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भारतीय हर साल कार खरीदने के मामले में नया कीर्तिमान बनाते जा रहे हैं। हमारा ऑटो मार्केट दुनियाभर में इतना बड़ा बाजार बन चुका है, इस बात का अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि भारत सबसे ज्यादा कार बिक्री के मामले में तीसरा सबसे बड़ा देश बन चुका है। भारत ने 2023 में एक बार फिर जापान को कार बिक्री के मामले में पीछे छोड़ दिया है। हालांकि, जापान ने पिछले साल शानदार वापसी करते हुए 14% की बढ़ोतरी दर्ज की। इस दौरान भारत को 8% की बढ़ोतरी मिली। इस लिस्ट में चीन पहले नंबर और अमेरिका दूसरे नंबर पर रहा।
देश में 48% के साथ SUVs का दबदबा
भारत में पिछले साल कुल 41.1 लाख गाड़ियां बेची गईं। भारत की तुलना में जापान में आंकड़ा 40 लाख से कम रहा। 2022 में भी जापान कार बिक्री के मामले में 3.44 लाख के आंकड़े से पीछे रहा था। इस बार यह अंतर घटकर 1.15 लाख रह गया है। पिछला साल भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार के लिए सबसे अच्छा गुजरा है, जिसमें उसने सर्वाधिक कार बिक्री हासिल की है। देश में कुल कार बिक्री में 48% से अधिक की हिस्सेदारी के साथ स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (SUV) का अहम रोल रहा। इसके इस साल भी तेजी से बढ़ने की संभावना है।
लाइट व्हकील प्रोडक्ट में जापान आगे
मारुति सुजुकी के सीनियर एग्जीक्यूटिव ऑफिसर शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि अपनी बढ़ती और युवा आबादी, आर्थिक विकास और बढ़ते मोटराइजेशन स्तर के साथ भारत ने पिछले 3 दशकों में अपने पैसेंजर व्हीकल उद्योग में लगातार वृद्धि दर्ज की है। इस बढ़त ने उसे चीन और अमेरिका के बाद नंबर 3 पर पहुंचा दिया है। लाइट व्हकील प्रोडक्शन में जापान 85.9 लाख के साथ भारत से काफी आगे हैं। भारत में ऐसे व्हीकल का प्रोडक्शन 54.5 लाख यूनिट का है।
2030 तक भारत निकल जाएगा आगे
एसएंडपी ग्लोबल मोबिलिटी के अनुसार, 2023 में भारत ने 5.45 मिलियन यूनिट की मात्रा के साथ 6.8% की वृद्धि दर्ज की। एसएंडपी ग्लोबल मोबिलिटी के एसोसिएट डायरेक्टर गौरव वांगल कहते हैं कि हमें उम्मीद है कि जापान 2023 में 8.59 मिलियन यूनिट्स पोस्ट करेगा, जबकि भारत 5.45 मिलियन यूनिट्स पर है। केवल 2030 में ही भारत दुनिया में तीसरे सबसे बड़े लाइट व्हीकल मैन्युफैक्चर के तौर पर जापान से आगे निकल जाएगा।