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पूरी दुनिया जहां क्रिसमस का जश्न मना रही है वहीं, ईसा मसीह के जन्मस्थान बेथलहम में रोशनी की बजाय अंधेरा छाया हुआ है। वहां क्रिसमस कैरोल की जगह लोगों की सिसकियों की आवाजें गूंज रही हैं। हर साल क्रिसमस पर जहां बेथलहम लोगों से गुलजार रहता था वहीं इस बार क्रिसमस की पूर्व संध्या पर को बेथलहम में निराशा और वीरानी देखने को मिली। ईसा मसीह के जन्मस्थान बेथलहम में इस्राइल-हमास की जंग के कारण कोई जश्न नहीं मनाया गया। वहां न तो कोई रोशनी की गई और न ही कोई क्रिसमस ट्री नजर आया।
फलस्तीनी सुरक्षा बल करते रहे गश्त
इस्राइल और हमास के बीच जारी जंग को देखते हुए क्रिसमस की पूर्व संध्या पर यहां फलस्तीनी सुरक्षाकर्मी बड़ी संख्या में गश्त करते रहे। उनके बूटों की आवाजों से इलाका गूंजता रहा। यीशु मसीह के जन्मस्थान के रूप में माने जाने वाले वेस्ट बैंक शहर में क्रिसमस समारोह को प्रभावी ढंग से रद्द कर दिया गया। येरूशलम के आर्कबिशप पियरबेटिस्टा पिज्जाबल्ला ने रविवार को चर्च ऑफ द नैटिविटी में कहा कि हमाका विशेष ध्यान गाजा में पीड़ित हमारे ईसाई समुदायों के साथ है। हम यहां प्रार्थना करने के लिए आए हैं। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों में युद्धविराम ही पर्याप्त नहीं है, हमें इस शत्रुता को रोकना होगा। हिंसा से केवल हिंसा ही उत्पन्न होती है।
उन्होंने बताया कि सभी क्रिसमस समारोह रद्द कर दिए गए हैं। जब हम घंटियों की आवाज के बजाय टैंकों और बमबारी की आवाज़ सुन रहे हों तो हम कैसे जश्न मनाएँगे?
हमास ने कही ये बात
इस बीच, हमास ने रविवार को फलस्तीनी ईसाइयों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि हम अपने ईसाई फलस्तीनी लोगों की सम्मानजनक राष्ट्रीय स्थिति को महत्व देते हैं। फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने सोशल मीडिया पर एक भावुक करने वाली पोस्ट शेयर की है। उन्होंने कहा कि “लगातार नुकसान, दुःख और विनाश के साथ ‘मेरी क्रिसमस’ मनाने वालों को शुभकामनाएं देना कठिन है।”
बेथलहम के लिए बड़ा आर्थिक झटका
क्रिसमस के जश्न को रद्द करने से इस शहर की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा है। यीशु के जन्मस्थान वाले शहर की आय का बड़ा हिस्सा पर्यटन से आता है और यहां सबसे ज्यादा पर्यटक क्रिसमस के दौरान आते हैं। अब जबकि हमास और इस्राइल के बीच जंग चल रही है तो ऐसे में कई प्रमुख एयरलाइन्स ने इस्राइल के लिए अपनी उड़ानें रद्द कर दी हैं। ऐसे में यहां पर्यटक बहुत कम संख्या में आ रहे हैं।
गाजा की क्या है वर्तमान स्थिति
इस जंग के कारण गाजा एक बड़े खंडहर में तब्दील हो गया है। इसके 2.4 मिलियन लोग इस्राइली घेराबंदी के कारण पानी, भोजन, ईंधन और दवा की गंभीर कमी का सामना कर रहे हैं। इतना ही नहीं यहां बड़ी संख्या में लोगों का विस्थापन हुआ है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, गाजा के अस्सी प्रतिशत लोग विस्थापित हो गए हैं। कई लोग दक्षिण की ओर भाग गए हैं और अब अस्थायी तंबुओं में रह रहे हैं।