ICICI Bank Ex MD and CEO Chanda Kochhar Along With 9 Others Booked For ‘Cheating’ Tomato Paste Company | चंदा कोचर और 9 अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज: दिल्ली में हुई FIR, टोमेटो पेस्ट कंपनी को धोखा देने का आरोप

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नई दिल्ली3 घंटे पहले

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ICICI बैंक की पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO चंदा कोचर एक बार फिर कानूनी विवाद में फस गईं हैं। चंदा कोचर के खिलाफ दिल्ली में एक नया मामला दर्ज किया गया है, जिसमें उनके और 9 अन्य लोगों पर एक टोमेटो पेस्ट कंपनी को धोखा देने का आरोप लगाया गया है। कंपनी ने बताया कि उसे इन लोगों की वजह से 27 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।

2009 का यह मामला हाल ही में तब सुर्खियों में आया, जब 9 दिसंबर को पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को जांच शुरू करने का आदेश दिया। इसके बाद दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के आरोपों का हवाला देते हुए 20 दिसंबर को एक FIR दर्ज की।

चंदा कोचर समेत इन 9 लोगों पर हुई FIR
FIR में नामित लोगों में चंदा कोचर, संदीप बख्शी (CEO और MD ICICI बैंक), विजय जगडे (पूर्व मैनेजर ICICI बैंक), मुंबई में ICICI बैंक की ग्लोबल ट्रेड सर्विसेज यूनिट के अनाम अधिकारी, अतुल कुमार गोयल (MD-CEO, पंजाब नेशनल बैंक), के.के. बोर्दिया (पूर्व GM, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स), अखिला सिन्हा (AGM PNB और OBC के तत्कालीन ब्रांच हेड), मनोज सक्सेना (AGM PNB और OBC के तत्कालीन शाखा प्रमुख) और के.के. भाटिया (OBC के पूर्व चीफ मैनेजर) के नाम भी शामिल हैं।

डायरेक्टर शम्मी अहलूवालिया ने की FIR
P&R ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड (टोमेटो मैजिक) के डायरेक्टर शम्मी अहलूवालिया द्वारा दर्ज की गई FIR के अनुसार, आरोपी ने कथित तौर पर एक विदेशी बैंक से ‘लेटर ऑफ क्रेडिट’ (LoC) को असली दस्तावेज के रूप में पेश करने की साजिश रची। टोमेटो पेस्ट के एक्सपोर्ट ऑर्डर के लिए महत्वपूर्ण LoC, कथित तौर पर रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड (RBS) द्वारा जारी किया गया था, लेकिन बाद में पता चला कि यह RBS एलायंस नामक एक स्थानीय रूसी बैंक से जारी किया गया था, जो अपनी खराब रेप्यूटेशन के लिए जाना जाता है।

FIR में कहा गया है कि ICICI बैंक ने धोखाधड़ी से रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड द्वारा जारी LoC को ऑथेंटिकेट यानी प्रमाणित किया, यह अच्छी तरह से जानते हुए कि LoC (एल/सी) एक स्थानीय रूसी बैंक: RBS एलायंस से था। उस LoC में तीन बार संशोधन किया गया, लेकिन इन सभी अवसरों पर ICICI ने बार-बार गलती की।

FIR के मुताब‍िक, ICICI बैंक जो इस मामले में सलाहकार बैंक है और उसके अधिकारियों को यह जांच करनी थी कि क्या पेश किया जा रहा एल/सी ऑथेंटिक था और एक वास्तविक बैंकिंग इकाई द्वारा जारी किया गया था। बाद में बताया गया कि एल/सी पूरी तरह से फर्जी था। ICICI बैंक द्वारा एल/सी जारी करने वाले बैंक के साथ साजिश करके इसे ऑथेंटिकेट और कानूनी होने के लिए वेरीफाई किया गया था।

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