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नई दिल्ली : हिंदी फिल्मों की जानी-मानी अभिनेत्री और पूर्व सांसद जयाप्रदा पर कानून का शिकंजा धीरे-धीरे और भी कसता जा रहा है। चुनावी आचार संहिता की उल्लंघन के दो मामलों में गैर जमानती वारंट जारी होने के बावजूद वह कोर्ट में हाजिर नहीं हो रही हैं, जिससे उनकी गिरफ्तारी का खतरा बढ़ता जा रहा है। वहीं योगी सरकार की पुलिस को कोर्ट ने केवल 10 जनवरी तक की मोहलत दी है, जिससे पुलिस के लिए जयाप्रदा को गिरफ्तार करना एक चुनौती बन गया है।
आपको बता दें कि जयाप्रदा को गिरफ्तार करने के लिए दिल्ली से लेकर मुंबई तक के उनके कई ठिकानों पर पुलिस ने छापेमारी की है, लेकिन वह किसी के भी हाथ नहीं आ पायी हैं। फिलहाल पुलिस के पास अभी 10 जनवरी तक की मोहलत है। तब तक उन्हें हर हालत में गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करना है। यह योगी सरकार की पुलिस के लिए अब एक बड़ी चुनौती बना हुयी है। पुलिस की टीम उनके दिल्ली व मुंबई सहित कई ठिकानों पर हाथ मार कर भी गिरफ्तार नहीं कर पायी है, जिससे लगता है कि जयाप्रदा ने कोई सुरक्षित ठिकाना खोजकर खुद को अंडरग्राउंड कर लिया है। या फिर ऐसा लगता है कि पुलिस की छापेमारी की जानकारी लीक हो जाने से वह पुलिस के हाथों से बच गयी हैं।

ये है पूरा मामला
जयाप्रदा रामपुर सीट से 2019 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ी थीं। जिसमें सपा नेता आजम खां ने जयाप्रदा को हरा दिया था। इसी चुनाव के दौरान जयाप्रदा के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के दोनों मामले दर्ज हुए थे। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के समय जयाप्रदा के खिलाफ स्वार और केमरी थाना में चुनाव आचार संहिता उल्लंघन की प्राथमिकी दर्ज करके कार्रवाई शुरू की गयी थी। वही मामले इनकी गिरफ्तारी के कारण बनने वाले हैं।
बताया जा रहा है कि स्वार थाने में दर्ज प्राथमिकी में उन पर आचार संहिता के बावजूद 19 अप्रैल को नूरपुर गांव में सड़क का उद्घाटन करने का आरोप लगा है। वहीं दूसरा मामला केमरी थाना में दर्ज कराया गया है, जिसमें उनके ऊपर पिपलिया मिश्र गांव में आयोजित जनसभा में आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप है।
दोनों मामलों में फिलहाल रामपुर पुलिस ने जांच पूरी करके आरोप पत्र अदालत में दाखिल कर दिया था। इस मामले की सुनवाई एमपी एमएलए की स्पेशल कोर्ट में चल रही है। इस मामले पर पिछली कई तारीखों से जयाप्रदा कोर्ट में पेश नहीं हो रही हैं जिसके चलते उनके खिलाफ गैर जमानती वारंटी जारी कर दिया गया है।
बताया जा रहा है कि मजिस्ट्रेट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करते हुए पुलिस अधीक्षक को एक टीम गठित कर गिरफ्तार करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही साथ उनकी कोर्ट में पेशी के लिए 10 जनवरी की तिथि निर्धारित की गई है। इसी के चलते पुलिस कप्तान राजेश द्विवेदी ने एक टीम का गठन कर दिल्ली और मुंबई के लिए रवाना किया था जो अलग-अलग जगह पर छापेमारी के बावजूद खाली हाथ लौट आई हैं।