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Electric Gadgets Corn Starch Inspired Material | All You Need to Know | अब इलेक्ट्रिक गैजेट्स हथौड़ा मारने पर भी नहीं टूटेंगे: वैज्ञानिकों ने खोजा नया मटेरियल, इस पर जितनी ज्यादा फोर्स लगेगी ये उतना मजबूत व्यवहार करेगा

नई दिल्ली12 घंटे पहले

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अब स्मार्टवॉच बैंड, वियरेबल सेंसर्स और हेल्थ मॉनिटर करने वाले इलेक्ट्रिक गैजेट्स हथौड़ा मारने या खींचने पर भी नहीं टूटेंगे, क्योंकि यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा मटेरियल इन्वेंट किया है, जिसे खींचकर या पटक कर भी तोड़ा नहीं जा सकता है।

इसके अलावा इस मटेरियल से 3D प्रिंटर की मदद से मानव अंगों को भी प्रिंट किया जा सकेगा। दरअसल, यह एडॉप्टिव ड्यूरेबिलिटी का सिद्धांत फॉलो करता है। इससे बने पदार्थ कठोर वातावरण में भी डैमेज नहीं होंगे। बल्कि इन पर जितनी ज्यादा फोर्स लगाई जाएगी, ये उतना ही ज्यादा टफ यानी कठोर बिहेवियर शो करेंगे।

खाने वाले कॉर्न-स्टार्च से इंस्पायर्ड है मटेरियल
नया मटेरियल वास्तव में खाना पकाने में उपयोग किए जाने वाले कॉर्न स्टार्च से इंस्पायर्ड है। कॉर्न स्टार्च का पानी के साथ बना घोल धीरे से और कम फोर्स लगाए जाने पर लिक्विड की तरह काम करता है और तेजी से पंच करने या मुक्का मारने पर सॉलिड की तरह काम करता है। वास्तव में इस मटेरियल के बिहेवियर में यह अंतर उसके पार्टिकल्स के साइज डिफरेंस के चलते होता है।

यह नॉन-न्यूटोनियन फ्लूइड है। इसे नॉर्मल कॉर्न स्टार्च और पानी से बनाया जा सकता है। यहां देखा जा सकता है कि कम फोर्स लगाकर घुमाए जाने पर यह लिक्विड की तरह व्यवहार कर रहा है, लेकिन जैसे ही इस पर मुक्का मारा जाता है यानी तेज और ज्यादा फोर्स लगाई जाती है, यह सॉलिड की तरह व्यवहार करने लगता है।

इसी थ्योरी से पॉलीमर बनाना चाह रहे साइंटिस्ट्स
रिसर्चर्स इस थ्योरी का इस्तेमाल पॉलीमर के साथ भी करना चाहते हैं, जिनसे ये वियरेबल्स बनाए जा सकेंगे। इसके लिए वैज्ञानिक कंजस्टेड पॉलीमर का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो नरम और कोमल रहते हुए इलेक्ट्रिसिटी कंडक्ट करने में मदद करते हैं।

चार पॉलीमर्स ​​​​​​से बनाया नया मटेरियल
वैज्ञानिकों ने पॉली (2-एक्रिलामिडो-2-मिथाइलप्रोपेनसल्फोनिक एसिड), पॉलीएनिलीन के छोटे मॉलिक्यूल्स और हाई कंडक्टर पॉली (3,4-एथिलीनडाइऑक्सीथियोफीन) पॉलीस्टाइनिन सल्फोनेट (PEDOT:PSS) के बड़े मॉलिक्यूल्स को मिलाकर यह मटेरियल बनाया है।

जब इस पर कम फोर्स लगाया गया, तब इसका शेप और साइज बदल गया, लेकिन जब फोर्स बढ़ाई गई तब यह मटेरियल और ज्यादा कठोर व्यवहार करने लगा। इसमें 10% PEDOT:PSS की मात्रा बढ़ाने पर इसकी एडॉप्टिव ड्यूरेबिलिटी और कन्डक्टिविटी भी बढ़ गई।

मटेरियल्स के मेटाबॉल्स शॉक-एब्जॉर्बर्स की तरह काम करते हैं
दो पॉजिटिव और दो निगेटिव चार्ज्ड पॉलीमर को मिलाकर सुपर स्मॉल मेटाबॉल्स बनाए जाते हैं। ये मेटाबॉल शॉक-एब्जॉर्बर्स की तरह किसी भी इंपैक्ट को बिना ब्रेक हुए रोक लेते हैं। दरअसल, ये मटेरियल बहुत ज्यादा सॉफ्ट और फ्लेक्सिबल होता है।

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