India Vs China | Vivo Money Laundering Case Update – Beijing News | चीन बोला- हमारी कंपनियों से भेदभाव न करे भारत: Vivo मनी लॉन्ड्रिंग केस में दो अफसरों को मदद देगा बीजिंग, अब तक 7 गिरफ्तारी

नई दिल्ली19 मिनट पहले

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भारत में मनी लॉन्ड्रिंग केस का सामना कर रही चाइनीज मोबाइल कंपनी वीवो के मामले में चीन ने भारत से भेदभाव नहीं करने का आग्रह किया है। चीन ने वीवो के दो अफसरों को कॉन्स्यूलर प्रोटेक्शन और कानूनी मदद देने का भी फैसला किया है।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा- इस मामले पर हम करीबी नजर रख रहे हैं। चीन सरकार अपनी सभी कंपनियों के सभी कानूनी हितों की हिफाजत करेगी।

ED ने वीवो इंडिया के अंतरिम CEO को अरेस्ट किया था
हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने वीवो इंडिया के अंतरिम CEO होंग ज़ुक्वान, वीवो के मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) हरिंदर दहिया और सलाहकार हेमंत मुंजाल को गिराफ्तार किया था। तीनों को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत अरेस्ट किया गया था।

इससे पहले अक्टूबर में ED ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में चीनी नागरिक गुआंगवेन क्यांग उर्फ ​​एंड्रयू कुआंग, लावा इंटरनेशनल के MD हरिओम राय के अलावा चार्टर्ड अकाउंटेंट राजन मलिक और नितिन गर्ग को गिरफ्तार किया था। यानी कुल 7 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

करीब एक साल पहले एजेंसी ने देशभर में वीवो मोबाइल्स और उसकी 23 एसोसिएट कंपनीज की 48 लोकेशंस पर तलाशी ली थी।

वीवो ने कहा- मौजूदा कार्रवाई से बेहद चिंतित
वीवो के प्रवक्ता ने कहा- ‘हम अधिकारियों की मौजूदा कार्रवाई से बेहद चिंतित हैं। हाल की गिरफ्तारियां लगातार उत्पीड़न को दर्शाती हैं और इंडस्ट्री में अनिश्चितता का माहौल पैदा करती हैं। हम इन आरोपों को चुनौती देने के लिए सभी कानूनी तरीकों का उपयोग करने के लिए दृढ़ हैं।’

टैक्स बचाने के लिए वीवो ने आधी इनकम चीन भेजी
ED के अरोपों के मुताबिक, चीन को अवैध रूप से फंड ट्रांसफर करने के मकसद से भारत में 19 कंपनियां बनाई गईं। इसके अलावा आर्थिक मामलों की जांच एजेंसी ने पाया कि वीवो मोबाइल्स इंडिया ने टैक्स बचाने के लिए सेल्स से हुई अपनी इनकम का आधा हिस्सा (करीब 1.25 लाख करोड़ रुपए) चीन में ट्रांसफर किया। इसमें अवैध रूप से 62,476 करोड़ रुपए चीन भेजे गए थे।

क्या है PMLA कानून?
प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट यानी PMLA को आम भाषा में समझें तो इसका मतलब है- दो नंबर के पैसे को हेरफेर कर ठिकाने लगाने वालों के खिलाफ कानून। ये एक्ट मनी-लॉन्ड्रिंग को रोकने, मनी-लॉन्ड्रिंग से प्राप्त या उसमें शामिल संपत्ति को जब्त करने और उससे जुड़े या उसके प्रासंगिक मामलों के लिए प्रावधान करने के लिए है।

PMLA, 2002 में NDA के शासनकाल में बना था। ये कानून लागू हुआ 2005 में कांग्रेस के शासनकाल में, जब पी. चिदंबरम देश के वित्त मंत्री थे। PMLA कानून में पहली बार बदलाव भी 2005 में चिदंबरम ने ही किया था।

PMLA के तहत ED को आरोपी को अरेस्ट करने, उसकी संपत्तियों को जब्त करने, उसके द्वारा गिरफ्तारी के बाद जमानत मिलने की सख्त शर्तें और जांच अधिकारी के सामने रिकॉर्ड बयान को कोर्ट में सबूत के रूप में मान्य होने जैसे नियम उसे ताकतवर बनाते हैं।

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