सेना प्रमुख मनोज पांडे
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सेना में अग्निवीरों का एकीकरण अच्छी तरह से आगे बढ़ रहा है और फील्ड इकाइयों से उनके बारे में सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। यह कहना है थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे का। उन्होंने कहा कि सेना अग्निवरों और नियमित सैनिकों के बीच विभिन्न प्रशिक्षण मॉड्यूलों में सामंजस्य स्थापित करने का प्रयास कर रही है।
सेना को प्रशिक्षण मामले में चुनौतियों
सेना प्रमुख ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने अग्निपथ योजना के खिलाफ आ रही आपत्तियों के बारे में कहा कि योजना को अंतिम रूप एक बड़े परामर्शी प्रक्रिया के बाद दिया गया है। हमने इस योजना में सभी मुद्दों को ध्यान में रखा है। वहीं, पांडे ने पूर्व सेना प्रमुख नरवणे के किताब में की गई टिप्पणियों के बारे में कहा कि इस पर कुछ भी कहना अनुचित है। हालांकि, उनका कहना है कि सेना को प्रशिक्षण के मामले में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन इसके समाधान के लगातार प्रयास किए जा रह हैं। जल्द ही कुछ मानदंडों में बदलाव कर चुनौतियों का समाधान किया जाएगा।
महिला अधिकारियों को कमांड भूमिका में स्थायी कमीशन
जनरल पांडे ने बताया कि अग्निवीरों के पहले दो बैच फील्ड यूनिट में तैनाती के लिए पूरी तरह तैयार हैं और इनके फीडबैक काफी अच्छे और उत्साहजनक हैं। 120 महिला अधिकारियों को भी कमांड भूमिका में स्थायी कमीशन दिया गया है और उनकी फील्ड एरिया में भी तैनाती की गई है। वह भी अच्छा काम कर रही हैं। जनरल मनोज पांडे ने कहा कि उत्तर पूर्व में बीते साल हालात बेहतर हुए हैं और इसकी जिम्मेदार सरकार द्वारा बनाई गई नीतियां हैं। हिंसा की घटनाएं कम हुई हैं। मणिपुर में बीते साल मई में हिंसा हुई थी लेकिन राज्य सरकार, सेना और असम राइफल्स के संयुक्त प्रयासों से हालात अभी स्थिर हैं और हम हालात को सामान्य करने के लिए काम कर रहे हैं।