Gen AI पर तीन गुना खर्च करेंगी एशिया पैसिफिक की कंपनियां, 3.4 अरब डॉलर का होगा निवेश, पढ़ें पूरी खबर

Gen AI Infosys Research : एशिया पैसिफिक क्षेत्र में कंपनियां जेनरेटिव एआई (Gen AI) में निवेश बढ़ा रही हैं. इन्फोसिस रिसर्च की एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है. इन्फोसिस की शोध इकाई इन्फोसिस नॉलेज इंस्टीट्यूट की नयी रिपोर्ट के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, चीन, जापान, भारत और सिंगापुर में जेन एआई तकनीक पर खर्च 2024 में लगभग तीन गुना होकर 3.4 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है. हालांकि, उत्तर अमेरिका के मुकाबले में एशिया पैसिफिक का क्षेत्र फिलहाल बहुत पीछे है.

AI पर खर्च के मामले में उत्तरी अमेरिका से पीछे है एशिया पैसेफिक

एशिया प्रशांत क्षेत्र में कंपनियां जेनरेटिव एआई (जेन एआई) में निवेश बढ़ा रही हैं. इन्फोसिस रिसर्च की एक रिपोर्ट के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, चीन, जापान, भारत और सिंगापुर में इस तकनीक पर खर्च 2024 में लगभग तीन गुना होकर 3.4 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है. इसमें कहा गया कि जहां यह खर्च उत्तरी अमेरिका से पीछे है, वहीं एपैक (एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग) में स्वीकार्यता, प्रभावशीलता और वृद्धि वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक है.

जेन एआई पर खर्च में अपने उत्तर अमेरिका से पीछे

सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र की प्रमुख कंपनी की शोध इकाई इन्फोसिस नॉलेज इंस्टीट्यूट (आईकेआई) ने कहा, एशिया-प्रशांत क्षेत्र की कंपनियां जेनरेटिव एआई में तेजी से निवेश बढ़ा रही हैं और परिपक्वता के उच्च चरण में प्रवेश कर रही हैं. जहां एपैक में कंपनियां वर्तमान में जेन एआई पर खर्च में अपने उत्तरी अमेरिकी समकक्षों से पीछे हैं, वहीं शोध में किसी भी अन्य क्षेत्र की तुलना में 140 प्रतिशत की बड़ी वृद्धि का अनुमान लगाया गया है. इसमें कहा गया, इसका मतलब है कि ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, चीन, जापान, भारत और सिंगापुर में अनुमानित 3.4 अरब डॉलर का निवेश किया जाएगा.

जेन एआई में भारी निवेश

इन्फोसिस की जेनरेटिव एआई रडार एपीएसी रिपोर्ट में कारोबारी दिग्गजों और एआई का उपयोग करने वालों का साक्षात्कार का विश्लेषण और ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, चीन, जापान, भारत और सिंगापुर के 1,000 उत्तरदाताओं का सर्वेक्षण शामिल है. पूरे एपैक की कंपनियां जेन एआई में भारी निवेश कर रही हैं. चीन इस क्षेत्र में सबसे आगे है, जिसमें निवेश 160 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 2.1 अरब डॉलर होने की उम्मीद है. ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की वृद्धि उसके पीछे है. (भाषा इनपुट के साथ)

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