Alipur Fire: Delhi’s Illegal Factories Are Like Time Bombs – Amar Ujala Hindi News Live

Alipur fire: Delhi's illegal factories are like time bombs

अलीपुर आग…
– फोटो : अमर उजाला

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राजधानी में सैकड़ों अवैध फैक्ट्रियां टाइम बम की तरह संचालित हो रही हैं। इनमें न तो आग से बचाव के कोई साधन है और न ही अग्निशमन विभाग की एनओसी। ऐसे में हर वर्ष भीषण अग्निकांड होते हैं, लेकिन जिम्मेदार विभाग और प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करते।

सबसे बुरा हाल अनधिकृत काॅलोनियों और पुरानी दिल्ली इलाके का है। यहां ज्यादातर पुरानी इमारतें हैं। ऐसे में इनमें अग्निशमन के उपाय तक नहीं किए गए हैं। वहीं अनधिकृत काॅलोनियों में बहुमंजिला इमारतें बना दी गई हैं। यहां धड़ल्ले से अवैध रूप से व्यावसायिक गतिविधियां चलाई जा रही हैं। अब तो पाॅश और नियमित कालोनियों में भी औद्योगिक इकाइयां चलाना आम बात है। इन इकाइयों का कहीं भी पंजीकरण नहीं कराया जाता। नगर निगम, डीडीए, पुलिस या अन्य एजेंसियों के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से बेखौफ कारोबार चलता रहता है।

यहां सबसे ज्यादा अवैध फैक्ट्रियां

एमसीडी की मानें तो खजूरी खास, नंदनगरी, दिलशाद गार्डन, विश्वास नगर, गांधी नगर, मंडावली, न्यू अशोक नगर, स्वरूप नगर, गाजीपुर, चिल्ला गांव, किराड़ी, सोनिया विहार, मौजपुर, चांद बाग, बुराड़ी, मंगोलपुरी, सुल्तानपुरी, जहांगीरपुरी, शालीमार बाग, पीतमपुरा, समयपुर बादली, नरेला, सागरपुर, डाबरी, बेगमपुर, संगम विहार, कालकाजी, जंगपुरा, भोगल, संजय काॅलोनी, खानपुर, अंबेडकर नगर, मदनगीर, मटियाला, ख्याला, तिलक नगर, नवादा, उत्तम नगर, करोल बाग, पटेल नगर, शादीपुर, इंद्रपुरी, नांगलोई, हरिनगर, पालम, कापसहेड़ा और बवाना के रिहायशी इलाकों में भी फैक्ट्रियां चल रही हैं।

बीते वर्षों में दी गई फायर एनओसी..

वर्ष———–सभी तरह के भवन फैक्ट्रियां

  • 2019———-2390———56
  • 2020———-1532———87
  • 2021———-2782———57
  • 2022———-1130———22

(नोट : वर्ष 2022 का आंकड़ा 1 जनवरी से 13 मई तक का है।)

कुछ भयावह अग्निकांड

  • 13 मई 2022 को मुंडका में मेट्रो स्टेशन के पास स्थित चार मंजिला व्यावसायिक इमारत में आग से 27 लोगों की मौत हुई थी जबकि 100 से अधिक लोग घायल हुए थे।
  • 8 दिसंबर 2019 को सदर बाजार की अनाज मंडी में एक फैक्ट्री में आग लगी थी जिसमें 43 लोगों की मौत हुई थी। फैक्ट्री में निकास के लिए मात्र छोटा सा दरवाजा था। आग रात में लगी थी, जिसमें रहने वाले श्रमिक गहरी नींद में थे। अधिकतर श्रमिकों की मौत धुएं के कारण हुई।
  • 12 फरवरी 2019 को करोलबाग में गुरुद्वारा रोड स्थित होटल अर्पित पैलेस में आग लगने से 17 लोगों की मौत हो गई थी।
  •  20 जनवरी 2018 को बाहरी दिल्ली के बवाना औद्योगिक क्षेत्र में सेक्टर-5 स्थित पटाखा फैक्ट्री में आग लग गई थी। हादसे में 17 लोगों की मौत हो गई थी और दो लोग घायल हुए थे।
  • 7 जुलाई 2017 को सीमापुरी की दिलशाद कालोनी में आग लगने से एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई थी।
  • 20 नवंबर 2011 को नंदनगरी ई-दो ब्लाॅक में गगन सिनेमा के पास सामुदायिक भवन में आग लग गई थी। यहां अखिल भारतीय किन्नर समाज सर्वधर्म सम्मेलन चल रहा था। हादसे में 14 किन्नरों की मौत हो गई थी, जबकि 40 घायल हो गए थे।
  • 13 जून, 1997 को ग्रीन पार्क स्थित उपहार सिनेमा में आग लगने से 59 लोगों की जान चली गई थी।

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