Article 370 Crakk Movie Review; Yami Gautam – Vidyut Jammwal | Arjun Rampal | भास्कर मूवी रिव्यू: आर्टिकल-370 का डायरेक्शन कमजोर, यामी की एक्टिंग ने संभाला; क्रैक में विद्युत-अर्जुन के एक्शन सीक्वेंस, स्क्रिप्ट ढीली

मुंबई14 घंटे पहलेलेखक: आशीष तिवारी

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विद्युत जामवाल की फिल्म क्रैक और यामी गौतम स्टारर आर्टिकल 370 रिलीज हो गई है। - Dainik Bhaskar

विद्युत जामवाल की फिल्म क्रैक और यामी गौतम स्टारर आर्टिकल 370 रिलीज हो गई है।

आज (शुक्रवार) को दो फिल्में रिलीज हुई हैं। विद्युत जामवाल और अर्जुन रामपाल स्टारर फिल्म क्रैक- जीतेगा तो जिएगा और दूसरी फिल्म यामी गौतम स्टारर आर्टिकल 370। हमने इन दोनों फिल्मों का रिव्यू किया है।

क्रैक जीतेगा तो जिएगा की लेंथ 2 घंटे 36 मिनट है। एक्शन ड्रामा इस फिल्म को दैनिक भास्कर ने 5 में से 3.5 स्टार रेटिंग दी है। वहीं सच्ची घटना पर बेस्ड फिल्म आर्टिकल 370 की लेंथ 2 घंटे 40 मिनट है। दैनिक भास्कर ने फिल्म को 5 में से 3 स्टार रेटिंग दी है।

आर्टिकल 370 का ब्रीफ रिव्यू पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
क्रैक का ब्रीफ रिव्यू पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

मूवी रिव्यू, आर्टिकल- 370

  • लेंथ-2 घंटे 40 मिनट
  • रेटिंग- 3 स्टार
  • जॉनर- रियल लाइफ ड्रामा
  • स्टारकास्ट- यामी गौतम, प्रियामणि, अरुण गोविल, वैभव तत्ववादी और किरण करमाकर

फिल्म की कहानी क्या है?
आर्टिकल 370 हटाने के पीछे की स्ट्रैटजी क्या थी, इतने बड़े फैसले के पीछे कौन-कौन लोग थे। उस वक्त का घटनाक्रम क्या था। फिल्म की कहानी यही बताती है। कश्मीर में हालात खराब हो रहे थे, ऐसे में सरकार को ध्यान देना था कि वहां खून भी न गिरे और इस काले प्रावधान को हटा भी दिया जाए। इसकी पहली आधारशिला तब रखी गई जब 2016 में आतंकी बुरहान वानी का एनकाउंटर हुआ। बुरहान का एनकाउंटर करने वाली ऑफिसर जूनी हकसर (यामी गौतम) को अनुशासन भंग करने का आरोप लगाकर कश्मीर से हटा कर दिल्ली भेज दिया जाता है।

इसके बाद PM0 की एक अधिकारी राजेश्वरी स्वामीनाथन (प्रियामणि) के कहने पर जूनी को NIA का एजेंट बनाकर दोबारा कश्मीर भेजा जाता है। जूनी को जिम्मेदारी दी जाती है कि वो वहां के राजनेताओं, अलगाववादियों और उपद्रवियों से निपटकर हालात नॉर्मल करे। इधर दिल्ली में आर्टिकल 370 को हटाने के लिए हर नियम और कानूनी दांवपेच लगाए जाते हैं।

यामी गौतम ने फिर से एक बार आर्मी ऑफिसर का किरदार निभाया है।

यामी गौतम ने फिर से एक बार आर्मी ऑफिसर का किरदार निभाया है।

स्टारकास्ट की एक्टिंग कैसी है?
कभी-कभी लगता है कि यामी गौतम ऐसी फिल्मों के लिए ही बनी हैं। उरी- द सर्जिकल स्ट्राइक के बाद एक बार फिर से उन्होंने शानदार काम किया है। यामी ने पूरी फिल्म को अपने कंधों पर संभाला है। PM0 में सेक्रेटरी बनीं प्रियामणि ने संजीदगी से अपना रोल निभाया है। उन्हें जैसा रोल दिया गया है, वो उसमें सटीक बैठती हैं।

गृह मंत्री अमित शाह का रोल निभा रहे एक्टर किरण करमाकर इस फिल्म के सरप्राइज एलिमेंट हैं। उन्होंने अमित शाह के बॉडी लैंग्वेज को क्या खूब पकड़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका में अरुण गोविल थोड़े हल्के लगे हैं। आर्मी ऑफिसर के रोल में वैभव तत्ववादी ने प्रभावित किया है।

डायरेक्शन कैसा है?
आदित्य सुहास जामभले फिल्म के डायरेक्टर हैं। डायरेक्शन में काफी सारी खामियां हैं। यह फिल्म डॉक्यूमेंट्री ज्यादा लगती है। वैसे तो फिल्म की लेंथ 2 घंटे 40 मिनट है, फिर भी ऐसा लगता है कि तथ्यों को जल्दी-जल्दी समेटने की कोशिश की गई है। हालांकि, कई-कई जगह डायरेक्टर इंटरेस्ट बनाने में कामयाब हुए हैं।

अरुण गोविल प्रधानमंत्री मोदी जबकि किरण करमाकर ने गृहमंत्री अमित शाह का रोल निभाया है।

अरुण गोविल प्रधानमंत्री मोदी जबकि किरण करमाकर ने गृहमंत्री अमित शाह का रोल निभाया है।

फिल्म का म्यूजिक कैसा है?
फिल्म में एक ही गाना है, जो कि बैकग्राउंड में बजता है। यह इतना प्रभावशाली नहीं है जिसकी चर्चा की जाए। फिल्म देखने के बाद इसका म्यूजिक या बैकग्राउंड स्कोर याद भी नहीं रहता।

फाइनल वर्डिक्ट, फिल्म देखें या नहीं?
अगर आपको पता नहीं है कि आर्टिकल 370 हटाने के पीछे स्ट्रैटजी क्या थी, तो अपना नॉलेज बढ़ाने के लिए फिल्म को देख सकते हैं। हालांकि तथ्यों को बहुत सिनेमाई अंदाज में पेश किया गया है, जो कि खटक भी सकती है। इतने बड़े मुद्दे को हल्के अंदाज में दिखा दिया गया है, हालांकि इसके बावजूद फिल्म वन टाइम वॉच जरूर है।

मूवी रिव्यू-क्रैक

  • लेंथ- 2 घंटे 36 मिनट
  • रेटिंग- 3.5 स्टार
  • जॉनर- एक्शन ड्रामा फिल्म
  • स्टारकास्ट- विद्युत जामवाल, अर्जुन रामपाल, नोरा फतेही और एमी जैक्सन

फिल्म की कहानी क्या है?
मुंबई के रहने वाले सिद्धार्थ दीक्षित (विद्युत जामवाल) ​​​​​का सपना है कि वो पोलैंड में हो रहे एक एक्सट्रीम स्पोर्ट्स इवेंट में हिस्सा ले। हालांकि, यह कोई नॉर्मल गेम कॉम्पिटिशन नहीं, बल्कि यहां भाग ले रहे कैंडिडेट्स को विनर बनने के लिए अपनी जान की बाजी लगानी होगी। सिद्धार्थ के माता-पिता उसे इस गेम में हिस्सा लेने से मना करते हैं, क्योंकि सिद्धार्थ के बड़े भाई ने इसी गेम की वजह से अपनी जान गंवा दी थी।

सिद्धार्थ अब इस खतरनाक खेल का हिस्सा बनने पोलैंड निकल जाता है। वहां उसकी मुलाकात अर्जुन रामपाल यानी देव से होती है। देव इस गेम का ऑर्गेनाइजर है। सिद्धार्थ को वहां जाकर पता चलता है कि उसके बड़े भाई की मौत धोखे से हुई होती है। अब सिद्धार्थ का लक्ष्य बदल जाता है। वो अब अपने भाई के कातिल को ढूंढना शुरू कर देता है।

स्टारकास्ट की एक्टिंग कैसी है?
हमेशा की तरह विद्युत जामवाल ने अपने एक्शन से प्रभावित किया है। खतरनाक से खतरनाक एक्शन सीक्वेंस को भी उन्होंने बड़ी आसानी से कर दिखाया है। अर्जुन रामपाल के बारे में भी बात करनी होगी। चेहरे के एक्सप्रेशन से लेकर एक्शन सीक्वेंस तक, उन्होंने कमाल का काम किया है। फिल्म में विद्युत और अर्जुन रामपाल का नेवरसीन एक्शन अवतार देखने को मिला है।

पहली बार अर्जुन रामपाल को इतना इंटेंस एक्शन करते देखा गया है। फिल्म की एक्ट्रेसेस में नोरा फतेही और एमी जैक्सन ने ठीक काम किया है। यह नोरा की पहली फुल फ्लेज्ड फिल्म है, इसलिए अनुभव की कमी साफ झलकती है। उन्हें अभी बहुत सीखने की जरूरत है।

फिल्म में विद्युत जामवाल एक बार फिर से इंटेंस एक्शन सीन्स करते नजर आए हैं।

फिल्म में विद्युत जामवाल एक बार फिर से इंटेंस एक्शन सीन्स करते नजर आए हैं।

डायरेक्शन कैसा है?
फिल्म के डायरेक्टर आदित्य दत्त हैं। फर्स्ट हाफ काफी हद तक सही रखा है, लेकिन सेकेंड हाफ का पहला कुछ पोर्शन बोरिंग है। स्क्रिप्ट थोड़ी ढीली है, इस पर थोड़ा और काम करना चाहिए था। डायरेक्टर से ज्यादा फिल्म के स्टंट कोरियोग्राफर की बात होनी चाहिए। उन्होंने हर एक्शन सीक्वेंस को ऐसा रखा है, जो देखने में बिल्कुल ओरिजिनल लगते हैं। स्टंट कोरियोग्राफर रवि वर्मा को अपने काम के लिए पूरे नंबर मिलने चाहिए। इसके अलावा सिनेमैटोग्राफर मार्क हैमिल्टन का काम भी लाजवाब है।

फिल्म का म्यूजिक कैसा है?
फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर इसकी जान है। फिल्म के सारे एक्शन सीक्वेंस के बैकग्राउंड में बज रहा म्यूजिक थ्रिल पैदा करता है। ये कानों को बिल्कुल नहीं चुभते, बल्कि एक अलग ही दुनिया में ले जाते हैं। फिल्म में एक-दो गाने हैं, जो सोशल मीडिया पर पहले से हिट हो रहे हैं।

नोरा फतेही ने पहली बार किसी फुल फ्लेज्ड फिल्म में काम किया है।

नोरा फतेही ने पहली बार किसी फुल फ्लेज्ड फिल्म में काम किया है।

फाइनल वर्डिक्ट, देखें या नहीं?
टॉप क्लास एक्शन सीक्वेंस देखना चाहते हैं तो इस फिल्म के लिए जा सकते हैं। फिल्म में आपको कुछ ऐसे एक्शन सीन्स देखने को मिलेंगे, जो पहले शायद ही देखे होंगे। अगर आप गेमिंग और एडवेंचर स्पोर्ट्स के शौकीन हैं, तब भी आप इसे पसंद करेंगे। कहीं-कहीं जगह थोड़ी लॉजिक की भी कमी देखने को मिलती है। अगर आप ग्राउंड से जुड़ी रियलस्टिक फिल्में देखने के शौकीन हैं, तो यह फिल्म आपके लिए नहीं है।

इस फिल्म को विद्युत जामवाल ने ही प्रोड्यूस भी किया है। फिल्म में इंटरनेशनल लेवल का एक्शन लेकर आना, अपने आप में काबिल ए तारीफ है। उनके इस प्रयास की तारीफ होनी चाहिए।

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