Railway Children Ticket Booking Rule: किसी को अगर कम दूरी का सफर तय करना होता है. तो अक्सर ऐसे में लोग ट्रेन का सहारा लेते हैं. भारतीय रेलवे दुनिया की चौथी सबसे बड़ी रेल व्यवस्था है. जिसमें रोजाना करीब 3 करोड़ के आसपास यात्री सफर करते हैं. यह संख्या ऑस्ट्रेलिया जैसे देश की जनसंख्या से भी ज्यादा है. पिछले कुछ सालों में भारतीय रेलवे में काफी तरक्की हुई है.
ना सिर्फ ट्रेनों के अंदर सुविधाएं भी बढ़ी हैं. बल्कि इंजन की गति भी बढ़ाई गई है. हर देश के रेलवे सिस्टम की तरह ही भारतीय रेलवे में भी कुछ नियम कानून बनाए गए हैं जो की सभी को फॉलो करने होते है. अक्सर लोग यह सोचते हैं कि भारतीय रेलवे में छोटे बच्चों का टिकट नहीं लेना पड़ता और उन्हें सीट मिल जाती है. चलिए जानते है इसे लेकर क्या कहता है रेलवे का कानून.
1 से 4 साल तक नहीं लगता टिकट
अगर आप ट्रेन में बच्चों को लेकर सफर कर रहे हैं. तो फिर आपको भारतीय रेलवे के कानून मालूम होने चाहिए. कितनी साल तक के बच्चों का रिजर्वेशन करवाना होता है. आपको बता दें कि भारतीय रेलवे के नियमों के अनुसार 1 साल से लेकर 4 साल तक के बच्चों का कोई भी रिजर्वेशन करवाने की जरूरत नहीं होती. आप एक साल से लेकर 4 साल तक के बच्चों को लेकर सफर कर सकते हैं.
5 से 12 तक लगता है हाफ टिकट
भारतीय रेलवे के नियमों के मुताबिक अगर आपका बच्चा 5 साल से लेकर 12 साल के बीच में है तो आप उसका हाफ टिकट ले सकते हैं. यानी कि आपको टिकट की कीमत के आधे रुपए चुकाने होंगे. लेकिन इसमें प्रावधान यह है कि बच्चे को सीट नहीं दी जाएगी. उसे आपको अपने साथ ही एडजस्ट करना होगा. अगर आप चाहते हैं कि बच्चे को सीट मिले तो फिर आपको उसका फुल टिकट लेना होगा.
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