नोबेल विजेता एंटोन प्रधानमंत्री मोदी के साथ
– फोटो : एक्स@narendramodi
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नोबेल विजेल ऑस्ट्रियाई भौतिक विज्ञानी पेंटेन जिलिंगर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहुत की आध्यात्मिक हैं और दुनिया के कई नेताओं की उनकी इस विशेषता को धारण करना चाहिए। ऑस्ट्रिया यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने बुधवार को को एंटीन जिलिगर से मुलाकात की और क्वांटम तकनीक के साथ ही आध्यात्म पर भी चर्चा की
2022 में भौतिक विज्ञान का नोबेल पुरस्कार जीतने वाले वैज्ञानिक ने कहा, जब आप प्रतिभाशाली युवाओं को उनके अपने विचारों के आधार पर शोध को समर्थन देते हैं तभी वास्तव में नए विचार सामने आते हैं। यह कुछ ऐसा है जो हर देश में हो सकता है, निश्चित रूप से भारत में भी, क्योंकि भारत का आध्यात्मिक और तकनीकी अतीत बहुत व्यापक है।
विदेश मंत्रालय ने पीएम मोदी के कार्यक्रम की दी जानकारी
विदेश मंत्रालय ने पीएम मोदी और नोबेल विजेता वैज्ञानिक की मुलाकात से इतर प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के बारे में बताया कि उन्होंने चार प्रमुख ऑस्ट्रियाई इंडोलॉजिस्ट और भारतीय इतिहास के विद्वानों से मुलाकात की। उन्होंने बौद्ध दर्शन के विद्वान और भाषाविद् डॉ बिरगिट केलनर, आधुनिक दक्षिण एशिया के विद्वान प्रो. मार्टिन गेन्सजले, वियना विश्वविद्यालय में दक्षिण एशियाई अध्ययन के प्रोफेसर डॉ. बोरायिन लारियोस और वियना विश्वविद्यालय के इंडोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. करिन प्रीसेनडांज के साथ भी बातचीत की। प्रधानमंत्री ने इन विद्वानों के साथ इंडोलॉजी और भारतीय इतिहास, दर्शन, कला और संस्कृति के विभिन्न पहलुओं पर विचारों का आदान-प्रदान भी किया। चर्चा में विद्वानों ने भारत के साथ अपने शैक्षणिक और शोध संबंधों के बारे में बात की।
‘𝗣𝗠 𝗠𝗼𝗱𝗶 𝗶𝘀 𝘃𝗲𝗿𝘆 𝘀𝗽𝗶𝗿𝗶𝘁𝘂𝗮𝗹, 𝗮 𝗳𝗲𝗮𝘁𝘂𝗿𝗲 𝘄𝗼𝗿𝗹𝗱 𝗹𝗲𝗮𝗱𝗲𝗿𝘀 𝘀𝗵𝗼𝘂𝗹𝗱 𝗵𝗮𝘃𝗲 𝘁𝗼𝗱𝗮𝘆’: 𝗡𝗼𝗯𝗲𝗹 𝗹𝗮𝘂𝗿𝗲𝗮𝘁𝗲 𝗔𝘂𝘀𝘁𝗿𝗶𝗮𝗻 𝗽𝗵𝘆𝘀𝗶𝗰𝗶𝘀𝘁 𝗔𝗻𝘁𝗼𝗻 𝗭𝗲𝗶𝗹𝗶𝗻𝗴𝗲𝗿
PM @narendramodi met Nobel laureate Austrian physicist… pic.twitter.com/uIWl6pjHFp
— Kanchan Gupta (Hindu Bengali Refugee)🇮🇳 (@KanchanGupta) July 10, 2024
आतंकवाद पर भारत-ऑस्ट्रिया साथ; पाकिस्तान-चीन पर परोक्ष निशाना
इन नेताओं से मुलाकात के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहमर के साथ अपनी आधिकारिक बैठक से पहले कहा कि भारत-ऑस्ट्रिया दोस्ती मजबूत है और आने वाले समय में यह और मजबूत होगी। पीएम मोदी और ऑस्ट्रियाई चांसलर नेहमर के बीच हुई वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में पाकिस्तान व चीन पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए दोनों देशों ने सीमापार और साइबर आतंकवाद समेत सभी प्रकार के आतंकवाद की निंदा की।