सीएम योगी के नाम पर फर्जीवाड़ा।
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एआई की मदद से डीपफेक वीडियो बनाकर साइबर अपराधियों ने सीएम से डायबिटीज की दवा का प्रचार करवा दिया। यही नहीं एक अन्य वीडियो में सीएम से एक अन्य दवा खरीदने की अपील भी करवा दी। साइबर क्राइम थाने के अफसरों ने इसका संज्ञान लेकर दो एफआईआर दर्ज की हैं। दो टीमें इन मामलों की जांच में लगी हैं। फेसबुक से दोनों अकाउंट के बारे में जानकारी मांगी गई है।
साइबर क्राइम थाने में तैनात इंस्पेक्टर मोहम्मद मुस्लिम खां के मुताबिक एआई टूल का इस्तेमाल कर बनाया गया डीपफेक वीडियो फेसबुक पर grace garsias नाम की प्रोफाइल से पोस्ट किया गया। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का वीडियो इस्तेमाल किया गया है। इस वीडियो में डायबिटीज की दवा का प्रचार किया जा रहा है। साथ में दवा खरीदने के लिए कहा जा रहा है।
इसी तरह से थाने के दरोगा रवि वर्मा ने servicios variosking express फेसबुक पेज के खिलाफ केस दर्ज कराया है। इसमें सीएम के साथ कुछ बॉलीवुड के अभिनेताओं का वीडियो इस्तेमाल कर दवा खरीदने के लिए लोगों से अपील की जा रही है। कई बड़े-बड़े फर्जी दावे किए जा रहे हैं। साइबर क्राइम थाने के प्रभारी इंस्पेक्टर बृजेश कुमार यादव ने बताया कि ठगी के लिए साइबर अपराधियों ने यह सब किया है। फेसबुक मुख्यालय से इन दोनों अकाउंट का विवरण व आईपी एड्रेस मांगा गया है। जानकारी मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
भगवान से मिलेगा सम्मान
वीडियो में एआई के जरिये जो ऑडियो डाला गया है उसमें कहा जा रहा है कि दवा भारतीय वैज्ञानिकों ने तैयार की है। जो भी शख्स इस वेबसाइट से दवा खरीदेगा उसको भगवान का सम्मान (आशीर्वाद) मिलेगा। लोगों को झांसा देने के लिए सीएम का वीडियो इस्तेमाल किया गया है।
ये भी है आशंका
दोनों मामलाें में पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेकर केस दर्ज कराए हैं। अंदेशा है कि साइबर अपराधियों ने इसके जरिये मोटी रकम भी ठगी होगी। इसकी पुष्टि साइबर अपराधियों के पुलिस के शिकंजे में आने पर ही हो सकेगी। केस की तफ्तीश में फेसबुक के जरिये उपलब्ध कराए जाने वाली जानकारी अहम होगी। क्योंकि उसी के ही जरिये पुलिस आरोपियों तक पहुंच सकेगी।
वीडियो पर तुरंत न करें यकीन
पिछले कुछ महीनों में एआई के जरिये बनाए गए डीपफेक वीडियो की सोशल मीडिया भरमार हो गई है। साइबर एक्सपर्ट राहुल मिश्र ने बताया कि साइबर अपराधी एआई का गलत इस्तेमाल कर ठगी को अंजाम दे रहे हैं। वहीं तमाम तरह की अफवाहें भी इस तरह के वीडियो से फैलाने का प्रयास किया जा रहा है। राहुल के मुताबिक सोशल मीडिया व अन्य प्लेटफार्म पर दिखने वाले वीडियो पर तस्दीक करने के बाद ही यकीन करें।