Bihar News : Sushil Kumar Modi Retirement From Politics, Sushil Modi Cancer Revealed Before Lok Sabha Election – Amar Ujala Hindi News Live – Bihar News :लोकसभा चुनाव में नहीं दिखेंगे सुशील मोदी, राजनीति से संन्यास की वजह बताई

Bihar News : Sushil Kumar Modi retirement from politics, sushil modi cancer revealed before lok sabha election

सुशील कुमार मोदी

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पूर्व उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरीय नेता सुशील मोदी ने राजनीति से संन्यास ले लिया है। लोकसभा चुनाव के बीच उन्होंने यह एलान किया है। सोशल मीडिया पर उन्होंने स्पष्ट लिखा कि  पिछले छह माह से कैंसर से संघर्ष कर रहा हूं। अब लगा कि लोगों को बताने का समय आ गया है। लोकसभा चुनाव में कुछ कर नहीं पाऊंगा। प्रधानमंत्री को सब कुछ बता दिया है। देश, बिहार और पार्टी का सदा आभार और सदैव समर्पित। वहीं सुशील मोदी के इस एलान के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरीय नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मैं उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हूं। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि चुनाव में बहुत कमी खलेगी।

बिहार की राजनीति की पुरानी पीढ़ी को अपदस्थ किया

वहीं राष्ट्रीय जनता दल के वरीय नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि सुशील मोदी की बीमारी की खबर सुनकर बहुत पीड़ा हुई। 1974 के बिहार आंदोलन से उपजे त्रिमूर्ति में से सुशील एक हैं। सत्ता पक्ष हो या विपक्ष दोनों का नेतृत्व आज इन्हीं त्रिमूर्ति के हाथ में है। लालू प्रसाद, नीतीश कुमार और सुशील मोदी तीनों उसी आंदोलन से निकले हैं और धीरे-धीरे इन लोगों ने बिहार की राजनीति की पुरानी पीढ़ी को अपदस्थ किया। लगभग तीस वर्षों से इन्हीं तीनों के हाथ में बिहार की राजनीति का नेतृत्व है। 

बांकीपुर जेल में हमलोग एक ही सेल में रहे

शिवानंद तिवारी ने आगे लिखा कि सुशील और मैं लगभग तीन महीना बांकीपुर जेल में एक साथ और एक ही सेल में रहा। हमलोगों में तीखा वैचारिक मतभेद रहा है। लेकिन, सबकुछ के बावजूद सुशील मोदी के साथ मेरा स्नेहिल संबंध बना रहा है। सुशील जुझारू नेता रहे हैं। हम उम्मीद करते हैं कि बीमारी के समक्ष भी सुशील मोदी का जुझारूपन बना रहेगा। हमारी दुआएं उनके साथ है।

1990 में विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक बने

बताया जा रहा है कि पूर्व उपमुख्यंत्री सुशील मोदी गले के कैंसर से पीड़ित हैं। फिलहाल, वह दिल्ली एम्स में अपना इलाज करवा रहे हैं। सुशील मोदी, नीतीश कुमार और लालू प्रसाद जेपी आंदोलन के बाद उभरे। यह तीनों नेता जेपी आंदोलन की उपज माने जाते हैं। सुशील मोदी शुरुआत से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े रहे। 1971 में सुशील मोदी ने छात्र राजनीति की शुरुआत की। इसके बाद युवा नेता के रूप में पहचान बनाई। साल 1990 में सुशील ने विधानसभा चुनाव लड़ा और जीतकर विधायक बने। इसके बाद बिहार की राजनीति में उनका कद बढता ही चला गया। 

2004 में भागलपुर से जीतकर लोकसभा गए थे

2004 के लोकसभा चुनाव में सुशील मोदी भाजपा के टिकट पर भागलपुर से सांसद बने। 2005 में उन्होंने संसद सदस्यता से इस्तीफा दिया और विधान परिषद के लिए निर्वाचित होकर बिहार सरकार में उपमुख्यमंत्री बने। सुशील मोदी 2005 से 2013 और 2017 से 2020 तक बिहार के वित्त मंत्री रह चुके हैं। 2020 में जब फिर से एनडीए की सरकार बनी तो सीएम नीतीश कुमार चाहते थे कि सुशील मोदी ही डिप्टी सीएम बनें। लेकिन, शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें राज्यसभा भेज दिया। कहा यह भी जा रहा है कि इस बार जो नीतीश कुमार एनडीए में फिर से शामिल हुए, उसके पीछे सुशील मोदी की अहम भूमिका थी। 

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