Crpf Fake Track Suit Selling Revelation Case Dig Removed Many Employees Suspended News And Updates – Amar Ujala Hindi News Live

CRPF fake Track Suit selling revelation Case DIG removed many Employees Suspended news and updates

अमर उजाला इंपैक्ट।
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देश के सबसे बड़े केंद्रीय अर्धसैनिक बल ‘सीआरपीएफ’ ने नोएडा स्थित बल के ग्रुप सेंटर पर नकली ट्रैक सूट बेचे जाने के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। ग्रुप सेंटर के डीआईजी हरविंद्र सिंह कलश को तुरंत प्रभाव से हटा दिया गया है। उन्हें सीआरपीएफ के नॉर्दन सेक्टर के आईजी दफ्तर में अटैच किया गया है। इसके साथ ही कई दूसरे कर्मियों पर भी निलंबन की गाज गिरी है। सूत्रों के मुताबिक, यह मामला सामने के बाद सीआरपीएफ मुख्यालय ने इसकी गहन जांच पड़ताल कराई थी।

अमर उजाला डॉट कॉम ने 10 अप्रैल को ‘सीआरपीएफ जवानों को बेचे जा रहे नकली ट्रैक सूट, कौन पहुंचा रहा जवानों की आर्थिक सुरक्षा को चोट’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद न केवल ग्रुप सेंटर नोएडा पर, बल्कि सीजीओ स्थित सीआरपीएफ मुख्यालय में भी हलचल देखी गई। सूत्रों के मुताबिक, सीआरपीएफ के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से इस मामले को लेकर गहरी नाराजगी जताई गई। वरिष्ठ अधिकारियों को इस मामले की जांच सौंपी गई। शीर्ष अफसरों को यह महसूस हुआ कि वाकई इस मामले से बल की छवि खराब हो रही है। यह मामला, जवानों की आर्थिक सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वाला है। जांच रिपोर्ट के आधार पर 12 अप्रैल को डीआईजी हरविंद्र सिंह कलश को हटाने का आदेश जारी कर दिया गया। दूसरे कर्मियों पर भी निलंबन की गाज गिरी है।

बल के एक अधिकारी ने इस मामले की शिकायत, सीडब्ल्यूए अध्यक्ष और डीआईजी ग्रुप सेंटर को दी थी। उसमें कहा गया था कि नोएडा स्थित बल के ग्रुप सेंटर में सीआरपीएफ वाइव्ज वेलफेयर एसोसिएशन ‘सीडब्ल्यूए’ द्वारा संचालित परिवार कल्याण केंद्र पर अनाधिकृत तौर से ट्रैक सूट की बिक्री हो रही है। शिकायत में यह आरोप भी लगाया गया कि इस ट्रैक सूट को ज्यादा दामों पर बेचा जा रहा है। इतना ही नहीं, ट्रैक सूट पर एक प्रतिष्ठित ब्रांड का नाम लिखा था। शिकायत करने वाले अधिकारी ने लिखा था कि यह ट्रैक सूट नकली है। इस मामले की विस्तृत जांच कराई जाए।

बल के सहायक कमांडेंट राहुल सोलंकी ने अपनी शिकायत की प्रति रीजनल सीडब्ल्यूए, जीसी नोएडा, आईजी विजिलेंस, डीआईजी वेलफेयर और डीआईजी ग्रेटर नोएडा को भेजी थी। इसमें कहा गया कि परिवार कल्याण केंद्र पर अनाधिकृत तौर से ट्रैक सूट की बिक्री हो रही है। नियमों के अनुसार, परिवार कल्याण केंद्र को व्यापार का अधिकार नहीं है। यह तो जवानों और उनके परिवारों के कल्याण की संस्था है। आरोप है कि इसी से जुड़े कुछ लोग जवानों को ट्रैक सूट बेच रहे हैं। यह ट्रैक सूट, बल की वर्दी का हिस्सा नहीं है। यह भी मालूम हुआ कि ट्रैक सूट, जवानों को अधिक दामों पर जबरन बेचा गया है।

शिकायतकर्ता ने लिखा, इस मामले से बल के उच्च आदर्शों को धक्का पहुंचा है। जवानों की आर्थिक सुरक्षा को चोट पहुंची है। जवानों की आर्थिक सुरक्षा को बनाए रखने के लिए इस मामले में सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। सीडब्ल्यूए केंद्र पर नकली ट्रैक सूट का बेचे जाना, ये बल की छवि को धक्का पहुंचाता है। ट्रैक सूट वाले पैकेट पर ‘देश की वर्दी’ भी लिखा था। शिकायत के साथ 1600 रुपये के बिल की स्लिप लगाई गई थी। इस संबंध में डीआईजी को लिखे एक अन्य पत्र में कहा गया है कि यह मामला गंभीर है। उपभोक्ता फोरम में भी इसकी शिकायत की जाएगी। शिव नरेश ब्रांड के नाम पर नकली ट्रैक सूट बेचा जा रहा है। नियमानुसार, सीडब्ल्यूए केंद्र पर वही उत्पाद बेचे जा सकते हैं, जिन्हें केंद्र के सदस्य खुद बनाते हैं। केंद्र पर ट्रैक सूट नहीं बनाया जाता। इस मामले में कई सवाल खड़े हो रहे थे। सीडब्लूए केंद्र पर ट्रैक सूट बेचने की इजाजत आखिर किसने दी। ग्रुप सेंटर पर सीडब्ल्यूए केंद्र, वहां के डीआईजी की पत्नी की देखरेख में चलाए जाने का नियम है। यानी सीडब्लूए जीसी की अध्यक्ष की अनुमति से ही कोई सामान केंद्र पर बेचा जा सकता है।  




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