सीमा कुमारी
नवभारत डिजिटल टीम: अगर आप थायराइड या थायरॉयड (Thyroid) के मरीज हैं, तो सर्दियों का मौसम आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। ठंड के मौसम में आपके लक्षण और ज्यादा बिगड़ सकते हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि जैसे-जैसे तापमान गिरता है, आपके थायरॉयड को ठीक से काम करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है।
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि यदि आपको लग रहा है कि ठंड में आपके थायरॉयड के लक्षण (Thyroid disease symptoms) जैसे थकान, कब्ज, ड्राई स्किन, वजन बढ़ना, आंखों में सूजन, मांसपेशियों में दर्द, दिल की दर कम होना आदि बिगड़ रहे हैं, तो आपको कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। ऐसे में कुछ डाइट में बदलाव और कुछ जड़ी-बूटियों की मदद से आप थायराइड की समस्या पर काबू पा सकते है। आइए जानें यहां कौन सी वे जड़ी-बूटियां हैं।
जानकारों के अनुसार, ‘अश्वगंधा’ एक ऐसी जड़ी-बूटी हैं। जिसमे कई ऐसे गुण पाए जाते हैं जो हमारे हार्मोन्स के संतुलन में सुधार कर सकते हैं। ये हार्मोन्स हमारे शरीर के कई कार्यों को नियंत्रित करते हैं। अश्वगंधा के चूर्ण को पानी में उबालकर पीने से हार्मोन संतुलन में सुधार हो सकता हैं। अश्वगंधा में एंटीऑक्सीडेंट गुण भी पाए जाते हैं जो शरीर के लिए हानिकारक ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
इसके आलावा, ‘तुलसी’ भी एक औषधीय पौधा है। इसमें कई गुण होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक हो सकते हैं। इसमें एंटी-फंगल और एंटी-इन्फ़्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। ये गुण थायरॉयड समस्याओं को कम करने में मदद कर सकते हैं। तुलसी की पत्तियों को पानी में उबालकर पीने से या चबाकर खाने से थायरॉयड संबंधी समस्याओं में राहत मिल सकती हैं।
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, थायराइड रोगियों के लिए काला जीरा फायदेमंद साबित हो सकता है। काले जीरे के तेल में एंटी-फंगल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और कोलेस्ट्रॉल को कम करने का गुण होता है। नियमित रूप से काले जीरे का सेवन करने से बीएमआई को कम हो गया।
साथ ही यह शरीर में सूजन को भी कम कर सकता है। रोजाना काले जीरे का तेल इस्तेमाल करने से यह टी4 और टी3 दोनों थायराइड हार्मोन के स्तर में वृद्धि को कम कर सकता है। इतना ही नहीं, यह थायराइड एंटीबॉडी को कम करने के लक्षणों को कम करने में सुधार कर सकता है। काले जीरे का इस्तेमाल पानी में मिक्स करके या फिर तेल के रूप में करें।