CBSE controller Dr Sanyam Bhardwaj said how he prepared for the board and what advice his father gave him – CBSE के कंट्रोलर ने बताया- कैसे की थी बोर्ड की तैयारी और पिता ने क्या दी थी सलाह , Education News

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CBSE Board Exam 2024: जैसे- जैसे सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 2024 नजदीक आ रही है, छात्रों को टेंशन हो सकती है। वहीं सीबीएसई परीक्षा नियंत्रक डॉ. संयम भारद्वाज ने अपनी बोर्ड परीक्षा की तैयारी से जुड़े कुछ वाक्य शेयर हुए बताया कि बोर्ड की तैयारी के लिए टेंशन नहीं लेनी चाहिए। इसी के साथ उन्होंने कुछ सुझाव शेयर किए हैं। जिसे छात्रों और उनके माता- पिता को पालन करना चाहिए।

एक न्यूज वेबसाइट को इंटरव्यू देते हुए डॉ. भारद्वाज ने बताया कि कैसे छात्रों के के माता-पिता उनके मार्गदर्शक बन सकते हैं  उनके शिक्षक उनकी बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी में कैसे मदद कर सकते हैं।

सीबीएसई परीक्षा नियंत्रक, डॉ. संयम भारद्वाज ने अपनी बोर्ड परीक्षा की पुरानी यादें ताजा कीं और बताया कि उन्होंने अपनी बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी कैसे की थी। उन्होंने कहा, मैं कोई स्पेशल छात्र नहीं था। मैं एक सामान्य छात्र था। इसी के साथ मैं ये भी जानता हूं कि आज के छात्रों में काफी काबिलियत हैं और वह मुझसे बेहतर परीक्षा में प्रदर्शन कर सकते हैं।

उन्होंने बताया,  मैंने एक बहुत ही सामान्य स्कूल से पढ़ाई की थी। मेरे पिता ने मुझसे हर दिन और पूरे सप्ताह एक शेड्यूल का पालन करने के लिए कहा करते थे। बोर्ड परीक्षा की तैयारी के दौरान मैंने लिखने, याद करने और प्रश्नों के उत्तर को दोहराने पर काफी फोकस किया था। इसके अलावा, मैं अक्सर देखता था कि कहां गलतियां कर रहा हूं। जिसके बाद मैं उन गलतियों को सुधारने के लिए काम किया करता था। इन सभी से मुझे बहुत फायदा हुआ और फाइनल परीक्षा को हल करते समय कोई परेशानी नहीं हुई।

परीक्षा की तैयारी के लिए अपनी रणनीतियों के बारे में बोलते हुए, डॉ. भारद्वाज ने याद किया कि कैसे वह परीक्षा के दिन से कम से कम 10-15 दिन पहले अपनी परीक्षा की तैयारी पूरी कर लिया करते थे। उन्होंने बताया कि शुरुआत में वह सिर्फ पहली परीक्षा पर ही नहीं बल्कि बाकी परीक्षाओं पर भी फोकस करते थे। पहली परीक्षा के लिए, वह निर्धारित तारीख से लगभग 10-15 दिन पहले तैयारी शुरू कर देते थे।

डॉ. भारद्वाज ने बताया कि मेरे पिता ने बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी के दौरान काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उस समय, मेरे पिता घर से दूर काम किया करते थे। हमारे समय में फोन भी बहुत आसानी से उपलब्ध नहीं होते थे, ऐसे में बातचीत होनी काफी कठिन थी। लेकिन जब भी वह आए, उन्होंने मेरा और मेरा मां का मार्गदर्शन किया.’ मेरी मां पढ़ी-लिखी थीं, लेकिन आज की मांओं जितनी पढ़ी-लिखी नहीं थीं।

उन्होंने बताया, बोर्ड परीक्षा के दौरान मेरे पिता ने सलाह दी थी कि मैं परीक्षा की टेंशन से दूर रहूं। वह कहते थे ‘तुम परीक्षा के लिए अच्छी तैयारी करो। क्या होगा इसके बारे में मत सोचो। सब कुछ ठीक हो जाएगा”

वहीं अगर मुझे परीक्षा को लेकर किसी भी प्रकार का डाउट भी होता था तो उसे सॉल्व करने के लिए शिक्षकों ने भी मेरी मदद की थी। डॉ. भारद्वाज  ने कहा, बोर्ड परीक्षा के दौरान माता- पिता छात्रों के ऊपर अच्छे मार्क्स हासिल करने का दवाब न बनाएं और अपने बच्चे की काबिलियत पर भरोसा करें।

 

 

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