IAS Avneesh Sharan advised to stay away from misleading vlogs which say study for more than 18 hours for UPSC – जानें- इन व्लॉग्स से दूर रहने के लिए क्यों कह रहे हैं IAS अधिकारी, UPSC के उम्मीदवारों को होगा फायदा , Education News

यूट्यूब और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर व्लॉग्स का काफी चलन है। जहां आपको अलग अलग विषयों पर व्लॉग्स देखने को मिल जाएंगे। अगर आप यूपीएससी सीएसई की परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं और  यूपीएससी की तैयारी करवाने का दावा करने वाले व्लॉग्स देखते हैं, तो सावधान हो जाइए, क्योंकि ऐसे व्लॉग्स उम्मीदवारों को भ्रमित कर रहे हैं।

साल 2009 बैच के IAS अधिकारी अवनीश शरण ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर यूट्यूब वीडियो के स्क्रीनशॉट पोस्ट करते हुए लिखा, ‘गुमराह करने वाले, इनसे दूरी बनाकर रखें। इतना भी नहीं पढ़ना होता है’

दरअसल यहां अवनीश शरण उन व्लॉग्स की बात कर रहे हैं, जिसमें दावा किया गया है, कि यूपीएससी के उम्मीदवारों को प्रतिदिन 18 से ज्यादा घंटे तक पढ़ाई करने की आवश्यकता है। आईएएस अधिकारी ने उम्मीदवारों से ऐसे व्लॉग्स से दूर रहने का आग्रह किया और जोर देकर कहा कि सफल होने के लिए उन्हें इतने लंबे समय तक पढ़ाई करने की आवश्यकता नहीं है।

बता दें, उनके पोस्ट ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी और तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आईं। अधिकांश यूजर्स इस बात से सहमत हैं कि यूपीएससी की तैयारी के लिए 18 घंटे से अधिक समय तक पढ़ने का कोई मतलब नहीं है। पढ़ाई की गुणवत्ता मायने रखती है, न कि समय। कई यूजर्स ने उम्मीदवारों को भ्रमित करने के लिए ऐसे व्लॉगर्स की भी आलोचना की।

एक यूजर ने लिखा, ”सर मैंने हाल ही में इनमें से एक व्लॉग्स को देखा। वे हमें गुमराह कर रहे हैं और संबंधित परीक्षाओं के बारे में सही जानकारी नहीं दे रहे हैं। वहीं किस उम्मीदवार ने कितने घंटे तक पढ़ाई की है, इसके लिए मार्क्स नहीं मिलेंगे, मार्क्स केवल उत्तर पुस्तिका में जो लिखा है, उसके लिए मिलेंगे”

एक दूसरे यूजर ने लिखा, ”मैं सोच रहा हूं कि ऐसे व्लॉग्स कौन देखता है, यह पैसा कमाने का एक नया तरीका है”

एक तीसरे यूजर ने लिखा, ‘उम्मीद है कि उम्मीदवार समझेंगे कि प्रोडक्टिविटी मायने रखती है, न कि किताबों के सामने बिताए गए घंटों की संख्या। इसी के साथ हर उम्मीदवार को अपनी क्षमताओं को समझना चाहिए और दूसरों की नकल न करने से बचना चाहिए’

आपको बता दें, इंटरनेट के इस दौर में कई विषयों पर व्लॉग्स बनाए जा रहे हैं।जिसमे कभी भी पूरी सच्चाई नहीं दिखाई जाती है, ऐसे में अगर आप किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं और उससे संबंधित कोई व्लॉग्स देख रहे हैं, तो सलाह दी जाती है,  किसी को भी उनके किए गए दावों पर आंख बंद करके विश्वास नहीं करना चाहिए।

 

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