Ayodhya Ram Mandir Inauguration Idol Sculpted By Sculptor Arun Yogiraj Of Mysuru Has Been Selected For Installation Says B S Yediyurappa

Ram Mandir Pran Pratishtha: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन करेंगे. उद्घाटन से पहले बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने दावा किया कि राम मंदिर में मूर्तिकार अरुण योगीराज की बनाई मूर्ति स्थापित की जाएगी.

येदियुरप्पा ने सोमवार (1 जनवरी) सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपनी खुशी शेयर करते हुए येदियुरप्पा ने कहा, “मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज की बनाई गई भगवान राम की मूर्ति को भव्य श्री राम मंदिर में स्थापना के लिए चुना गया है. अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के निर्माण ने प्रदेश के सभी रामभक्तों के गौरव और खुशी को दोगुना कर दिया है.”

तीन मूर्तिकारों ने बनाई तीन मूर्तियां
इससे पहले राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए बताया था कि प्राण प्रतिष्ठा प्रतिमा के लिए तीन मूर्तिकार अलग-अलग तरह के पत्थरों पर 3 मूर्तियों की रचना कर रहे हैं. इन मूर्तियों में भगवान राम का बाल रूप बनाया जा रहा है. इनमें से कौन सी मूर्ति लगाई जाएगी और कौन सा मूर्तिकार भगवान के बाल रूप को उकेर पाया, यह जनवरी के पहले हफ्ते तक सामने आ जाएगा.

बीवाई विजयेंद्र ने भी योगीराज की तारीफ की
वहीं, येदियुरप्पा के बेटे और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने भी योगीराज की सराहना की. उन्होंने कहा कि यह मैसूर का गौरव है, कर्नाटक का गौरव है और अरुण योगीराज की बनाई गई रामलला की मूर्ति 22 जनवरी को अयोध्या में स्थापित की जाएगी. विजयेंद्र ने कहा कि कर्नाटक का भगवान राम से गहरा संबंध है, क्योंकि किष्किंधा इसी राज्य में स्थित है. यह किष्किंधा ही है, जहां राम के परम भक्त हनुमान का जन्म हुआ था.

अरुण योगीराज को नहीं मिली आधिकारिक सूचना
पीटीआई से बात करते हुए अरुण योगीराज ने कहा कि फिलहाल उन्हें अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है कि उन्होंने जो मूर्ति बनाई थी, उसे स्वीकार कर लिया गया है या नहीं. हालांकि, वरिष्ठ बीजेपी नेताओं ने ‘एक्स’ पर जो पोस्ट की है, उससे उन्हें विश्वास हो गया कि उनके काम को स्वीकार कर लिया गया है.

मूर्तिकार के मुताबिक वह उन मूर्तिकारों में शामिल थे, जिन्हें श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने ‘रामलला’ की मूर्ति तराशने के लिए चुना था. उन्होंने कहा, “मुझे खुशी है कि मैं देश के उन तीन मूर्तिकारों में से एक था, जिन्हें ‘रामलला’ की मूर्ति तराशने के लिए चुना गया था. बता दें कि प्रसिद्ध मूर्तिकार ने केदारनाथ में स्थापित आदि शंकराचार्य की मूर्ति और दिल्ली में इंडिया गेट के पास स्थापित की गई सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति भी बनाई थी. 

मूर्ति बनाना चुनौती 
उन्होंने कहा कि मूर्ति बनाना एक मुश्किल चुनौती थी. मूर्ति ऐसी होनी चाहिए जिसमें भगवान का बालक रूप दिव्य दिखाई दे, क्योंकि यह भगवान के अवतार की मूर्ति है. लोग जब भी मूर्ति को देखें तो उन्हें दिव्यता का एहसास हो.

योगीराज ने कहा, “बच्चे जैसे चेहरे के साथ-साथ दिव्यता के पहलू को ध्यान में रखते हुए, मैंने लगभग छह से सात महीने पहले काम शुरू किया था. मैं बेहद खुश हूं. हालांकि, मुझे उस वक्त ज्यादा खुशी होगी, जब लोग मूर्ति के चयन से ज्यादा लोगों इसकी सराहना करेंगे.”

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