ICMR and NCDIR study in India reveals 30 percent aged 18 or 54 never had blood pressure checked

खून में शुगर का लेवल बढ़ने के कारण ब्लड प्रेशर और डायबिटीज का खतरा काफी ज्यादा बढ़ता है. इसके कारण सेहत पर बुरा असर पड़ता है. डॉक्टरों के मुताबिक बढ़ते बीपी और शुगर लेवल से कई लोग अनजान होते हैं जिसके कारण वह बाद में बढ़ जाता है. और बाद सेहत पर इमरजेंसी का खतरा होता है. 

25 से 30 प्रतिशत मरीज हाई बीपी और शुगर मरीज

शुगर और बीपी दोनों ही बढ़ने को खतरनाक बताया है जिसके कारण डॉक्टरों का कहना है कि लगातार जांच करवाना चाहिए. ऐसे में एहतियात बरतना चाहिए. हिंदुस्तान.कॉम में छपी रिपोर्ट के मुताबिक ओपीडी में रोजाना 25 से 30 प्रतिशत मरीज हाई बीपी और शुगर के मरीज काफी ज्यादा मिल रहे हैं. 

डायबिटीज और हाइपरटेंशन

हॉस्पिटलों में शुगर और बीपी के मरीजों की संख्या दिन पर दिन बढ़ी है. लोगों के बीच डायबिटीज और हाइपरटेंशन की दवाओं की खपत बढ़ी है. शुगर और बीपी बढ़ने के कारण सेहत को काफी ज्यादा नुकसान होता है. शुगर बढ़ने पर शरीर पर लक्षण दिखाई देते हैं. बीपी अधिक बढ़ने से ब्रेन हेमरेज, पैरालाइसिस अटैक जैसी मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति होती है. 

खून में शुगर का लेवल बढ़ने के कारण धीरे-धीरे शरीर अंदर से खोखला होने लगता है. बीपी ज्यादा बढ़ने के कारण ब्रेन हेमरेज की शिकायत हो सकती है. बीपी बढ़ने पर हर रोज दवा खानी चाहिए. साथ ही साथ नमक और ज्यादा ऑयली चीजें खाने से परहेज करना चाहिए. बीपी और शुगर के मरीजों की संख्या दिन पर दिन ओपीडी में तेजी से बढ़ रहे हैं. इन दोनों ही बीमारियों की खपत पूरी तरह से बढ़ गई है. बीपी और शुगर के मरीजों को हर रोज दवा लेनी जरूरी है. 

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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