43 मिनट पहलेलेखक: किरण जैन
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टीवी एक्ट्रेस सुरभि चंदना अपनी शादी को लेकर चर्चा में हैं। अगले महीने (2 मार्च) वो जयपुर में अपने लॉन्ग-टाइम बॉयफ्रेंड करण शर्मा से शादी कर रही हैं। शादी की तैयारियों के बीच, स्कॉटलैंड-बेस्ड डिजाइनर आयुष केजरीवाल ने सुरभि की स्टाइलिस्ट को फटकार लगाई है।
दरअसल, स्टाइलिस्ट ने सुरभि के शादी के फंक्शन्स के लिए आयुष से मुफ्त में कपड़े मांगे थे। ये बात आयुष को सही नहीं लगी। डिजाइनर की मानें तो शादी जैसे पर्सनल इवेंट में भी एक्टर्स या उनकी टीम का यूं मुफ्त में कपड़ों की डिमांड करना बेहद गलत है।
स्कॉटलैंड से आयुष केजरीवाल ने दैनिक भास्कर से इस पुरे मुद्दे पर बात की। उन्होंने कहा, ‘मैं तो ये जानता भी नहीं की सुरभि चंदना हैं कौन? जब उनकी स्टाइलिस्ट ने मुझे मैसेज किया तब मैंने उनके बारे में सर्च किया। पता चला कि वो टीवी एक्ट्रेस हैं।
मैसेज में उनकी स्टाइलिस्ट ने शादी से जुडी सभी फंक्शन के डिटेल्स शेयर किए थे। वे चाहती थी कि मैं सुरभि को मुफ्त में अपने डिजाइनर कपड़े दूं जिसके बदले वे मुझे सोशल मीडिया क्रेडिट देंगी। जाहिर है, सुरभि इस बात से वाकिफ होंगी ही। उनसे पूछे बिना तो उनकी स्टाइलिस्ट कोई कदम नहीं उठाएंगी। मेरी नजर में ये बहुत गलत बात है।’
डिजाइनर ने आगे कहा, ‘अब जो एक्ट्रेस जयपुर के शाही पैलेस में शादी रचा रही हो, उसके पास पैसों की कमी तो नहीं होगी। यदि वो लोकेशन पर पैसा खर्च कर सकती हैं तो कपड़ों पर क्यों नहीं? उन्हें फ्री आउटफिट की क्या जरुरत? हम डिजाइनर बहुत मेहनत करते हैं। मेरे लिए ये बहुत शॉकिंग था।
अब तक, कमर्शियल इवेंट के लिए सेलिब्रिटीज का डिज़ाइनर से मुफ्त कपड़ों की डिमांड करना ठीक था। अब ये लोग अपनी शादी के लिए भी मुफ्त कपड़े मांग रहे हैं। सच्चाई ये है की इन एक्टर्स को हमारे डिज़ाइन नहीं, बल्कि मुफ्त में मिले कपड़े ज्यादा पसंद आते हैं। मैं इनकी पोल खोलने से नहीं डरता। मैं ईमानदारी से काम करता हूं और अपने मेहनत के लिए पैसे मांगता हूं। इनकी ये बिना पैसे अपना काम निकलवाने की स्ट्रेटेजी मेरे लिए काम नहीं आएंगी।’
बतौर डिजाइनर, आयुष केजरीवाल पिछले 19 सालों से इस इंडस्ट्री से जुड़े हुए हैं। वे इंडियन आउटफिट बनाने के लिए जाने जाते हैं। अब तक उन्होंने हेमा मालिनी, विद्या बालन जैसे कई सेलिब्रिटीज के साथ काम किया है। दिल्ली और कोलकत्ता में उनके स्टोर हैं।
हमने सुरभि चंदना से भी उनका पक्ष जानना चाहा, हालांकि वे उपलब्ध नहीं थीं।