करिअप्पा देश के दूसरे फील्ड मार्शल थे। उन्हें 1986 में फील्ड मार्शल बनाया गया था।
लखनऊ में होगा इस बार का आर्मी डे समारोह
यह दूसरी बार होगा, जब सेना दिवस कार्यक्रम दिल्ली के बाहर आयोजित किया जा रहा है। इस दौरान सूर्य खेल परिसर में परेड के बाद शौर्य संध्या का आयोजन किया जाएगा। जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। इस आयोजन में मार्शल आर्ट के विभिन्न रूपों सुखोई और किरण विमानों द्वारा फ्लाई पास्ट के साथ-साथ कई सैन्य प्रदर्शन होंगे।