
ईडी पर आरोप…
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कथित शराब घोटाले पर राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है। आम आदमी पार्टी और भाजपा इस मुद्दे पर आमने-सामने हैं। दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने एक बार फिर ईडी से पांच सवाल पूछकर आरोपों पर सवाल उठाया है। वहीं आप के वरिष्ठ नेता जस्मीन शाह ने भी आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि भाजपा ने ईडी को गांधी जी के तीन बंदर बना दिया है, इसलिए उसने ठान लिया है कि भाजपा के खिलाफ कोई सबूत आया भी, तो वो न तो उसके खिलाफ कुछ सुनेगी, न देखेगी और न कुछ बोलेगी।
आतिशी ने शनिवार को ईडी से पांच सवाल पूछे। पहला सवाल, आरोपी शरथ चंद्र रेड्डी ने भाजपा को 55 करोड़ दिए, देश के सामने मनी ट्रेल की लिस्ट आए 16 दिन हो गए, जिसमें स्पष्ट है कि ये लेनदेन शराब नीति लागू होने के समय नहीं, बल्कि ईडी की जांच शुरू होने के बाद हुआ, इस पर क्या जांच की है? क्यों नहीं हो रही जांच।
दूसरा सवाल, ईडी बार-बार कह रही है कि हम आम आदमी पार्टी को भी आरोपी बनाने की सोच रहे हैं, क्योंकि अभी भी 2 साल की जांच के बाद ये आशंका है कि मनी ट्रेल आम आदमी पार्टी के पास गया होगा, जबकि इसके कोई सबूत भी नहीं हैं। एक चवन्नी भी बरामद नहीं हुई। ईडी को इसका जवाब देना होगा कि जिस बीजेपी के पास 55 करोड़ रुपये की मनी ट्रेल मिली, उसे अब तक आपने आरोपी क्यों नहीं बनाया?
तीसरा सवाल, ईडी ने बिना किसी सबूत के फर्जी गवाह शरथ चंद्र रेड्डी, मगुंटा रेड्डी और राघव मगुंटा के बयान के आधार पर चुने हुए सिटिंग मुख्यमंत्री को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन जिस पार्टी के खाते में 55 करोड़ रुपये की मनी ट्रेल पाई गई, उस पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा से क्या पूछताछ की गई? चौथा सवाल, एक तरफ ईडी बिना किसी सबूत के गोवा में आप के नेताओं पर सवाल उठाती है, उनको समन भेजकर पूछताछ करती है, लेकिन कथित शराब घोटाले के मुख्य आरोपी राघव और मगुंटा रेड्डी को बीजेपी एक के बाद एक इनाम दे रही है। ईडी इन सब चीजों की जांच क्यों नहीं कर रही? इनके और बीजेपी में क्या लेनदेन हुए हैं, इसकी जांच क्यों नहीं होती? जुलाई 2023 में ये घटना घटती है, उन्हें जमानत मिलती है और मार्च 2024 में लोकसभा का टिकट मिलता है।
पांचवां सवाल, दो साल पहले गोवा में चुनाव हुए थे और आज भी ईडी हमारे कार्यकर्ता और ठेकेदारों से सवाल पूछ रही है कि अगर आपने 100 कुर्सियां लगाईं तो उसका खर्चा कैसे उठाया या पोस्टर्स का खर्चा कैसे निकाला? जबकि मगुंटा रेड्डी लोकसभा चुनाव में भाग ले रहे हैं। वे चुनाव प्रचार कर रहे हैं, और हर जगह मोदी जी की तस्वीर लगा रहे हैं। इनका खर्चा कौन उठा रहा है। इसकी जांच क्यों नहीं हो रही है।
रोज फर्जी कहानी गढ़ती हैं आतिशी : सचदेवा
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि रोजाना दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी फर्जी कहानी गढ़ती हैं। हर सुबह उठकर अपशब्दों से नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर देती हैं। शराब घोटाले पर वह जो झूठ बोलती रहती हैं, वह सब केजरीवाल सरकार की बचाव रणनीति के तहत घोटाले की सुनवाई कर रही अदालत में रखा गया था, लेकिन उनकी एक भी बात अदालत में नहीं टिक सकी, जिसके परिणामस्वरूप सीएम केजरीवाल सहित सभी आरोपियों को जेल जाना पड़ा।
सिसोदिया व अन्य आरोपी केस में जानबूझकर कर रहे देरी : ईडी
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को अदालत को बताया कि दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित अन्य आरोपी आबकारी नीति मामले में मुकदमे में जानबूझकर देरी कर रहे हैं। ईडी पक्ष की ओर से वकील जोहेब हुसैन ने सिसोदिया की ओर से दायर जमानत याचिका का विरोध किया। साथ ही, राउज एवेन्यू कोर्ट की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा के सामने अपनी दलीलें दीं। वहीं, अधिवक्ता मोहित माथुर ने सिसोदिया की ओर से इस पर बहस की। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई बुधवार के लिए स्थगित की है।
हुसैन ने अदालत को बताया कि मुकदमे में देरी की सबसे बड़ी वजह भी सिसोदिया की ओर से लगातार जमानत की मांग करना है। उन्होंने कहा कि मामले में देरी आरोपी पक्ष के कारण हो रही है। ईडी की तरफ से कोई समस्या नहीं आ रही है। आरोपियों की तरफ से 95 आवेदन दायर किए जा चुके हैं। इनमें से सिसोदिया की तरफ से 6 आवेदन दायर किए गए। यह ईडी का समय बर्बाद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध सिसोदिया के बिना संभव नहीं हो सकता था : हुसैन ने कहा कि सिसोदिया उस शराब नीति के लिए जिम्मेदार थे, जिसे कई आरोपी व्यक्तियों द्वारा अपराध की लूटी गई आय को स्थापित करने और थोक लाभ को बढ़ाने के उद्देश्य से तैयार किया था। हुसैन ने सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध करते हुए यह भी दलीलें दीं कि आबकारी नीति मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध सिसोदिया के बिना संभव नहीं हो सकता था। ईडी ने आरोप लगाया कि थोक वितरकों ने 581 करोड़ रुपये की निश्चित फीस हासिल की थी। इससे नई आबकारी नीति में मुनाफा 5 से बढ़कर 12 प्रतिशत हो गया था, जिसे बाद में खत्म किया गया। थोक विक्रेताओं की ओर से कमाए गए बड़े मुनाफे के चलते ही सुप्रीम कोर्ट ने अक्तूबर में सिसोदिया की याचिका खारिज की थी। ईडी ने अदालत को बताया कि ये अतिरिक्त मुनाफा 338 करोड़ का था।
नायर के सिसोदिया से थे घनिष्ठ संपर्क हुसैन ने अदालत को बताया कि अपराध के सबूत नष्ट कर दिए गए हैं। विजय नायर सिसोदिया और आप के अन्य बड़े नेताओं के निर्देशों के तहत काम कर रहे थे। नायर आप का कोई सामान्य कार्यकर्ता नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी सहयोगी थे और उनका सिसोदिया के साथ गहरा संपर्क था। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई बुधवार के लिए स्थगित की है।
मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 18 अप्रैल तक बढ़ी
आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शनिवार को अदालत ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 18 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दी है। इस दौरान राउज एवेन्यू कोर्ट की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने दस्तावेज की जांच में देरी पर दोनों पक्ष से सवाल पूछे। वहीं, सुप्रीम कोर्ट से जमानत पर रिहा राज्यसभा सदस्य संजय सिंह भी अदालत में पेश हुए। मामले में अगली सुनवाई 18 अप्रैल को होगी। इससे पहले इस मामले में सुनवाई तीन अप्रैल को हुई थी, तब अदालत ने सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई छह अप्रैल तक के लिए टाल दी थी।