38 मिनट पहलेलेखक: किरण जैन
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दिगंगना सूर्यवंशी उन एक्ट्रेसेस में से एक हैं, जिन्होंने करियर को लेकर अपनी मर्जी से फैसले लिए है। वो खुद को जिद्दी मानती हैं। एक्ट्रेस की मानें तो उन्हें रिस्क लेना ज्यादा पसंद है। इसी वजह से वो टीवी, बॉलीवुड और साउथ फिल्मों में भी अपनी पहचान बना पाईं।
बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट, ग्लैमर इंडस्ट्री में अपनी शुरुआत करने वालीं दिगंगना महज 17 साल की उम्र में ‘बिग बॉस 9’ में नजर आईं थीं। यहां एक्टर सलमान खान ने उन्हें फिल्मों में काम करने की सलाह दी थी, जिसके बाद उन्होंने टीवी इंडस्ट्री को अलविदा कहने का मन बना लिया और फिल्मों का रुख किया।
इसके बाद 2018 में दिगंगना ने फिल्मों में डेब्यू किया। उन्होंने ‘जलेबी’ और ‘फ्राईडे’ जैसी हिंदी फिल्में कीं और फिर ‘रंगीला राजा’ में गोविंदा की लीड एक्ट्रेस भी बनीं। बॉलीवुड ही नहीं बल्कि साउथ की फिल्मों में भी उन्होंने अपना परचम लहराया। जल्द ही वे डिजिटल प्लेटफार्म पर भी अपना डेब्यू करेंगी।
इस हफ्ते ‘स्टार टॉक्स’ में दिगंगना ने हमसे अपनी जिंदगी के कई किस्से शेयर किए। पढ़िए ये किस्से खुद दिगंगना की जुबानी…

मां नहीं चाहती थीं कि मैं ‘बिग बॉस‘ का हिस्सा बनूं
जब ‘बिग बॉस 9’ ऑफर हुआ तो घर में बहुत लड़ाई हुई। मेरी मां नहीं चाहती थीं कि मैं उस शो में काम करूं। उस वक्त मैं सिर्फ 17 साल की थी। वो अपनी जगह बिलकुल सही थी। ये शो कंट्रोवर्सी और ड्रामे के लिए जाना जाता है। इतनी छोटी उम्र में मेरा इसका हिस्सा बनना, मेरी मां को सही नहीं लगा। लेकिन, मुझे हर हाल में ‘बिग बॉस’ करना ही था।
टेक्निकली इस शो से ही मेरे करियर की शुरुआत हुई। चैनल वालों ने मम्मी को बहुत समझाया, कई मीटिंग की पर मम्मी सहमत नहीं हो पा रही थीं। आखिरकार, मैंने उनसे कहा की मुझे ये शो करना है और यही फाइनल है। बस फिर क्या? मां ने भी मेरी जिद मान ली।
अब मुझसे कोई ‘बिग बॉस’ करने को कहे तो मैं मना कर देती
वैसे ‘बिग बॉस’ के लिए मैं बहुत छोटी थी। शो में ना मेरी किसी से लड़ाई हुई और ना ही मैंने किसी भी तरह का ड्रामा क्रिएट किया। अब जिद्द करके शो में आ तो गई लेकिन शुरू के दो हफ्तें तक तो समझ ही नहीं पाईं की हो क्या रहा था। हालांकि, ये मेरे लिए बहुत बड़ा लर्निंग एक्सपीरियंस था। अब अगर मुझसे कोई ‘बिग बॉस’ करने को कहे तो मैं तुरंत मना कर देती। मैं सच में नहीं करती और मैं इस बात को लेकर बहुत श्योर हूं।
अब मैं किसी को अपनी प्राइवेट और पर्सनल लाइफ में दखल-अंदाजी नहीं करने दूंगी। उस वक्त, मेरा सेंस ऑफ प्राइवेसी उतना ज्यादा मेरे लिए मैटर नहीं करता था। लेकिन अब मैं काफी रिजर्व्ड हो गई हूं। मैं नहीं चाहूंगी कि कोई मेरी जिंदगी में इतना ज्यादा घुस के जान पाए कि मैं रियल लाइफ में कैसी हूं।

‘बिग बॉस‘ के बाद 40 से ज्यादा टीवी शोज के ऑफर रिजेक्ट किए
‘बिग बॉस’ करने के बाद, मैं दो साल तक घर पर बैठी रही। ऐसा नहीं कि मुझे काम नहीं मिला। यकीन मानिए उस वक्त मुझे 40 से ज्यादा टीवी शोज के ऑफर आए थे। हालांकि, मैं फिल्में करना चाहती थी। मुझे लगा अगर अभी स्विच नहीं किया तो कभी नहीं हो पाएगा। रिस्क लेने के लिए पूरी तरह से तैयार थी। हां पर काफी डरी हुईं थी।
टीवी बैकग्राउंड से आपको रोज शूट करने की एक आदत हो जाती है। डर इस बात का भी था कि कहीं टीवी में भी काम मिलना बंद हो गया तो? लेकिन हार नहीं मानी।
सलमान खान ने मेरे करियर को शेप करने में बहुत मदद की।
सलमान खान ने मेरे करियर को शेप करने में बहुत मदद की। ‘बिग बॉस’ के बाद उन्होंने मुझे मोटीवेट किया और कहा की तुम्हे फिल्में करनी चाहिए। उन्होंने मुझपर भरोसा रखा जिसके लिए मैं हमेशा उनकी शुक्रगुजार रहूंगी। उनके कहने पर मैंने अपने लंबे घने बाल कटवाए। वो चाहते थे कि मैं खुद की स्टाइलिंग पर ध्यान दूं, उन्होंने ट्रेनिंग भी दी। वे जानते थे कि मैं बहुत छोटी थी और मुझे सही गाइडेंस की जरूरत थी। उन्होंने मेरी बहुत मदद की। आज भी मैं उनके टच में हूं।

फिल्म ‘हिप्पी‘ ने मुझे साउथ इंडस्ट्री में टिके रहने में काफी मदद की
साउथ इंडस्ट्री भले ही मेल डोमिनेटेड हो लेकिन मेरी पहली फिल्म ‘हिप्पी’ ने मुझे इस इंडस्ट्री में टिके रहने में काफी मदद की। मैं कभी भी वो हीरोइन नहीं बनना चाहती थी जो सिर्फ एक फिल्म में दो सीन करें या एक-दो गाने करके हट जाए। मुझे अच्छे-स्ट्रॉन्ग रोल ऑफर होना शुरू हो गए। बॉलीवुड से ऑफर आते हैं लेकिन मैं साउथ में ज्यादा कम्फर्टेबल हूं। हालांकि, ऐसा बिलकुल नहीं कि मैं सिर्फ और सिर्फ साउथ के ही प्रोजेक्ट करूंगी। हाल ही में मैंने एक वेब सीरीज की शूटिंग खत्म की है।
‘फ्राइडे’ सिचुएशनल कॉमेडी थी, एक्टर्स के बीच के एज डिफरेंस का कोई लेना देना नहीं
20 साल की उम्र में मेरी एक- दो नहीं बल्कि तीन फिल्में बैक-टू-बैक रिलीज हुईं – ‘फ्राइडे’, ‘जलेबी’ और ‘रंगीला राजा’ । पहली ही फिल्म में मुझे गोविंदा के साथ काम करने का मौका मिला। वैसे, मैंने सुना था की उनका टेम्परामेंट बहुत हाई रहता हैं। लेकिन जब सेट पर उनसे मिली तो जैसा सुना था वो उसके बिलकुल अपोजिट थे। मुझे कहीं नहीं लगा कि उन्हें टेम्परामेंट का प्रॉब्लम है।
हालांकि, हम दोनों के बीच काफी ज्यादा एज डिफरेंस था। मैं 20 साल की थी और वो 50 के आसपास थे। कई लोगों ने मुझे इस फिल्म से अपना डेब्यू करने को मना किया। लोगों ने कहा कि आपका डेब्यू एक टिपिकल फिल्म से होनी चाहिए। लोगों के ओपिनियन से मेरे पेरेंट्स को भी थोड़ा डाउट हुआ लेकिन मुझे नहीं।
मैं अपने डेब्यू का मौका नहीं गंवाना चाहती थी। ये एक सिचुएशनल कॉमेडी थी और दो एक्टर्स के बीच के एज डिफरेंस का इससे कोई लेना देना नहीं था। आज 5 साल हो गए हैं और मैं अपनी इस फिल्म को लेकर बहुत प्राउड फील करती हूं।

मेरा बर्थडे मेरी मां के लिए बहुत स्पेशल होता है।
मेरा बर्थडे मेरी मां के लिए बहुत स्पेशल होता है। मैं अपने पैरेंट्स की सिंगल चाइल्ड हूं। मेरे पहले बर्थडे से आज तक, हर साल मेरा अभिषेक किया जाता रहा है। ये एक ट्रेडिशन है जो घरवाले सालों से फॉलो कर रहे हैं। मां पहले मुझे उबटन लगाती है।
इस ट्रेडिशन का आयुर्वेद में भी बहुत इम्पोर्टेंस है। बाकी मुझे पार्टी वगैरा करने का बिलकुल शौक नहीं है इसलिए सालों से चलते आ रहे इस ट्रेडिशन से मैं बहुत खुश हूं। मेरी मां और पूरे परिवार के इमोशंस इससे जुड़े हुए हैं।

बचपन से ही जिद्दी हूं मेरी लाइफ में एक्टिंग की शुरुआत तो मजाक-मजाक में हुई थी। 3 साल की थी जब मम्मी को टीवी शोज देखकर खुश होते देखती थी। वो एक सीरियल को देखकर कभी इमोशनल हो जातीं, तो कभी खुश। मैं समझ गई की जो कुछ भी इस टीवी बॉक्स पर चल रहा है, उससे बाहर बैठे लोगों पर इम्पैक्ट होता है। अब मुझे भी टीवी पर आना था। मैंने अपने पापा से जिद करना शुरू कर दी। मैं उनके पीछे पड़ गई जिसके बाद वो ऑडिशन में ले जाने के लिए तैयार हुए।
शुरुआत में एक-दो एड किए लेकिन पहली बार मजा आया जब 10 साल की उम्र में टीवी शो ‘शकुंतला’ में काम किया। फिर मैंने तय कर लिया कि मैं इसी फिल्ड आगे बढ़ना चाहती हूं। शुरुआत में माता-पिता को चिंता हुई लेकिन सीरियल ‘वीरा’की पॉपुलैरिटी ने उनका हर डाउट क्लियर कर दिया।

8 साल की उम्र में लिख चुकी हूं 200 से ज्यादा कविताएं मुझे बचपन से लिखने का बहुत शौक है। तकरीबन 8 साल की उम्र में मैंने लिखना शुरू कर दिया था। उस वक्त मैं 200 से ज्यादा कविताएं लिख चुकी थी जिसकी मेरी एक किताब पब्लिश भी हुई। ‘वीरा’ के सेट पर भी अपना लैपटॉप ले जाती थी। आस पास जो देखती उसे लिखती थी। आज भी वही करती हूं।

मधुबाला की बायोपिक करने की ख्वाहिश है
मैं मधुबाला जी की बहुत बड़ी फैन हूं। मैंने उनकी कई फिल्में देखी हैं और मुझे लगता है कि मैं उनके किरदार के साथ ऑन स्क्रीन जस्टिस कर पाऊंगी। उनकी बायोपिक करने की ख्वाहिश रखती हूं।
प्यार–मोहब्बत के लिए वक्त नहीं
रिलेशनशिप के लिए मेरे पास बिलकुल वक्त नहीं। ऐसा नहीं कि मैं प्यार में विश्वास नहीं रखती लेकिन यकीन मानिए मेरे पास इसके लिए समय ही नहीं हैं। मैं जिसके साथ भी रहूं उसे अपना पूरा वक्त देना चाहती हूं। हालांकि, अभी ऐसा कुछ होता नजर नहीं आ रहा।