India vs England Test Bazball Model; Brendon McCullum | Ravindra Jadeja Ashwin | क्या भारत में काम करेगा बैजबॉल: स्पिन पिचों पर अश्विन-जडेजा सबसे बड़ी चुनौती; 19 महीने में 72% टेस्ट जीत चुका है इंग्लैंड

स्पोर्ट्स डेस्क6 मिनट पहले

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भारत में 5 टेस्ट की सीरीज खेलने के लिए इंग्लैंड की टीम आज ही हैदराबाद पहुंचेगी। जहां टीम को 3 दिन बाद 25 जनवरी से पहला मुकाबला खेलना है। इंग्लैंड की टीम पिछले 19 महीनों में अपने अटैकिंग बैटिंग अप्रोच से 72% टेस्ट जीत चुकी है। जिस अप्रोच को अब ‘बैजबॉल’ के नाम से पहचाना जाने लगा है।

इंग्लैंड टीम में बैजबॉल एरा की शुरुआत बेन स्टोक्स के कप्तान और ब्रेंडन मैक्कुलम के कोच बनने के बाद हुई। जिनकी लीडरशिप में टीम ने 5 में से एक भी टेस्ट सीरीज नहीं गंवाई। लेकिन इंग्लैंड के बैजबॉल मॉडल का सबसे बड़ा चैलेंज तो अब शुरू होगा। जब टीम भारत की स्पिन पिचों पर रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा जैसे वर्ल्ड क्लास स्पिनर्स का सामना करेगी।

क्या होता है बैजबॉल?
क्रिकेट में बैजबॉल कोई ऑफिशियल नाम नहीं है, लेकिन इसे इंग्लैंड की टेस्ट टीम के नए अटैकिंग अप्रोच को दर्शाने के लिए नाम दे दिया गया। बैजबॉल 2 शब्दों से मिलकर बना है, इसमें बैज और बॉल शामिल हैं। ‘बैज’ इंग्लैंड की टेस्ट टीम के हेड कोच ब्रेंडन मैक्कुलम का निकनेम है और ‘बॉल’ क्रिकेट का एक एलिमेंट, जिसके बिना खेल पॉसिबल ही नहीं है। इन दोनों शब्दों को मिलाकर बैजबॉल बनाया गया।

मैक्कुलम न्यूजीलैंड के पूर्व क्रिकेटर हैं और अपने करियर के दौरान वह बहुत अटैकिंग बैटिंग करते थे। ओपनिंग करते हुए वह पहली से आखिरी बॉल तक बड़े शॉट्स लगाने पर ही फोकस करते थे। उन्हीं की स्ट्रैटजी को अब बेन स्टोक्स की कप्तानी वाली इंग्लैंड टेस्ट टीम ने भी अपना लिया।

टेस्ट में आमतौर पर टीमें समय लेकर बेहद धीमी गति से रन बनाती हैं। लेकिन स्टोक्स और मैक्कुलम की लीडरशिप में इंग्लैंड टीम टेस्ट में भी बहुत तेजी से रन बना रही है। जून 2022 के बाद से टीम ने करीब 76 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए। इस दौरान बाकी टीमों का स्ट्राइक रेट 45 से 56 के बीच ही रहा।

सबसे सफल इंग्लिश कप्तान के बाद स्टोक्स ने संभाली कमान
बेन स्टोक्स ने जो रूट के कप्तानी छोड़ने के बाद इंग्लिश टेस्ट टीम की कमान संभाली। रूट ने इंग्लैंड के लिए सबसे ज्यादा 64 मैचों में कप्तानी की और टीम को बाकी कप्तानों के मुकाबले सबसे ज्यादा 27 टेस्ट भी जिताए। लेकिन उनकी कप्तानी में टीम पिछले 17 में से एक ही मुकाबला जीत सकी थी। 5 मुकाबले ड्रॉ रहे, जबकि 11 में टीम को हार का सामना करना पड़ा था।

कप्तान रूट के खराब फॉर्म की शुरुआत भी 2021 में भारत दौरे से ही हुई थी, जहां टीम को 3-1 से टेस्ट सीरीज गंवानी पड़ी। टीम की खराब परफॉर्मेंस के बाद रूट ने मई 2022 में कप्तानी छोड़ दी, जिसके बाद स्टोक्स को नया कप्तान बनाया गया। मई में ही ब्रेंडन मैक्कुलम को भी इंग्लिश टेस्ट टीम का हेड कोच पद मिला।

18 में से 13 टेस्ट जीते, एक भी सीरीज नहीं गंवाई
स्टोक्स और मैक्कुलम की जोड़ी बनने से इंग्लैंड ने बैटिंग में अटैकिंग अप्रोच अपनाया। जिसे अब बैजबॉल कहा जा रहा है और बैजबॉल के ही दम पर इंग्लैंड ने 18 में से 13 टेस्ट जीत लिए। यानी जीत परसेंटेज 72.2% रहा। टीम ने महज 4 मुकाबले गंवाए, जबकि एक मैच ड्रॉ रहा। 18 महीने के अंदर ही स्टोक्स इंग्लैंड के टॉप-10 टेस्ट कैप्टन में भी शामिल हो गए।

बैजबॉल स्ट्रैटजी के बाद इंग्लैंड ने साउथ अफ्रीका, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के खिलाफ कुल 5 सीरीज खेलीं। टीम ने 3 सीरीज जीतीं, जबकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 5 मैच और न्यूजीलैंड के खिलाफ 2 मैच की सीरीज ड्रॉ खेली। इस दौरान भारत और आयरलैंड के खिलाफ टीम ने एक-एक टेस्ट जीता।

शुरुआती 10 में से 9 टेस्ट जीते

  • न्यूजीलैंड के क्लीन स्वीप से शुरू किया बैजबॉल: स्टोक्स और मैक्कुलम की लीडरशिप में इंग्लैंड ने पहली ही टेस्ट सीरीज न्यूजीलैंड के खिलाफ घर में खेली। टीम ने कीवीज को 2 मैच 5-5 विकेट और एक 7 विकेट के अंतर से हराकर सीरीज 3-0 से जीत ली।
  • भारत को सीरीज नहीं जीतने दी: इंग्लैंड ने फिर भारत के खिलाफ घर में एक टेस्ट खेला। जो 2021 में शुरू हुई 5 टेस्ट की सीरीज का आखिरी मैच था। भारत सीरीज में 2-1 से आगे था और सीरीज जीत की कगार पर था। लेकिन इंग्लैंड ने 378 का टारगेट महज 3 विकेट के नुकसान पर हासिल कर लिया और भारत को सीरीज ड्रॉ के नतीजे के साथ घर लौटना पड़ा।
  • साउथ अफ्रीका से पहला टेस्ट गंवाने के बाद कमबैक किया: साउथ अफ्रीका इंग्लैंड में टेस्ट खेलने वाली सबसे बेहतरीन टीमों में से एक है। टीम अगस्त में इंग्लैंड गई और होम टीम को पहला टेस्ट पारी और 12 रन के अंतर से हरा दिया। मैच के बाद स्टोक्स ने बस इतना ही कहा कि सीरीज में 2 टेस्ट बाकी हैं। इसके बाद इंग्लैंड ने दूसरा टेस्ट पारी और 85 रन से और तीसरा टेस्ट 9 विकेट से जीतकर सीरीज 2-1 से अपने नाम कर ली।
  • बैजबॉल के दम पर पाकिस्तान को 3-0 से हराया: इंग्लैंड टीम पाकिस्तान के खिलाफ उन्हीं घर में साल 2000 से टेस्ट सीरीज नहीं जीत सकी थी। इस बार दिसंबर 2022 में टीम पाकिस्तान दौरे पर गई। चौथे और पांचवें दिन तक चले तीनों टेस्ट इंग्लैंड ने 8 विकेट, 26 रन और 74 रन के अंतर से जीते। टीम ने 3-0 से जीत दर्ज की और पाकिस्तान में सीरीज जीत का 22 साल पुराना सूखा खत्म किया।

न्यूजीलैंड में मिला चैलेंज
न्यूजीलैंड, साउथ अफ्रीका, पाकिस्तान और भारत के खिलाफ शुरुआती 10 में 9 टेस्ट जीतने में इंग्लैंड को ज्यादा परेशानी नहीं हुई। टीम ने अपना अटैकिंग अप्रोच बनाए रखा और लगातार मैच जीतेष लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ न्यूजीलैंड में और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घर में सीरीज जीत नहीं मिल सकी।

इंग्लैंड की अटैकिंग बैटिंग का एक राज ये भी था कि टीम ने शुरुआती 10 टेस्ट फ्लैट पिचों पर खेले। जहां बैटर्स को बहुत मदद थी और बॉलर्स के लिए कुछ भी नहीं था। लेकिन न्यूजीलैंड की पिचें तेज गेंदबाजों के लिए मददगार रहीं, जहां बॉलर्स को मदद मिली।

  • न्यूजीलैंड में बड़ी चुनौती पर भी खरा उतरा इंग्लैंड: न्यूजीलैंड में इंग्लैंड ने पहले ही टेस्ट में अपनी अटैकिंग बैटिंग को कन्टीन्यू किया। टीम ने दोनों पारियों में 300 से ज्यादा रन का स्कोर बनाया और न्यूजीलैंड को 267 रन के बड़े अंतर से हरा दिया। दूसरे टेस्ट में भी टीम ने न्यूजीलैंड को फॉलो-ऑन दे दिया था लेकिन दूसरी पारी में न्यूजीलैंड ने 483 रन बना दिए। इंग्लैंड जीत के करीब भी पहुंच गया था लेकिन टीम ने एक रन से करीबी मुकाबला गंवाया और सीरीज 1-1 से ड्रॉ रही।
  • ऐशेज में ऑस्ट्रेलिया ने कम किया इंग्लैंड का दबदबा: न्यूजीलैंड में सीरीज ड्रॉ के बाद इंग्लैंड अपने घर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐशेज सीरीज भी नहीं जीत सका। 5 टेस्ट की सीरीज 2-2 से ड्रॉ रही। टीम को शुरुआती 2 टेस्ट में 2 विकेट और 43 रन से हार मिली। इंग्लैंड ने फिर कमबैक किया, टीम ने तीसरा टेस्ट 3 विकेट और पांचवां टेस्ट 49 रन से जीतकर सीरीज 2-2 से बराबर कराई। चौथा टेस्ट ड्रॉ रहा था।

भारत ही है बैजबॉल का सबसे बड़ा चैलेंज
बैजबॉल अप्रोच को अब तक न्यूजीलैंड की पिच और ऑस्ट्रेलिया के बॉलिंग अटैक से ही परेशानी हुई। लेकिन टीम का सबसे बड़ा चैलेंज भारत की स्पिन फ्रेंडली पिचें, यहां की कंडीशन और टीम इंडिया के टॉप क्लास स्पिनर्स हैं। इंग्लिश बैटर्स फ्लैट पिच पर ही खुलकर रन बना सके हैं, जबकि भारत में न तो फ्लैट पिचें मिलेंगी और न ही कमजोर गेंदबाज।

पिछले 3 साल के ट्रेंड को देखें तो भारत में पहले दिन से गेंद घूमने लग जाती है। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के लिहाज से भारत सीरीज 5-0 से जीतना चाहेगा और संभव है कि इस बार भी गेंद पहले दिन से ही घूमे। जो इंग्लैंड के बैजबॉल अप्रोच के लिए सबसे चैलेंजिंग साबित हो सकता है।

वैसे तो इंग्लैंड भारत में पिछले 14 साल में टेस्ट सीरीज जीतने वाली इकलौती टीम है। टीम ने 2012 में एलेस्टेयर कुक की कप्तानी में 4 टेस्ट की सीरीज 2-1 से जीती थी। लेकिन तब से टीम 2 बार भारत आ गई और उन्हें महज एक मुकाबले में जीत मिली। जो रूट की कप्तानी में टीम ने 2 सीरीज 4-0 और 3-1 के अंतर से गंवाईं।

जडेजा, अश्विन और अक्षर से पार पाना आसान नहीं
भारत की स्पिन पिचों को तो विदेशी टीमें समय-समय पर भांप भी लेती हैं। लेकिन पिछले 12 साल में टीम इंडिया के एशिया में दबदबे का सबसे बड़ा कारण टीम के वर्ल्ड क्लास स्पिनर्स हैं। रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा इन सालों में लगातार टीम के टॉप बॉलर्स साबित हुए। यहां तक कि एशिया में हुई ज्यादातर सीरीज में यही 2 खिलाड़ी भारत के लिए प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का अवॉर्ड भी जीत रहे हैं।

  • अश्विन इस समय दुनिया के बेस्ट स्पिनर हैं, वैरिएशन के साथ उनके पास टेस्ट में एक ही टप्पे पर लगातार गेंदबाजी करने की काबिलियत भी है। वह एशिया में 387 विकेट ले चुके हैं और सीरीज में 400 विकेट के आंकड़े को पार कर सकते हैं।
  • जडेजा के नाम एशिया में 207 विकेट हैं और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम इंडिया की पिछली होम टेस्ट सीरीज में उन्होंने 22 विकेट लिए थे। इंग्लैंड के खिलाफ तो वह 16 ही टेस्ट में 51 विकेट ले चुके हैं।
  • अश्विन और जडेजा को पिछले 3 साल में अब अक्षर पटेल का भी साथ मिल चुका है। जो अब तक खेले 12 ही टेस्ट में 50 विकेट ले चुके हैं। वह 17 रन देने में ही एक विकेट निकाल लेते और अब तक 5 बार पारी में 5 विकेट ले चुके हैं। इंग्लैंड के पिछले भारत दौरे पर उन्होंने 3 ही टेस्ट में 27 विकेट झटक लिए थे। तब अश्विन ने 4 टेस्ट में 32 विकेट लिए थे। इनके अलावा स्क्वॉड में चाइनामैन बॉलर कुलदीप यादव भी शामिल हैं।

इंग्लिश टीम के स्पिनर्स में अनुभव की कमी
एक ओर भारत के 2 ही स्पिनर्स के नाम 650 से ज्यादा विकेट हैं। दूसरी ओर इंग्लैंड के स्क्वॉड में शामिल सभी स्पिनर्स मिल कर भी टेस्ट करियर में 200 विकेट नहीं ले सके हैं। लेफ्ट आर्म स्पिनर जैक लीच इंग्लैंड के स्क्वॉड में सबसे अनुभवी हैं, जिनके नाम 124 विकेट हैं।

इंग्लिश टीम रेहान अहमद, शोएब बशीर और टॉम हार्टले जैसे युवा स्पिनर्स को लेकर भारत आई है। रेहान ने एक टेस्ट खेला है, जबकि बाकी 2 डेब्यू भी नहीं कर सके। पार्ट टाइम स्पिनर जो रूट 60 टेस्ट विकेट के साथ इस इंग्लैंड स्क्वॉड के दूसरे सबसे सफल स्पिनर हैं। उनके नाम भारत में 5 विकेट लेने का रिकॉर्ड भी है।

ब्रूक और रूट एशिया में इंग्लैंड के लिए बेस्ट
भारत को टेस्ट सीरीज हराना है तो इंग्लैंड के बैटर्स को ही परफॉर्म करना होगा, जो पिछले 19 महीने में बहुत तेजी से रन बना रहे हैं। हालांकि एशिया में इन प्लेयर्स का प्रदर्शन भी कुछ खास नहीं। एशिया की पिचों पर जो रूट और हैरी ब्रूक ही इंग्लैंड के टॉप ऑर्डर में 40 से ज्यादा की औसत से रन बना सके हैं। रूट ने 49.23 और ब्रूक ने 93.60 की औसत से रन बनाए। ब्रूक ने सारे टेस्ट पाकिस्तान में ही खेले, जहां बैटर्स को मददगार पिचें ही थीं।

इंग्लिश टीम के टॉप-7 में जॉनी बेयरस्टो, बेन स्टोक्स, ओली पोप और जैक क्रॉले का औसत 33 से भी कम है। इतना औसत भी पाकिस्तान में खेलने के कारण ही बढ़ पाया। भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश में ये औसत और भी खराब हो जाता है। ऐसे में देखना अहम होगा कि फ्लैट पिच पर तेजी से रन बनाने वाले इंग्लैंड के बैजबॉल बैटर्स भारत में कैसा परफॉर्म करते हैं।

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