How many times should you pee in one day | एक दिन में कितनी बार पेशाब करना चाहिए

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पेशाब करना शरीर की सामान्य प्रक्रिया है. एक हेल्दी व्यक्ति दिन में 6-7 बार पेशाब करता है. दवाइयों, हार्मोन में बदलाव और मूत्राशय पर दबाव से संख्या बदल सकती है.

दिन में कितनी बार पेशाब करना सही है, कब यह देने लगता है कि बीमारी का संकेत

एक दिन में कितनी बार पेशाब करना चाहिए.

हाइलाइट्स

  • एक हेल्दी व्यक्ति दिन में कितनी बार पेशाब करता है.
  • रात को बार-बार पेशाब करना सामान्य नहीं है.
  • पेशाब में जलन, दर्द या खून आने पर डॉक्टर से मिलें.

पेशाब करना शरीर की एक सामान्य प्रक्रिया है जिससे शरीर में जमा बेकार तरल पदार्थ बाहर निकलता है. इसमें यूरेनरी ब्लेडर से पेशाब बाहर निकलता है. यह पेशाब मूत्रनली के रास्ते शरीर से बाहर आता है. हमारी किडनी खून को साफ करती है और उसमें से फालतू पानी और खराब पदार्थ निकालकर पेशाब बनाती है. फिर यह पेशाब मूत्राशय में जमा होता है. जब मूत्राशय भर जाता है तो यह दिमाग को संकेत भेजता है कि इसे खाली करना है. और इस तरह आपको पेशाब करने की जरूरत महसूस होती है और आप बाथरूम जाते हैं. इस दौरान मूत्राशय की मांसपेशियां सिकुड़ती हैं और पेशाब बाहर निकलता है. अब सवाल उठता है कि एक हेल्दी व्यक्ति को एक दिन में कितनी बार पेशाब करने के लिए बाथरूम का रुख करना चाहिए. यह जानना इसलिए भी जरूरी है कि पेशाब अगर ज्यादा बार जाना पड़ें तो भी किसी बीमारी का संकेत है और कम बार जाना पड़े तो भी किसी बीमारी का संकेत है.

कितनी बार पेशाब करना चाहिए
पेशाब करने की संख्या से यह समझा जा सकता है कि शरीर अंदर से ठीक काम कर रहा है या नहीं. एक वयस्क व्यक्ति यदि वह हेल्दी है और यदि वह दिन भर में 2 लीटर तक तरल पदार्थ ले लेता है तो पेशाब का इनपुट 800 एमएल से 2000 एमएल के बीच होना चाहिए. इस हिसाब से एक हेल्दी वयस्क व्यक्ति आम तौर पर दिन में 6 से 7 बार पेशाब करता है. लेकिन अगर वह ज्यादा लिक्विड लेता है या कोई ऐसी चीज खा लेता है जिससे शरीर पानी को ज्यादा सोख ले तो इसमें कम-ज्यादा हो सकता है. ऐसे में यदि कोई व्यक्ति 4 से 10 बार भी पेशाब करता है और वह हेल्दी है. कोई अन्य परेशानी नहीं है तो भी इसे सामान्य माना जाता है. लेकिन रात को बार-बार पेशाब के लिए उठना सामान्य नहीं माना जाता. अगर आप रात को बार-बार पेशाब करने के लिए उठते हैं तो यह किसी समस्या का संकेत हो सकता है.

पेशाब की संख्या को प्रभावित करने वाले कारण
पेशाब करने की संख्या कुछ दवाइयों, हार्मोन में बदलाव और मूत्राशय पर दबाव के कारण भी बदल सकती है. गर्भवती महिलाओं में कुछ समय के लिए मूत्राशय पर नियंत्रण कम हो जाता है. यह सामान्य बात है. यह स्थिति अक्सर बच्चे के जन्म के बाद आठ हफ्तों तक बनी रह सकती है. पेशाब की संख्या को प्रभावित करने वाले अन्य कारण भी हो सकते हैं.

कब डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए
अगर आप दिन में 4 से 10 बार के बीच पेशाब नहीं कर रहे हैं या रात को कई बार पेशाब के लिए उठ रहे हैं तो आपको ध्यान देना चाहिए. अगर आपको नीचे दिए गए लक्षण दिखाई दें तो डॉक्टर से मिलना जरूरी है. पेशाब का सीधा संबंध डायबिटीज से है. अगर आप कभी पेशाब रोकना चाहे और यह रुके न या पेशाब लीक हो जाए तो यह यूरेनरी ट्रेक्ट से संबंधित परेशानी है. बहुत ज्यादा या अचानक पेशाब आने की जरूरत महसूस होना भी सही नहीं है. अगर पेशाब का रंग साफ नहीं है. इसका रंग मटमैला है या पीला या लाल है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. अगर पेशाब से खून आता है तो भी यह गंभीर है. पेशाब करते समय जलन या दर्द होता है तो इसका मतलब है कि कुछ इंफेक्शन हो गया है. अगर पेशाब शुरू करने में दिक्कत हो रही है या पेशाब की धार बहुत हल्की है तो भी यह चिंता का विषय है. मूत्राशय को पूरी तरह से खाली करने में परेशानी होना भी किसी बीमारी का संकेत है. ऐसी स्थिति में हल्के में नहीं लेना चाहिए.

LAKSHMI NARAYAN

Excelled with colors in media industry, enriched more than 16 years of professional experience. Lakshmi Narayan contributed to all genres viz print, television and digital media. he professed his contribution i…और पढ़ें

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दिन में कितनी बार पेशाब करना सही है, कब यह देने लगता है कि बीमारी का संकेत

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