सीमा कुमारी
नवभारत डिजिटल डेस्क: ये तो सभी जानते हैं कि आंखें, हमारे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में से एक हैं। लेकिन, आज हर कोई डिजिटल लाइफ के आदि होते जा रहे है। खासकर, छोटे बच्चे इस गैजेट्स के इतने आदि हो गए कि मानों बच्चों की मोबाइल के बिना जिंदगी अधूरी हो गई है। इस डिजिटल युग में छोटे-छोटे बच्चों की आंखे कमजोर होती जा रही हैं। उन्हें कम उम्र में ही चश्मा लगाना पड़ रहा है।
मोबाइल के बिना तो मानों उनका स्कूल, ट्यूशन और पढ़ाई नामुमकिन सी हो गई है। ऐसे में कुछ फूड्स हैं, जो उनकी आंखों की रोशने बढ़ाने में काफी मददगार हो सकते हैं। तो आइए जान लीजिए ऐसी कुछ चीजें और उन्हें आज से ही बना दीजिए बच्चों की डाइट का हिस्सा।
मोबाइल बिगाड़ता है आई हेल्थ
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, लगातार नजदीक से देखने के कारण आंखों पर जोर पड़ता है और आंखों की मांसपेशियां कमजोर होती हैं। जितना ज्यादा वक्त मोबाइल, टैब, लैपटॉप आदि पर बिताया जाएगा, चश्मा लगने का जोखिम उतना ही बढ़ेगा। इसीलिए जितना हो सके बच्चों को इनसे दूर रखें, ताकि भविष्य में उन्हें पढ़ने में दिक्कत ना हो।
ऐसे रखें बच्चों की रोशनी का ख्याल
आप अपने बच्चों की डाइट में हरी सब्जियां शामिल कर सकते हैं। बथुआ, पालक, मेथी यह आपके बच्चों कई तरह के पोषक देते हैं। इनकी मदद से उनकी आई साइट पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
शकरकंद में विटामिन A और C की मात्रा बहुत होती है। आप बच्चों की डाइट में इसको शामिल कर सकते हैं। शकरकंद उनकी आंखों की रोशनी को बढ़ाने में मदद कर सकता है। बच्चों को शकरकंद खिलाने से उनको चश्मा लगने की चांस कम हो जाते हैं
शिमला मिर्च को भी किसी न किसी रूप में बच्चों की डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए। इसकी सब्जी बनाकर या इसे सलाद में एड करके भी खाया जा सकता है। ये विटामिन C का अच्छा सोर्स है, जिससे आई साइट इम्प्रूम होती है।
आई साइट को दुरुस्त रखने के लिए गाजर का सेवन भी काफी बढ़िया माना जाता है। ये विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट्स का खजाना है। इसके अलावा ये बच्चों की ब्रेन हेल्थ के लिए भी अच्छी रहती है। ऐसे में किसी न किसी रूप में इन्हें उनकी डाइट में जरूर शामिल कर लें।