<p style="text-align: justify;"><strong>Sugar Price Hike:</strong> चीनी कंपनियों की संगठन इस्मा (ISMA) ने कहा है कि गन्ने के जूस से एथेनॉल बनाये जाने पर रोक लगाने के फैसले से चीनी मिलों की क्षमता के इस्तेमाल किए जाने पर नेगेटिव असर पड़ेगा साथ ही इस फैसले के चलते 15,000 करोड़ रुपये का निवेश खतरे में आ गया है जो चीनी कंपनियों ने पिछले तीन साल के दौरान निवेश किया था. इस्मा ने कहा कि गन्ने के जूस से एथेनॉल बनाने पर अचानक रोक लगाने के फैसले के कारण गन्ना किसानों को किए जाने वाले भुगतान में देरी हो सकती है. </p>
<p style="text-align: justify;">7 दिसंबर 2023 को चीनी की कीमतों में उछाल और गन्ने के उत्पादन में गिरावट के बाद सरकार ने गन्ने के जून से एथेनॉल बनाने पर रोक लगाने का फैसला लिया था. सरकार ने ये फैसला घरेलू बाजार में चीनी की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के मकसद से लिया है. </p>
<p style="text-align: justify;">इस्मा (Indian Sugar Mills’ Association) ने कहा 15,000 करोड़ रुपये का वो निवेश है जो ग्रीन फ्यूल प्लांट लगाने के लिए निवेश किया गया था. इस्मा ने सरकार से ये मांग की है कि सरकार मिल मालिकों की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए चीनी के बाई-प्रोडक्ट बी-हैवी और सी-हैवी मोलासेज से बने एथनॉल की कीमतों में जल्द संशोधन करे. इस्मा के अध्यक्ष आदित्य झुनझुनवाला ने 89वीं वार्षिक आम बैठक में कहा, आपूर्ति वर्ष 2023-24 में एथनॉल के लिए गन्ना रस – सिरप के उपयोग पर तत्काल प्रभाव से अचानक प्रतिबंध, चीनी उद्योग के लिए एक बड़ा प्रतिरोधक है. उन्होंने कहा कि प्रतिबंध ने उद्योग को मुश्किल स्थिति में डाल दिया है और उन्होंने सरकार से इस पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है. </p>
<p style="text-align: justify;">विपणन वर्ष 2022-23 में भारत ने 64 लाख टन चीनी का निर्यात किया है. इसने आपूर्ति वर्ष 2022-23 (नवंबर से अक्टूबर) में पेट्रोल के साथ एथनॉल का 12 प्रतिशत मिश्रण स्तर हासिल किया है. झुनझुनवाला ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में कुल चीनी उत्पादन 325 लाख टन (एथनॉल के लिए उपयोग के बिना) होने की उम्मीद है, जबकि घरेलू खपत 285 लाख टन का अनुमान है. </p>
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