Apple Electric Car Launch Update; Key Features, and Specifications | एपल की पहली इलेक्ट्रिक कार 2028 में आएगी: टेस्ला की तरह ऑटोमेशन ड्राइव फीचर मिलेंगे, पहले बिना स्टीयरिंग व्हील वाली ईवी का प्लान था

नई दिल्ली2 घंटे पहले

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अमेरिकी टेक कंपनी एपल अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार 2028 में लॉन्च करेगी। इससे पहले कंपनी 2026 में फुली ऑटोमोटिव ड्राइव ऑप्शन के साथ बिना स्टीयरिंग व्हील वाली ईवी मार्केट में उतारने वाली थी।

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने अपनी लॉन्चिंग स्ट्रैटजी में बदलाव किया है। एपल अब अपनी पहली ईवी को सेमी-ऑटोमेटिक ड्राइव ऑप्शन के साथ लॉन्च करेगी। एपल अब कार को टेस्ला और दूसरी इलेक्ट्रिक व्हीकल की तरह ऑटोमोटिव ड्राइव के लेवल 2 सिस्टम के साथ डेवलप कर रही है।

वाइस प्रेसिडेंट केविन लिंच प्रोजेक्ट को कर रहे लीड
एपल के वाइस प्रेसिडेंट केविन लिंच 2021 से इस प्रोजेक्ट को लीड कर रहे हैं। लिंच के गाईडेंस में ही कंपनी ने पुरानी स्ट्रेटजी में बदलाव किया है। इसमें ड्राइवरों को ऑटोपायलट सिस्टम के बावजूद ड्राइविंग के दौरान जरूरत पड़ने पर कार को कंट्रोल करने के लिए तैयार रहना होता है। पहले इसे लेवल 4+ ऑटोमेशन के साथ डेवलप करने का प्लान था।

लेवल 2 और लेवल 4 ऑटोमोटिव ड्राइविंग क्या है?
लेवल 2 ड्राइविंग सिस्टम पार्शियल सेल्फ ड्राइविंग (FSD) सिस्टम है। इस एडवांस्ड ड्राइविंग असिस्टेंस सिस्टम (ADAS) में कार प्राइमरी ड्राइविंग फंक्शन को संभालती है। जबकि लेवल 4 ऑटोनोमस ड्राइविंग टेक्नीक में कार पूरी तरह से ऑटो ड्राइव मोड में चलती है। इसमें ड्राइवर की भूमिका ऑप्शनल होती है।

यानी इसमें स्टीयरिंग से लेकर गियर, क्लच, ब्रेकिंग सिस्टम ऑटोमेटिक होते हैं। हालांकि दोनों ड्राइविंग लेवल में ड्राइवर जरूरत पड़ने पर कार को मैनुअली कंट्रोल कर सकता है। ऑटोमेटिक ड्राइव मोड लेवल 6 तक होता है। इसमें लेवल 6 पूरी तरह से ऑटोमेटिक होता है।

ऑटोमैटिक ड्राइविंग के चुनौतियों को ध्यान में रख कर चेंज किया प्लान
इससे पहले कंपनी ने अपनी EV के लॉन्चिंग डेट को 2019, 2020 और 2026 के लिए रीशेड्यूल कर चुकी है। कंपनी लेवल 4+ ऑटोनॉमी से लेवल 2+ पर शिफ्ट होने के पीछे की वजह ऑटोमैटिक ड्राइविंग से जुड़ी चुनौतियों और ग्लोबल रेगुलेटरी से जुड़ी चीजों को ध्यान में रख कर लिया है। हालांकि एक्सपर्ट्स मानते हैं कि कंपनी फ्यूचर में ज्यादा ऑटोमेडेड व्हीकल के बारे में सोच सकती है।

2015 से काम कर रही है कंपनी अभी तक नहीं जारी किया है कोई प्रोटोटाइप
इसके पहले 2015 से अंडर रिसर्च ‘टाइटन’ नाम के इस प्रोजेक्ट में टीम ने अभी तक कोई विजिवल प्रोटोटाइप तैयार नहीं किया है। रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी की बोर्ड इस बात को लेकर CEO टीम कुक पर प्रोजेक्ट पर जल्द कोई ठोस प्लान तैयार करने या प्रोजेक्ट को बंद करने का दबाव भी बना रहा है।

ड्राइविंग ऑटोमेशन के 6 लेवल

  • लेवल 0 (नो ऑटोमेशन) – यह पूरी तरह से मैनुअल ड्राइविंग मोड होता है। इसमें स्टीयरिंग, ब्रेकिंग और स्पीड ड्राइवर कंट्रोल करता है।
  • लेवल 1 (ड्राइवर असिस्टेंस) – यह सिंगल ऑटोमेटेड सिस्टम होता है। इसमें क्रूज कंट्रोल से स्पीड मॉनिटर होता है। बाकि सभी चीजें ड्राइवर को देखनी होती है।
  • लेवल 2 (पार्शियल ऑटोमेशन) – इसमें एडवांस्ड ड्राइव असिस्ट सिस्टम (ADAS) होता है जो कार के स्टियरिंग और स्पीड को कंट्रोल कर सकता है। बाकी चीजें ड्राइवर को करनी होती है।
  • लेवल 3 (कंडीशनल ऑटोमेशन) – ड्राइविंग के सभी टास्क कार खुद करती है। इसमें एनवायरमेंट डिटेक्शन कैपिसिटी होती है, लेकिन इसमें ड्राइवर का भी होना जरूरी है।
  • लेवल 4 (हाई ऑटोमेशन) – ड्राइविंग के सभी टास्क कार खुद करती है। इसमें ड्राइवर का हस्तक्षेप ऑप्शनल होता है।
  • लेवल 5 (फुल ऑटोमेंशन) – ड्राइविंग के सभी टास्क हर कंडीशन में कार खुद कर लेती है। यह पूरी तरह से ड्राइवर-लेस मोड होता है।

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