स्पोर्ट्स डेस्क30 मिनट पहले
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इंग्लैंड के खिलाफ आखिरी 3 टेस्ट मैच के लिए भारतीय टीम का ऐलान कर लिया गया है। बिहार के रोहताश जिले के सासाराम के रहने वाले आकाशदीप नया चेहरा हैं। वे जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, मुकेश कुमार के साथ टीम में हैं।
27 साल के आकाशदीप बिहार क्रिकेट एसोसिएशन पर बैन की वजह से वह बंगाल चले गए। आसनसोल में रिलेटिव के घर पर रहकर बंगाल में क्रिकेट क्लब खेला और बाद में घरेलू क्रिकेट में बंगाल का प्रतिनिधित्व किया। उन्हें क्रिकेट में करियर बनाने के लिए न केवल अपने परिवार को छोड़ना पड़ा, बल्कि उन्हें स्टेट भी छोड़ना।
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आकाशदीप बिहार क्रिकेट एसोसिएशन पर बैन की वजह से वह बंगाल चले गए।
पूर्व रणजी खिलाड़ी सौराशीष लाहिरी ने पहचानी प्रतिभा
आकाशदीप की प्रतिभा बंगाल रणजी टीम के सहायक कोच सौराशीष लाहिरी ने पहचानी। लाहिरी घरेलू क्रिकेट में बंगाल का प्रतिनिधित्व कर चुके थे।
लाहिरी ने बताया कि जब मैं पहली बार बंगाल के अंडर-23 का कप्तान बना, तो मुझे पता चला कि बिहार का एक लड़का बंगाल के क्रिकेट क्लब से खेल रहा है, वे टेलेंटेड है। उस समय आकाशदीप यूनाइटेड क्लब से खेल रहे थे। मैने नेट पर बॉलिंग के लिए बुलाया। मैने देखा कि उनकी गेंदबाजी में पेस है। मैने उन्हें बंगाल अंडर-23 टीम में शामिल किया।
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बिना खेले महीनों तक टीम के साथ रहे, बाद में टीम को सीके नायडू के फाइनल में पहुंचाया
सौराशीष बताते हैं कि 2019 में जब उनका चयन अंडर-23 में किया, तभी वह चोटिल हो गए। उनके बैक में प्रॉब्लम था। हालांकि, हमने टीम के साथ ही रखा। हर टूर पर उन्हें लेकर जाते थे। मैच में नहीं खिलाया। उनका ख्याल रखा। उनको टीम के साथ लेने जाने पर सवाल भी उठे, आखिर जब वह फिट होकर लौटे तो उस साल सीके नायडू के फाइनल में टीम को पहुंचाया। बाद में उनका चयन अंडर-23 में ऑस्ट्रलिया दौरे के लिए इंडिया टीम में हुआ।
ऑस्ट्रेलिया से लौटने के बाद बंगाल के सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में डेब्यू किया। आखिरी दो मैचो में 4 विकेट लिए। बाद में हर फॉर्मेट में बंगाल टीम के स्थायी सदस्य हो गए। उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
आकाशदीप ने सासाराम के न्यू स्टेडियम से क्रिकेट की शुरुआत की
आकाशदीप साल 2009-10 में सासाराम के न्यू स्टेडियम से क्रिकेट की शुरुआत की। वहां पर उन्होंने शुरुआती ट्रेनिंग ली। बाद में बंगाल चले गए। उनके पिता स्व. रामजी सिंह शारीरिक शिक्षक थे, जबकि माता लड्डूमा देवी गृहिणी हैं। उनका परिवार गांव में खेती-बाड़ी करता है।