High Security Registration Plates Details; HSRP Process, Benefits And Rules | फैंसी नंबर प्लेट लगवाने पर ₹10,000 तक का जुर्माना: गाड़ी चोरी होने पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट से ट्रैक करना आसान, जाने इसे लगवाने की प्रोसेस

नई दिल्ली56 मिनट पहले

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गाड़ी की नंबर प्लेट या व्हीकल रजिस्ट्रेशन प्लेट पर- 8055 बन जाता है बॉस, 4141 बन जाता है पापा या दादा, 3715 बन जाता है आई और 4137 हो जाता है भाऊ। ऐसे कई उदाहरण हैं, जो गाड़ियों की नंबर प्लेट पर आम तौर पर देखे जा सकते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं ये गैरकानूनी है और ऐसा करने पर आप पर 5 से 10 हजार रुपए तक का जुर्माना लग सकता है।

केंद्र सरकार हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) लगवाने के लिए 31 दिसंबर 2022 को डेडलाइन जारी कर चुकी है। इसमें मोटर व्हीकल एक्ट के तहत 1 अप्रैल 2019 से पहले रजिस्टर्ड हुए सभी टू-व्हीलर्स पर हाई HSRP लगा होना जरूरी है। वहीं, फोर-व्हीलर्स में HSRP और कलर कोडेड स्टीकर लगा होना अनिवार्य है।

बावजूद इसके अब भी कई गाड़ियों पर अलग-अलग डिजाइन वाली फैंसी नंबर प्लेट देखी जा सकती हैं। अगर आपकी गाड़ी पर HSRP नंबर प्लेट नहीं है तो इसे तुरंत लगवा लें। हम यहां हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट के फायदे और इसे लगवाने के तरीके के बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं…

सबसे पहले जानते हैं हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट क्या है?

  • हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) एल्यूमीनियम से बनी एक नंबर प्लेट होती है। इन्हें कम से कम वन टाइम यूज्ड स्नैप-ऑन लॉक के जरिए गाड़ी के फ्रंट और बैक में लगाया जाता है। स्नैप-ऑन लॉक का फायदा यह है कि इन्हें न तो आसानी से गाड़ी से हटाया जा सकता है और न ही एक बार हटाने के बाद दूसरी नंबर प्लेट लगाई जा सकती है।
  • नियम के अनुसार, अलग-अलग कैटेगरी की गाड़ी में अलग-अलग साइज की नंबर प्लेट होती है। गाड़ी के हिसाब से प्लेट का साइज 280×45, 200×100, 340×200 और 500×120 होता है। गाड़ी के फ्रंट और रियर प्लेट का साइज अलग हो सकता है। इसकी मोटाई 1mm होती है।
  • HSRP में लिखे अंकों, अक्षरों और बॉर्डर पर एक हॉट-स्टैंप वाली फिल्म लगाई जाती है। इसमें 45 डिग्री के एंगल पर ‘INDIA’ लिखा होता है। प्लेट पर अंक और अक्षर का साइज 10mm और एक खास फॉन्ट होता है। इन्हें खास तरीके से प्रेस कर लिखा जाता है, जो हमेशा के लिए उभर आते हैं।
  • इस नंबर प्लेट का कलर व्हीकल की कैटेगरी के अनुसार- वाइट, यलो और ग्रीन होता है। ये कलर रिफ्लेक्टिव होते हैं, जिससे लाइट पड़ने पर अंक और अक्षर चमक उठते हैं। इससे ये CCTV कैमरे में आसानी से कैप्चर हो जाते हैं।
  • प्लेट में ऊपर बाएं कोने पर नीले रंग में अशोक चक्र का हॉट-स्टैंप्ड क्रोमियम बेस्ड 20X20mm होलोग्राम होता है। इसके नीचे बाएं कोने पर 10 अंक का सीक्रेट कोड (पिन) लेजर से लिखा होता है, जो यूनिवर्सल होता है। यानी एक प्लेट पर नंबर सिर्फ एक बार ही इस्तेमाल किया जा सकता है। ये नंबर एक ही गाड़ी के फ्रंट और रियर नंबर प्लेट में अलग-अलग होता है।
  • इस सीक्रेट कोड में गाड़ी से जुड़ी सारी डिटेल्स जैसे- चेसिस और इंजन नंबर, परचेजिंग डेट, गाड़ी का मॉडल, डीलर और रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी आदि होता है। कार में ये दोनों कोड कलर कोटेड स्टीकर पर भी लिखे होते हैं, जिसे विंडशील्ड पर लगाया जाता है।

कलर कोडेट स्टीकर
कलर कोडेड स्टिकर फोरव्हील गाड़ियों पर लगवाना अनिवार्य है। इसे गाड़ी की विंडशील्ड पर लगाया जाता है। स्टिकर के रंग के जरिए यह पता चलता है कि गाड़ी किस फ्यूल से चलती है। जैसे कि डीजल गाड़ी के लिए ऑरेंज स्टिकर, पेट्रोल/सीएनजी गाड़ी के लिए लाइट ब्लू स्टिकर और इलेक्ट्रिक गाड़ी के लिए ग्रे स्टिकर लगाया जाता है। इससे ये भी पता चलता है कि गाड़ी किस भारत स्टेज वैरिएंट (BSIII, BSIV या BSVI) की है।

HSRP ये क्यों जरूरी?
HSRP के मेन्युफैक्चरर रोसमेर्टा टेक्नोलॉजीज के स्पोक्सपर्सन महेश मल्होत्रा ने बताया कि सेंट्रल मोटर व्हीकल नियम 50 के अनुसार, किसी भी गाड़ी की रजिस्ट्रेशन प्लेट की मोटाई, साइज और फॉन्ट को लेकर नियम पहले से तय हैं, लेकिन सरकार की सख्ती न होने के कारण और जानकारी के अभाव में लोग गाड़ियों पर HSRP नहीं लगवा रहे हैं।

मल्होत्रा ने बताया कि लोग या तो अनऑर्थराइज्ड डीलरशिप और रोड साइड शॉप्स से नकली हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) लगवा लेते हैं या फिर फैंसी नंबर प्लेट लगवा लेते हैं, जो गैरकानूनी है। अगर गाड़ी चोरी हो जाती है और उस पर HSRP नहीं हैं तो उसे ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है। वहीं, बिना HSRP की गाड़ी को क्रिमिनल एक्टिविटी में इस्तेमाल करना आसान होता है। इसलिए गाड़ी कोई भी हो, उस पर HSRP होना जरूरी है।

हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट की कीमत
नई गाड़ी खरीदने पर डीलर की ओर से HSRP दी जाती है। कीमत की बात करें तो व्हीकल की कैटेगरी और ब्रांड के अनुसार इसमें 100 रुपए का अंतर हो सकता है। टू-व्हीलर के लिए इसकी कीमत 400 से 500 रुपए हो सकती है। वहीं, फोर-व्हीलर के लिए इसकी कीमत 1100 से 1200 रुपए तक हो सकती है। इसके अलावा एक ही शहर में भी इनकी कीमत में अंतर देखने को मिल सकता है। अगर आपकी गाड़ी पुरानी है तो ऑनलाइन अप्लाई कर HSRP लगवा सकते हैं।

एक मिनट में समझें HSRP को ऑनलाइन बुक करने का प्रोसेस…

किन चीजों का ध्यान रखें?
फ्रॉड से बचने के लिए ऑथराइज्ड वेंडर से ही HSRP लगवाएं।
ऑनलाइन के लिए SIAM और Bookmyhsrp.com से ही बुक करें।
नकली HSRP और फैंसी और डिजाइन वाली नंबर प्लेट लगवाने से बचें।

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