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Medical Negligence: अस्पताल में मरीज का सही इलाज करवाना किसी चुनौती से कम नहीं है. कई बार देखा गया है कि अस्पताल सिर्फ पैसे ऐंठने की फिराक में होते हैं, इसके लिए वो किसी भी हद तक चले जाते हैं. अक्सर ये भी देखा जाता है कि मरीजों की ठीक से देखभाल नहीं होती है और उन्हें सही इलाज भी नहीं मिल पाता है. इसे मेडिकल नेग्लिजेंस कहा जाता है, जिसकी आप शिकायत कर सकते हैं. अगर आपके भी किसी परिचित के साथ ऐसा होता है तो आप आरोपी अस्पताल के खिलाफ कैसे शिकायत कर सकते हैं, आज हम आपको यही बता रहे हैं. 

किन मामलों में होती है लापरवाही?
कई अस्पतालों में बुजुर्ग मरीजों का ठीक से खयाल नहीं रखा जाता है और नए या ट्रेनी डॉक्टर्स के हवाले उन्हें छोड़ दिया जाता है. इलाज में लापरवाही के चलते कई बार मरीजों की मौत भी हो जाती है. कई बार गलत दवाएं, ऑपरेशन के वक्त कोई लापरवाही या फिर गैर जरूरी सर्जरी के मामले भी देखे जाते हैं. ऐसे में लापरवाही करने वाले अस्पताल और डॉक्टर या स्टाफ के खिलाफ केस दर्ज किया जा सकता है. 

हो सकती है जेल
भारत में मेडिकल नेग्लिजेंस को अपराध माना जाता है, ऐसा करने पर दोषी डॉक्टर या फिर स्टाफ को जेल की हवा तक खानी पड़ सकती है. इसके अलावा नुकसान की भरपाई भी करनी पड़ती है. मरीज की मौत होने पर धारा 304ए के तहत केस दर्ज किया जा सकता है, जिसमें 6 महीने से लेकर दो साल तक की सजा हो सकती है. इसी तरह बाकी के मामलों में भी केस दर्ज होता है. 

कहां करें शिकायत?
अब सवाल है कि आप शिकायत कहां कर सकते हैं. हॉस्पिटल में हुई लापरवाही की शिकायत सीएमओ या फिर अस्पताल प्रशासन को करें, इसके बाद पुलिस में भी इसकी शिकायत करें. एक कॉपी स्टेट मेडिकल काउंसिल में भी भिजवा दें. इसके बाद मामला कोर्ट में जाएगा और आरोप सही साबित होने पर आपको मुआवजा भी मिलेगा, साथ ही आरोपी स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई भी होगी. 

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