Hindu Devi devta ki kitni Parikrama kare hindu tradition temple parikrama niyam vidhi

Parikrama: हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की पूजा में उन्हें स्नान करना, वस्त्र पहनाना, श्रृंगार करने, धूप-दीप-भोग लगाने के अलावा परिक्रमा करना भी पूजन का महत्वपूर्ण हिस्सा माना गया है. सनातन धर्म में मान्यता है कि मंदिर या भगवान की प्रतिमा की परिक्रमा लगाने से विचारों में सकारात्मकता और पवित्रता बढ़ती है.

मन को सुख-शांति मिलती है लेकिन परिक्रमा का फल तभी मिलता है जब इसके नियमों का पालन किया जाए. जानें किस देवी-देवता की कितनी परिक्रमा करनी चाहिए, परिक्रमा की सही विधि और मंत्र.

किस देवता की कितनी परिक्रमा करें

  • शिव जी – शिवलिंग की आधी परिक्रमा
  • विष्णु जी – पांच परिक्रमा
  • हनुमान जी – तीन परिक्रमा
  • दुर्गा जी (सभी देवियां) – एक परिक्रमा
  • सूर्य देव – सात परिक्रमा
  • गणेश जी – तीन परिक्रमा
  • पीपल का पेड़ – 108 परिक्रमा

कैसे करें परिक्रमा (Parikrama Vidhi)

परिक्रमा हमेशा घड़ी की दिशा में करनी चाहिए. सीधे हाथ की ओर से परिक्रमा शुरू करे. मंदिर बहुत पवित्र स्थान होता है यहां लगातार मंत्र जाप, पूजा और घंटियों की ध्वनि से सकारात्मक ऊर्जा एक घेरा बन जाता है. ये ऊर्जा उत्तर से दक्षिण दिशा की ओर प्रवाहित होती है. ऐसे में दाहिने ओर से परिक्रमा करने पर साधक को सकारात्मक ऊर्जा का लाभ मिलता है. इससे मानसिक तनाव दूर होते हैं, आध्यात्मक की ज्योति जाग्रत होती है.

परिक्रमा करने का मंत्र (Parikrama Mantra)

यानि कानि च पापानि जन्मांतर कृतानि च। तानि सवार्णि नश्यन्तु प्रदक्षिणे पदे-पदे।।

अर्थ – हमारे द्वारा जाने-अनजाने में किए गए और पूर्वजन्मों के भी सारे पाप प्रदक्षिणा के साथ-साथ नष्ट हो जाए. परमपिता परमेश्वर मुझे सद्बुद्धि प्रदान करें. परिक्रमा के दौरान अपने इष्ट देव के मंत्र का जाप करने से भी उसका शुभ फल मिलता है.

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