नींद हमारे स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और हम कैसे सोते हैं, इसका हमारे शरीर पर गहरा प्रभाव पड़ता है. हम में से बहुत से लोग रात को सोते समय अपनी पसंदीदा मुद्रा में सोना पसंद करते हैं. कुछ लोग पीठ के बल, कुछ पेट के बल, तो कुछ बाईं या दाईं करवट लेकर सोते हैं. लेकिन, क्या बाईं करवट सोने से शरीर में कोई समस्या उत्पन्न होती है? एक्सपर्ट के अनुसार बाईं करवट सोने के कई स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं, लेकिन कुछ परिस्थितियों में इससे दिक्कतें भी हो सकती हैं. आइए जानते हैं कि हम बाईं करवट सोने के फायदे और नुकसान के बारे में ..
पाचन में सुधार
बाईं करवट सोने से गुरुत्वाकर्षण आपके पाचनतंत्र की सहायता करता है, जिससे भोजन का आसानी से पाचन और अवशोषण होता है. यह अम्लता और अपच की समस्याओं को कम करने में भी मदद करता है.
हृदय स्वास्थ्य
आपका हृदय शरीर के बाईं ओर होता है, और बाईं करवट सोने से हृदय पर दबाव कम होता है. यह रक्त परिसंचरण में सुधार करता है और हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है.
नींद की गुणवत्ता में सुधार
कई अध्ययन बताते हैं कि बाईं करवट सोने से नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है, खासकर अगर आपको सांस संबंधी समस्याएं या स्नोरिंग की समस्या हो.
गर्भावस्था में लाभ
गर्भवती महिलाओं के लिए बाईं करवट सोना विशेष रूप से अनुशंसित होता है क्योंकि यह उत्कृष्ट रक्त परिसंचरण को बढ़ावा देता है और गर्भ में शिशु को पोषण पहुंचाने में मदद करता है.
खर्राटों में कमी
बाईं करवट सोने से सांस की नली में हवा अधिक स्वतंत्रता से प्रवाहित होती है, जिससे खर्राटों में कमी आती है. यह मुद्रा गले और जीभ के ऊतकों को ढीला नहीं होने देती, जिससे हवा के प्रवाह में बाधा नहीं आती और खर्राटों की संभावना कम हो जाती है.
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