anjum chopra | IPL 2nd Bouncers Rules anjum chaupada interview | बैटर्स के लिए चैलेंजिंग होगा 2 बाउंसर का नियम: ​​​​​​​अंजुम चोपड़ा बोलीं- ILT-20 के लिए संन्यास लेने वालों के देश को नुकसान

दुबई3 मिनट पहले

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पूर्व भारतीय महिला कप्तान अंजुम चोपड़ा घरेलू क्रिकेट में एक ओवर में 2 बाउंसर डालने के BCCI के नियम को बल्लेबाजों के लिए चैलेंजिंग मानती हैं। वे कहती हैं कि इस नियम ने गेंदबाजों को थोड़ा और कंफर्ट होगा।

46 साल की पूर्व भारतीय कप्तान और ILT20 में कमेंटेटर अंजुम चोपड़ा उन क्रिकेटर को देश के लिए नुकसान बताती हैं, जो लीग क्रिकेट खेलने के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले रहे हैं। वे कहती हैं कि जब देश को सीनियर प्लेयर की जरूरत होती है, तो वे उपलब्ध नहीं होते।

लीग के लिए वे संन्यास ले रहे हैं, जिनका करियर आखिरी पड़ाव पर है। अंजुम ने दैनिक भास्कर से इंटरनेशनल लीग टी-20, IPL-2024 और टी-20 वर्ल्ड कप पर बातचीत की।

आगे भास्कर के सवालों पर अंजुम के जवाब…

सवाल- BCCI ने घरेलू क्रिकेट के एक ओवर में 2 बाउंसर डालने को परमिशन दी है। इसे कैसे देखती हैं?
जवाब-
गेम में बैटर को चैलेंज करने के लिए यह नियम अच्छा है, क्योंकि बॉलर एक गेंद बाउंसर डालता था, तो बैटर को पता होता था कि गेंदबाज अब और बाउंसर नहीं डाला सकता है। यदि वह ऐसा करता है तो वाइड वाली हो जाएगी।

ऐसे में आप कैसी भी फील्ड सजा लो बल्लेबाज निश्चिंत होकर खेलता है। इस नियम के आने से गेंदबाजों को थोड़ा कंफर्ट दिया गया है। जो बैटर को मजबूर करेगा कि गेंदबाज को हल्के में मत लिजिए, क्योंकि अब दूसरी गेंद कब बाउंसर आएगी, बैटर को नहीं पता। ऐसे में वह संभल कर खेलेगा। यह नियम से बॉलर्स कहीं न कहीं बैटर को चैलेंज देगा।

सवाल- न्यूजीलैंड दौरे के लिए सा. अफ्रीका के प्रमुख उपलब्ध नहीं है। क्या बहुत ज्यादा फ्रेंचाइजी लीग इंटरनेशनल क्रिकेट के लिए खतरा है?
जवाब-
क्रिकेट अब दिन-ब-दिन बढ़ रहा है। इंटरनेशनल क्रिकेट खत्म नहीं हो रही है, लेकिन इतनी सारी क्रिकेट है और 365 दिन है। शरीर आपका पूरे साल खेलने की इजाजत नहीं देगा। आपको आराम की जरूरत है। अब प्लेयर्स पिक कर रहे हैं कि उन्हें कहां खेलना है कहां नहीं खेलना है। ऐसे में कुछ चीजें मिस भी होती हैं।

जिन्हें पता है कि उनका करियर आखिरी पड़ाव पर है। वे ही इंटरनेशनल क्रिकेट को मना कर रहे हैं। उन्हें लगता है कि अब उनको एक फॉर्मेट में खेलना है। वर्तमान में अफगानिस्तान के नवीन उल हक ही ऐसे खिलाड़ी हैं। अब वे टी-20 ही खेल रहे हैं।

जितने भी प्लेयर्स ने फ्रेंचाइजी क्रिकेट में के लिए संन्यास लिया है, वे अपने करियर के आखिरी पड़ाव पर हैं, उन्हें लगता है कि अब केवल एक ही फॉर्मेट खेलेंगे तो उनका करियर का ग्रोथ करेगा।

इसका प्रभाव इंटरनेशनल क्रिकेट पर इस तरह से पड़ता है कि वे एक सीनियर्स खिलाड़ी हैं और जब कंट्री को जरूरत होती है तो वे उपलब्ध नहीं होते हैं। वे देश के लिए एक नुकसान है। वहीं अगर खिलाड़ी के नजरिए से सोचेंगे तो वे अपना बेस्ट ही दे रहा है। वह यह नहीं कह रहा है कि मैं इंटरनेशनल क्रिकेट के लिए उपलब्ध नहीं हूं। बस वो बंदिश नहीं चाहता, ताकि सारे फॉर्मेट खेलने की जरूरत न पड़े। वह केवल थोड़ी आजादी चाहता है।

सवाल- क्या लीग में बहुत ज्यादा इंटरनेशनल खिलाड़ियों के शामिल होने पर भी पाबंदियां लगनी चाहिए?
जवाब-
जब टी-20 शुरू हुआ था, तब बाइलेटरल सीरीज में सीमित टी-20 मैच होते थे। मैचों की संख्या बढ़ती चली गई और टेस्ट मैचों की संख्या घटती चली गई। जहां तक खिलाड़ियों पर पाबंदियां लगाने का सवाल है तो अब हम उस स्थिति से आगे जा चुके हैं। अब यह संभव नहीं है।

मैं ये नहीं मानूंगी कि इंटरनेशनल क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए फ्रेंचाइजी क्रिकेट से कम महत्वपूर्ण है। किसी भी क्रिकेटर से पूछिए तो वह जरूर कहेगा कि वह इंटरनेशनल टी-20 और वर्ल्ड कप खेलना चाहता है। आने वाले समय में ऐसा नहीं होगा कि कोई खिलाड़ी देश के लिए खेलना नहीं चाहे और केवल फ्रेंचाइजी चाहे। ऐसा जरूर हो सकता है कि खिलाड़ी टेस्ट कम खेले और टी-20 को प्राथमिकता दे।

सवाल- इस साल टी-20 वर्ल्ड कप भी है। ILT20 टीमों के चयन में कितना फर्क डालेगा?
जवाब-
ILT20 में कई इंटरनेशनल प्लेयर हैं। ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी डेविड वॉर्नर टीम को लीड कर रहे हैं। हालांकि, वे टेस्ट और वनडे से संन्यास ले चुके हैं, लेकिन वे टी-20 खेलेंगे। शाहीन अफरीदी जैसे खिलाड़ी खेल रहे हैं। इन सबके प्रदर्शन पर कहीं न कहीं इनके बोर्ड की नजर रहेगी।

आप अंदाजा लगा जा सकते हैं अफरीदी, वॉर्नर जैसे खिलाड़ी ड्रेसिंग रूम शेयर करते हैं, तो UAE के खिलाड़ियों पर कितना फर्क पड़ेगा। उन्हें काफी कुछ सीखने को मिलेगा, क्योंकि यहां पर 11 में से 9 खिलाड़ी इंटरनेशनल के होंगे।

सवाल- ILT20 में UAE के 2 प्लेयर ही प्लेइंग इलेवन में शामिल हैं, क्या यह संख्या बढ़ेगी?
जवाब-
ICC की कोशिश है कि क्रिकेट का ग्लोबलाइजेशन हो सके। भारत सहित कई देश प्लेइंग नेशन हैं। एसोसिएट देशों में क्रिकेट है, लेकिन इनके मार्केट को डेवलप करना होगा। यह लीग ICC के क्रिकेट गोलबनाइजेशन में मदद करने का काम कर रहा है।

UAE में अगर ये टूर्नामेंट हो रहा है, उसके 2 खिलाड़ी खेल रहे हैं, तो इससे उनके खिलाड़ियों को इंटरनेशनल क्रिकेटरों से मिलने का मौका मिलेगा। इसका अनुभव इनके नेशनल टीम को मिलेगा, चूंकि अभी यहां क्रिकेट ज्यादा प्रॉपुलर नहीं है, ऐसे में भारत की तरह यहां प्रतिभाएं नहीं हैं। आने वाले समय में यहां खिलाड़ियों की संख्या में इजाफा की उम्मीद की जा सकती है।

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