
मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष होंगे नरेंद्र सिंह तोमर।
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प्रदेश के ग्वालियर-चम्बल अंचल से आजादी के बाद विधानसभा अध्यक्ष बनने का पहला अवसर नरेंद्र सिंह तोमर को मिला है। भारतीय जनता पार्टी ने हालिया विधानसभा चुनाव में 163 स्थानों के साथ 48.55 प्रतिशत मत प्राप्त कर एक रिकॉर्ड बनाया है। नरेंद्र सिंह तोमर का निर्विरोध स्पीकर चुना जाना तय था। 66 वर्षीय तोमर केंद्र में मंत्री रहे और लोकसभा से सांसद रहे हैं, हाल ही में उन्होंने इस्तीफा दिया है। अब वे प्रदेश में नई भूमिका में नजर आएंगे। इस मौके पर बताना उल्लेखनीय है कि प्रदेश में स्पीकर का सबसे लंबा कार्यकाल प्रथम स्पीकर कुंजीलाल दुबे का रहा। वे 10 साल से ज्यादा समय तक मप्र विधानसभा के अध्यक्ष रहे।
एक नवंबर 1956 को मध्य प्रदेश के गठन के बाद जबलपुर महाकौशल से कुंजीलाल दुबे प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए थे। दुबे अध्यक्ष पद अब तक के सबसे लंबे कार्यकाल वाले नेता रहे। वे इस पद पर 10 वर्ष 4 माह रहे जो एक कीर्तिमान है। वे विधानसभा अध्यक्ष के बाद डीपी मिश्रा और श्यामा चरण शुक्ल मंत्रिमंडल में वित्त मंत्री रहे थे।
महाकौशल से ज्यादा रहे स्पीकर
विधानसभा अध्यक्ष का पद प्रदेश में सर्वाधिक महाकौशल के हिस्से में रहा। इस पद पर महाकौशल के नेता का भाजपा और कांग्रेस से मिला कर करीब 26 वर्ष 5 माह कार्यकाल रहा। इसके बाद विंध्य का नंबर रहा इस अंचल से चुने गए विधानसभा अध्यक्ष का कार्यकाल 18 वर्ष 8 माह का रहा।
40 साल तक रहे कांग्रेस के स्पीकर
आजादी के बाद प्रदेश में सबसे लंबे समय तक सत्ता कांग्रेस की रही। इसलिए प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष पद पर कांग्रेस नेता सर्वाधिक 40 वर्ष 10 माह तक काबिज रहे। जबकि भाजपा (जनता पार्टी समेत) के नेता इस पद पर 24 वर्ष 4 माह रहे। जाहिर है प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष पद पर कांग्रेस से अभी भाजपा काफी पीछे है।
श्रीनिवास तिवारी व रोहाणी नौ साल तक रहे
कांग्रेस नेता श्रीनिवास तिवारी और भाजपा नेता ईश्वरदास रोहाणी इस पद पर 9 वर्ष से अधिक इस पद पर रहे। तेजलाल टेंभरे और राजेंद्र प्रसाद शुक्ल प्रदेश से विभाजित छत्तीसगढ़ से चुने गए और इस पद पर रहे थे। चंबल ग्वालियर अंचल को प्रदेश में विधानसभा में अध्यक्ष पद देकर इस बार भाजपा ने अभी तक इस पद से वंचित अंचल की कमी को पूरा किया है। विधानसभा की करवाई संचालित करने में अनुभव की जरूरत है निश्चय ही नरेंद्र सिंह तोमर को अपने अनुभव का पूरा लाभ मिलेगा और सदन का संचालन सबको साथ लेकर करेंगे।
मप्र विधानसभा अध्यक्ष की रोचक जानकारी
- कुंजीलाल दुबे इस पद पर सर्वाधिक लंबे समय काबिज रहे।
- बृजमोहन मिश्रा और यज्ञदत्त शर्मा मालवा से इस पद पर रहे हैं।
- कांग्रेस नेता इस पद पर 40 वर्ष 10 माह और भाजपा नेता 24 वर्ष 4 माह रहे।
- कांग्रेस के नर्मदा प्रसाद प्रजापति इस पद पर सबसे कम समय रहने वाले नेता हैं।
मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष
क्रमांक | नाम | दल | अंचल | पद पर कार्य किया |
1 | कुंजीलाल दुबे | कांग्रेस | महाकौशल | 10 वर्ष, 4 माह, 6 दिन |
2 | काशीप्रसाद पांडेय | कांग्रेस | महाकौशल | 5 वर्ष |
3 | तेजलाल टेंभरे | कांग्रेस | छतीसगढ़ | 4 माह, 17 दिन |
4 | गुलशेर अहमद | कांग्रेस | विंध्य | 4 वर्ष, 11 माह |
5 | मुकुंद सखाराम नेवालकर | जपा | बुंदेलखंड | 2 वर्ष, 11 माह, 17 दिन |
6 | यज्ञदत्त शर्मा | कांग्रेस | मालवा -निमाड़ | 3 वर्ष, 17 दिन |
7 | रामकिशोर शुक्ल | कांग्रेस | विंध्य | 1 वर्ष, 8 माह |
8 | राजेंद्रप्रसाद शुक्ल | कांग्रेस | छतीसगढ़ | 4 वर्ष, 11 माह, 22 दिन |
9 | बृजमोहन मिश्रा | भाजपा | मालवा -निमाड़ | 3 वर्ष, 8 माह, 27 दिन |
10 | श्रीनिवास तिवारी | कांग्रेस | विंध्य | 9 वर्ष, 11 माह, 17 दिन |
11 | ईश्वरदास रोहाणी | भाजपा | महाकौशल | 9 वर्ष, 10 माह,18 दिन |
12 | सीताशरण शर्मा | भाजपा | मध्यभारत | 4 वर्ष, 11 माह, 25 दिन |
13 | नर्मदाप्रसाद प्रजापति | कांग्रेस | महाकौशल | 1 वर्ष, 2 माह, 16 दिन |
14 | गिरीश गौतम | भाजपा | विंध्य | 2 वर्ष, 9 माह, 22 दिन |
15 | नरेंद्र तोमर | भाजपा | ग्वालियर चंबल | – |