
सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : पिक्साबे
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बीते कुछ महीनों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतों में बड़ी गिरावट आई है। सितंबर 2023 में जो क्रूड ऑयल 90 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर कारोबार कर रहा था वह जनवरी में फिलहाल 70.668 डॉलर प्रति बैरल के भाव तक फिसल चुका है। ऐसे में कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया जा रहा है कि आने वाले समय में पेट्रोल और डीजल की कीमतें पांच से 10 रुपये प्रति लीटर तक सस्ता हो सकती हैं। हालांकि अब तक पेट्रोलियम कंपनियों की ओर से इस मामले में आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है लेकिन कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि आने वाले समय में तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल की कीमतों में पांच से दस रुपये की कटौती कर सकती हैं।
आइए जानते हैं इन दावों का क्या कारण है?
वैश्विक बाजार में तेल की कीमत घटने से देसी पेट्रोलियम कंपनियों के मुनाफे में भी इजाफा हुआ है। इसलिए यह दावा किया जा रहा है कि तेल कंपनियां अपने बढ़े मुनाफा का हिस्सा आम आदमी के साथ भी साझा कर सकती हैं। हालांकि तेल कंपनियां ऐसा करेंगी ही यह अब तक साफ नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सरकारी तेल कंपनियां तीसरी तिमाही के नतीजे जारी करने के बाद कीमतों में कटौती का एलान कर सकती हैं। अगर ऐसा वाकई में होता है तो आम आदमी के लिए यह बड़ी राहत होगी।
कई रिपोर्ट्स में दावा किया रहा है कि सरकारी तेल कंपनियों का शुद्ध मुनाफा बीते कुछ समय में रिकॉर्ड 75,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया हैं। ऐसे में कंपनियां संभवतः प्रति लीटर 10 रुपये तक का मुनाफा कमा रही हैं। दावा किया जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए कंपनियां अपने इस मुनाफे का कुछ हिस्सा आम उपभोक्ताओं के साथ साझा कर सकती हैं। सूत्रों के अनुसार फरवरी महीने की शुरुआत से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में पांच से 10 रुपये प्रति लीटर की कटौती की जा सकती है।
अप्रैल 2022 के बाद से कीमतों में नहीं किया गया है बदलाव
ऐसे तो पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती के दावे बीते कुछ महीनों में कई बार किए गए हैं पर सच्चाई यह है कि अप्रैल 2022 के बाद से कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। दिसंबर 2023 में भी कई रिपोर्ट्स में कीमतों में कटौती के दावे किए गए थे, हालांकि वे सच साबित नहीं हुए।
रिपोर्ट्स के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 की पहली छमाही में देश की तीन बड़ी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को मोटा मुनाफा हुआ है। हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड को जुलाई सितंबर तिमाही में 5826.96 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध मुनाफा हुआ है। वहीं भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) को चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में 8244 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ। माना जा रहा है कि मुनाफे में यह वृद्धि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और हॉयर ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन (जीआरएम) के कारण हुई है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पेट्रोलियम कंपनियां अपना यह मुनाफा आम आदमी के साथ साझा करते हुए पेट्रोल और डीजल की कीमतों को कम करती हैं या नहीं।